
शाओमी स्मार्टफोन पर उठे सवाल
Xiaomi की इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है। चीनी कंपनी के फोन की सुरक्षा पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने सवाल उठा दिए। हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब चीनी कंपनी के फोन की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं। दक्षिण कोरिया में चल रहे APEC सम्मेलन में Xiaomi के फोन पर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यूंग ने सवाल उठा दिए। हालांकि, यह मजाक के तौर पर किया गया लेकिन इससे चीनी कंपनी शाओमी की इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई।
क्या है मामला?
APEC में भाग लेने पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को उपहार के तौर पर Xiaomi का फोन दिया। फोन देखते ही दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्यूंग ने उसकी सुरक्षा को लेकर मजाक उड़ाया और कहा कि क्या कम्युनिकेशन लाइन सिक्योर है? हालांकि, इस पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ‘जांच कीजिए कहीं इसमें बैकडोर तो नहीं है?’
क्या है बैकडोर?
बता दें बैकडोर मोबाइल डिवाइस की सिक्योरिटी में सेंध लगाने का छिपा हुआ तरीका है, जिसका इस्तेमाल फोन से डेटा चुराने से लेकर सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। चीन में बने फोन पर कई बार आरोप लगते हैं कि इनमें बैकडोर होता है, जिसकी मदद से चीन की सरकार फोन इस्तेमाल करने वाले यूजर पर निगरानी रखते हैं। बैकडोर के जरिए डिवाइस की लगातार निगरानी की जा सकती है। यह बेसिक ऑथेंटिकेशन को बाईपास करके किसी सिस्टम, नेटवर्क या ऐप तक अनऑथोराइज्ड तरीके से पहुंचने का तरीका होता है।
कई बार सरकार या एजेंसी इस तरह के सिस्टम को वैध कारणों से बनाते हैं, जिसमें हैकर्स या अपराधियों को ट्रैक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कई ब्रांड के फोन में प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स या ब्लॉटवेयर होते हैं, जो बैकडोर से यूजर्स का डेटा चोरी करते हैं। इसे लेकर कई साइबर एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए हैं। चीनी कंपनियों के फोन पर इस तरह के सवाल उठते रहे हैं। अमेरिका में इसी वजह से Huawei और ZTE जैसे ब्रांड्स को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन कंपनियों के फोन या अन्य डिवाइसेज अमेरिका में बैन कर दिए गए हैं।
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