न्यूयॉर्क39 मिनट पहले
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“हमें मोदी को उसी तरह देखना चाहिए जैसे हम इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को देखते हैं। वे गुजरात 2002 के दंगों में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा के जिम्मेदार रहे हैं।”
27 मई 2025
“अरबपति जैसी कोई चीज ही नहीं होनी चाहिए। दुनिया में इतनी असमानता है। यहां किसी के पास भी इतना पैसा नहीं होना चाहिए।”
16 अक्टूबर, 2025
“अमेरिका को इजराइल को सैन्य सहायता तुरंत रोक देनी चाहिए जब तक वह गाजा और वेस्ट बैंक की नाकाबंदी और कब्जे को जारी रखे।”
10 अक्टूबर 2025
ये तीनों चर्चित बयान भारतवंशी जोहरान ममदानी ने पिछले 6 महीने में दिए हैं जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं। ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी से न्यूयॉर्क सिटी में मेयर पद के उम्मीदवार हैं।
कई सर्वे के मुताबिक भारतीय फिल्ममेकर मीरा नायर के बेटे जोहरान ममदानी की जीत तय मानी जा रही है। आज शाम भारतीय समय के मुताबिक 3:30 बजे मेयर पद के लिए वोटिंग शुरू हो जाएगी।

जीतने के लिए 50% वोट हासिल करना जरूरी
न्यूयॉर्क सिटी में रैंक चॉइस वोटिंग सिस्टम लागू है। इसमें वोटर तीनों उम्मीदवारों को पसंद के क्रम में रैंक कर सकता है (1, 2, 3)। अगर किसी को पहली पसंद में 50% वोट नहीं मिलते, तो सबसे कम वोट पाने वाला बाहर हो जाता है और उसके वोट दूसरी पसंद के आधार पर बांटे जाते हैं। यह तब तक चलता है जब तक कोई उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोट नहीं पाता।
वोटिंग के 1-2 दिन बाद शुरुआती नतीजे आते हैं, लेकिन अंतिम रिजल्ट आने में लगभग 1 हफ्ता लग सकता है, क्योंकि मेल-बैलट्स और अनुपस्थित वोटों की गिनती बाद में होती है।
अगर ममदानी जीतते हैं, तो वे पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर बनेंगे।

न्यूयॉर्क मेयर पद के लिए 3 दावेदार
ममदानी की जीत के रास्ते में 2 लोग खड़े हैं। न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रू कुओमो खुद भी डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुओमो का कहना है कि ममदानी की नीतियां इतनी खतरनाक हैं कि अगर वे जीते तो शहर में चल रहे बिजनेस तबाह हो जाएंगे। इसके जवाब में ममदानी उन्हें ‘ट्रम्प की कठपुतली’ करार दे चुके हैं।
ममदानी के दूसरे विरोधी रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा हैं। वे ममदानी और कुओमो दोनों को शहर के विकास का विरोधी बता चुके हैं।
पिछले महीने हुई डिबेट में सिल्वा ने दोनों पर तंज कसा, “जोहरान तुम्हारा रिज्यूमे एक नैपकिन में समा जाएगा और एंड्रयू तुम्हारी नाकामियां इतनी हैं कि पूरी लाइब्रेरी भर जाएगी।”
हालांकि सर्वे में न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो ममदानी के मुकाबले काफी पीछे रह गए हैं। वहीं रिपब्लिकन पार्टी से कर्टिस स्लिवा के भी जीतने की संभावना काफी कम है।

न्यूयॉर्क में 16 अक्टूबर को हुए मेयर पद के एक डिबेट के दौरान तीनों उम्मीदवार। ममदानी सबसे दाएं, कर्टिस स्लिवा (बीच में) और एंड्रयू कुओमो (सबसे बाएं)।
म्यूजिक ने रिबेल बनाया, फिर राजनीति में उतरे ममदानी
ममदानी राजनीति में आने से पहले हिप-हॉप रैपर थे। उनका सबसे मशहूर गाना ‘कांडा’ था, जो युगांडा में वायरल हुआ। इस गाने में युगांडा की राजधानी कम्पाला की जिंदगी और युवाओं की चुनौतियों को दिखाया गया था।
ममदानी कहते हैं कि संगीत के जरिए उन्होंने पहली बार महसूस किया कि समाज में असमानता और पहचान की राजनीति पर आवाज उठाना जरूरी है।
कॉलेज से निकलने के बाद ममदानी क्वींस चले गए। यहां उन्होंने प्रवासियों, किराएदारों और ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे आंदोलनों में हिस्सा लिया। इसी दौरान साल 2017 में ममदानी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की।
2020 में वो न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए। 2022 और 2024 में उन्हें निर्विरोध जीत मिली। अपने कार्यकाल के दौरान ममदानी ने ऐसे मुद्दे उठाए जो सीधे आम लोगों से जुड़े थे। इससे उन्हें खूब पॉपुलैरिटी मिली।
उन्होंने किफायती आवास को न्यूयॉर्क के हर लोगों का अधिकार बताया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करने की मांग की और न्यूनतम वेतन को 30 डॉलर प्रति घंटा (करीब ₹2,578) करने का प्रस्ताव रखा।
अब तक ममदानी ने विधानसभा में 20 विधेयकों का समर्थन किया है, जिनमें से 3 कानून के रूप में पारित हो चुके हैं। इनमें से एक बिल किराए पर रोक (रेंट कैप) को लेकर था, जिसने शहर के मध्यवर्गीय और प्रवासी इलाकों में उन्हें काफी लोकप्रिय बना दिया। इस साल की शुरुआत में उन्होंने सीरियाई-अमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से शादी की। दोनों की मुलाकात डेटिंग एप हिंज पर हुई थी।

राजनीति में आने से पहले ममदानी मिस्टर कार्डामम के नाम से म्यूजिक बनाते थे। (फोटो-यूट्यूब)
ममदानी के 4 बड़े चुनावी वादे
1. घरों का किराया फ्रीज करना, ताकि किराएदारों पर महंगाई का बोझ न बढ़े।
2. सभी के लिए फ्री बस सर्विस, कामकाजी तबका और छात्रों को राहत मिले।
3. सरकारी किराना दुकानें खोलना, ताकि जरूरी चीजें किफायती दामों पर मिलें।
4. बच्चों के लिए मुफ्त डे-केयर सुविधा, जिससे कामकाजी परिवारों को राहत मिले।
ममदानी को पागल कम्युनिस्ट बता चुके ट्रम्प
ममदानी का चुनावी एजेंडा सीधा आम लोगों की जेब और उनके रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा है। वे वादा कर रहे हैं कि न्यूयॉर्क को ऐसा शहर बनाया जाएगा जहां हर व्यक्ति सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सके।
ममदानी का कहना है कि इन योजनाओं के लिए फंडिंग बड़े कॉर्पोरेशंस और शहर के अमीर तबके पर नए टैक्स लगाकर की जाएगी। उनका अनुमान है कि इससे करीब 9 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं।
इन टैक्सों के लिए ममदानी को न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली और गवर्नर कैथी होचुल का समर्थन चाहिए होगा। गवर्नर ने उनका समर्थन तो किया है, लेकिन कहा है कि वे इनकम टैक्स बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प उनकी नीतियों से खुश नहीं दिखते। वे जोहरान ममदानी को पागल कम्युनिस्ट करार दे चुके हैं। वे कह चुके हैं कि अगर ममदानी जीते तो वे शहर की फंडिंग रोक देंगे।
ममदानी के वादों से अमीर बिजनेसमैन परेशान
ममदानी के वादों से शहर के कारोबारी भी परेशान हैं। जब जून में उन्होंने डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीती, तो वॉल स्ट्रीट में चिंता बढ़ गई थी। कई कारोबारियों ने शहर छोड़ने की धमकी तक दे दी थी।
कुछ बिजनेसमैन ने कहा था कि न्यूयॉर्क अब बर्बाद होने से बस एक कदम दूर है।
ममदानी खुद को ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट’ कहते हैं, यानी वे कॉर्पोरेट्स के बजाय आम लोगों की नीतियों के पक्षधर हैं। ट्रम्प ने धमकी दी है कि अगर न्यूयॉर्क वालों ने एक ‘कम्युनिस्ट’ को चुना तो शहर की फंडिंग रोक दी जाएगी।
ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी धड़े (DSA) से जुड़े हैं। यह गुट बड़ी कंपनियों, अरबपतियों और डेमोक्रेटिक पार्टी की पारंपरिक नीतियों का विरोधी है। अगर ममदानी जीतते हैं तो यह सिस्टम के अंदर रहकर सिस्टम को चुनौती देने वाली जीत मानी जाएगी।

दुनिया का सबसे ताकतवर शहर न्यूयॉर्क
न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका का दिल कहा जाता है। यहां का मेयर होना सिर्फ एक शहर का मुखिया बनना नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक कुर्सियों में से एक पर बैठने जैसा है। यही वजह है कि इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें हैं।
न्यूयॉर्क की सालाना GDP करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर है। यानी कि अकेला न्यूयॉर्क सिटी, पूरे भारत की GDP के आधे से भी ज्यादा है। न्यूयॉर्क का मेयर शहर के प्रशासन, पुलिस, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग, एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम पर कंट्रोल रखता है।

चुनाव जीते तो शहर के 111वें मेयर होंगे ममदानी
न्यूयॉर्क सिटी का अपना अलग बजट (100 अरब डॉलर से ज्यादा) और नियम-कानून हैं। मेयर तय करते हैं कि टैक्स का पैसा कहां खर्च होगा, कौन-सी नीतियां लागू होंगी, और शहर किस दिशा में बढ़ेगा। यानी कि यह एक मिनी-प्रधानमंत्री जैसा रोल है।
न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। यहां वॉल स्ट्रीट है, दुनिया की मीडिया कंपनियां हैं और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी यहीं है। इसलिए मेयर के फैसले सिर्फ शहर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डालते हैं।
न्यूयॉर्क सिटी के मेयर अक्सर राष्ट्रीय राजनीति के बड़े चेहरे बन जाते हैं। माइकल ब्लूमबर्ग राष्ट्रपति पद तक पहुंचे और रूडी गिउलियानी 9/11 के बाद राष्ट्रीय नायक बने।

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ममदानी बोले- मोदी सरकार अल्पसंख्यकों पर हिंसा कर रही:न्यूयॉर्क मेयर उम्मीदवार का गुरुद्वारे में विवादित बयान; भारतीय सांसद बोलीं- उसकी स्क्रिप्ट क्या पन्नू लिख रहा

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने शुक्रवार को एक गुरुद्वारे में पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि मोदी और भारत सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की नीति अपनाती है।
ममदानी ने कहा कि मेयर एरिक एडम्स ने शहर में रहना बेहद महंगा कर दिया है और साथ ही पीएम मोदी और भारत सरकार से नजदीकी बढ़ाई है, जो हमारी कम्युनिटी के खिलाफ हिंसा की नीति अपनाती है। पूरी खबर यहां पढ़ें…


                                    