ढाका6 घंटे पहले
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गुरुवार को ढाका के कई इलाकों में प्रदर्शन और आगजनी हुई।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अदालत के फैसले से पहले देश में हिंसा बढ़ गई है। उनकी पार्टी अवामी लीग ने विरोध में पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ की मांग की है।
इसके जवाब में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता गुरुवार को ढाका के कई इलाकों में सड़कों पर उतर आए और कुछ जगहों पर जुलूस भी निकाले।
अल-जजीरा के मुताबिक बुधवार को 32 बम फटे और दर्जनों बसों को आग लगाई गई। गुरुवार रात ढाका एयरपोर्ट के पास भी दो और बम फटे, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।
राजधानी ढाका और बड़े शहरों में स्कूल ऑनलाइन कर दिए गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। राजधानी में 400 पैरामिलिट्री सैनिक तैनात किए गए।
सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध के मामले में फैसला सुनाएगी। हसीना पर 2024 में छात्र आंदोलन में हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।
बांग्लादेश में प्रदर्शन की तस्वीरें…

गुरुवार को ढाका के कई इलाकों में लोगों ने हाथों में मशाल लेकर जुलूस निकाली।

ढाका में बुधवार को दर्जनों बसों को आग लगा दी गई।

ढाका में कई जगहों पर टायर जलाकर प्रदर्शन किए गए।

13 नवंबर को ढाका में प्रदर्शन करते छात्र।
हसीना बोली- मेरे खिलाफ चल रहा मुकदमा झूठा तमाशा है
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। हसीना ने BBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा झूठा तमाशा है।
उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी तानाशाही सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1,400 तक लोग मारे गए थे।
हसीना ने साफ इनकार किया कि उन्होंने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया। कोर्ट में जुलाई 2024 का एक लीक ऑडियो सबूत पेश किया गया था, जिसमें हसीना हिंसा रोकने के लिए हथियारों के इस्तेमाल की बात कर रही थी।
हसीना बोलीं- मुझ पर इंटरनेशनल कोर्ट में केस चलाओ
हसीना ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केस का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि अगर यूनुस सरकार सच में ईमानदार है, तो मुझ पर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) में केस करो। हालांकि वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें पता है कि निष्पक्ष अदालत मुझे बरी कर देगी।
उन्होंने कहा कि यूनुस को कुछ पश्चिमी देशों का समर्थन मिला था, लेकिन अब वे भी उनका साथ छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने कट्टरपंथियों को सरकार में शामिल किया, अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया और संविधान को कमजोर किया।

बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश 12 नवंबर, 2025 को ढाका में सुप्रीम कोर्ट के बाहर पहरा देते हुए।
हसीना को फांसी देने की मांग
सरकारी वकील ने हसीना के खिलाफ पांच गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें हत्या, अपराध रोकने में नाकामी और मानवता के खिलाफ अपराध सबसे अहम हैं।
सरकारी वकील ने उनके लिए फांसी की सजा की मांग की है। मामले में बढ़ते तनाव को देखते हुए बांग्लादेश हाई अलर्ट पर है। देशभर के एयरपोर्ट्स और अहम इमारतों पर पुलिस और सेना की तैनाती बढ़ाई गई है।
पूर्व गृह मंत्री और पूर्व पुलिस प्रमुख को भी सजा देने की मांग
हसीना के अलावा और दो अन्य आरोपियों पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्लाह अल-मामुन के लिए मौत की सजा की मांग की जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, हसीना भारत से लौटने से इनकार कर रही हैं और उन्होंने कहा कि उन्हें बचाव का कोई मौका नहीं दिया गया।
उनके वकीलों ने संयुक्त राष्ट्र में अपील की है कि मुकदमे में निष्पक्षता और कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। उनकी पार्टी अवामी लीग पर फरवरी में होने वाले चुनाव लड़ने पर रोक है और अलग भ्रष्टाचार के मामले भी चल रहे हैं।
पूर्व पीएम शेख हसीना के आफिस में आगजनी
दूसरी तरफ बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग के मुख्यालय में आग लगा दी थी। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक करीब 10 से 15 लोगों ने इमारत की चौथी मंजिल पर लकडियां, पेपर कार्टन और अन्य सामान इकट्ठा करके आग लगा दिया।
5 अगस्त को अवामी लीग सरकार गिरने के बाद भी इसी इमारत में आग लगाई गई थी।
हिंसा-आगजनी के बाद हुए शेख हसीना का तख्तापलट
घटना की शुरुआत 5 अगस्त 2024 को हुई, जब बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया। इससे पहले और बाद में देशभर में भारी प्रदर्शन, आगजनी और हिंसा देखी गई।
सरकार पर आरोप लगे कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को गिरफ्तार कर टॉर्चर किया गया और फायरिंग की गई। हिंसा बढ़ने के बाद शेख हसीना ने देश छोड़कर भारत में शरण ली।
इसके बाद बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। उन्हें कोर्ट ने देश लौटकर केस में पेश होने का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने यह आदेश नहीं माना।
ट्रिब्यूनल के सरकारी वकील गाजी मुनव्वर हुसैन तमीम ने कहा कि 13 नवंबर को सिर्फ फैसला सुनाने की तारीख बताई जाएगी, उस दिन सजा नहीं सुनाई जाएगी। आमतौर पर फैसला घोषित होने में करीब एक हफ्ता लगता है।

बांग्लादेश में चुनाव के दिन ही जनमत संग्रह होगा
बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने जुलाई चार्टर पर जनमत संग्रह (रेफरेंडम) संसदीय चुनाव के दिन कराने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करना है।
जुलाई 2025 में, देश के राजनीतिक दलों और नागरिक संगठनों के बीच एक “जुलाई चार्टर” नाम का संविधान सुधार प्रस्ताव बना था। इसमें 4 अहम चीजें तय करने की कोशिश हुई थी।
- भविष्य में चुनाव कैसे होंगे
- सेना या न्यायपालिका की क्या भूमिका रहेगी
- भ्रष्टाचार और मानवाधिकार से जुड़ी नई नीतियां कैसी होंगी
- शेख हसीना पर लगे प्रतिबंध जारी रहेंगे या नहीं
जिस पार्टी को जितने वोट, उसे ऊपरी सदन में उतनी सीटें
यूनुस ने गुरुवार दोपहर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि जनमत संग्रह में जनता से जुलाई चार्टर को लागू करने के आदेश पर राय मांगी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके चार अलग-अलग हिस्से होंगे।
यूनुस ने कहा कि राजनीतिक दलों की अलग-अलग मांगों के बीच संतुलन बनाने के लिए 100 सदस्यीय ऊपरी सदन का गठन प्रतिनिधित्व के आधार पर किया जाएगा। यानी जिस पार्टी को जितने वोट मिलेंगे, उसी अनुपात में उसे सीटें दी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि जुलाई चार्टर को प्रोसेस में लाने की तैयारी अंतिम चरण में है और सरकारी राजपत्र (गजट) की अधिसूचना का इंतजार है। सरकार ने 3 नवंबर को चेतावनी दी थी कि सभी पार्टियों को एक सप्ताह के भीतर मतभेद सुलझाने होंगे, नहीं तो सरकार जरूरी कदम उठाएगी। लेकिन इसके बावजूद दलों के बीच मतभेद बने हुए हैं।

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बांग्लादेश ने पूर्व पीएम शेख हसीना के मीडिया इंटरव्यू पर नाराजगी जताई है। इंटरव्यू के कुछ ही घंटे बाद ने ढाका में भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर पवन बढे को तलब किया है। शेख हसीना ने बुधवार को PTI न्यूज एजेंसी को ईमेल इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने यूनुस सरकार पर कई आरोप लगाए। पूरी खबर पढ़ें…


