उत्तर प्रदेश बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 2026 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अहम खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि इस बार दोनों कक्षाओं को मिलाकर कुल 52 लाख 30 हजार 297 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे. इनमें हाईस्कूल (10वीं) में 27 लाख 50 हजार 945 और इंटरमीडिएट (12वीं) में 24 लाख 79 हजार 352 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है. ये आंकड़े यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को जारी किए. हैरानी की बात यह है कि पिछले साल की तुलना में इस बार परीक्षार्थियों की संख्या में करीब 2 लाख की कमी आई है. इसके अलावा परीक्षा केंद्रों की संख्या भी घटने का अनुमान है.
कई बार बढ़ी रजिस्ट्रेशन की तारीख
बता दें कि यूपी बोर्ड देश का सबसे बड़ा परीक्षा बोर्ड है. इसकी 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जुलाई में शुरू हुई थी, जो अगस्त-सितंबर तक चली. इस दौरान बोर्ड ने रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख कई बार बढ़ाई, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र फॉर्म भर सकें. दरअसल, रजिस्ट्रेशन की शुरुआत 15 जुलाई 2025 को हुई, जो बिना लेट फीस के 5 अगस्त तक चला. इसके बाद लेट फीस के साथ 16 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन कराए गए. वहीं, बोर्ड ने एक और एक्सटेंशन दिया, जिसमें फीस जमा करने की आखिरी तारीख 1 सितंबर 2025 कर दी.
कक्षा 9 और 11 में भी अग्रिम पंजीकरण
बोर्ड ने आगामी सत्र की तैयारी के लिए कक्षा 9 और 11 में भी कुल 49,46,134 छात्रों का अग्रिम पंजीकरण कराया है. इससे बोर्ड को परीक्षा व्यवस्था, प्रश्नपत्रों की छपाई और केंद्र निर्धारण की योजना समय रहते बनाने में मदद मिलेगी.
आवेदन पत्र में त्रुटि संशोधन की अंतिम तिथि
बोर्ड ने छात्रों को आवेदन पत्र में गलती सुधारने का मौका दिया है. कक्षा 10 और 12 के फॉर्म में सुधार 31 अक्टूबर तक किया जा सकता है. कक्षा 9 और 11 के आवेदन संशोधन की आखिरी तिथि 5 नवंबर तय हुई है. छात्रों और विद्यालयों को इन तिथियों को गंभीरता से लेने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं.
प्रश्नपत्र और कॉपियों की तैयारी जारी
बोर्ड अधिकारी परीक्षा की तैयारियों में जुट चुके हैं. प्रश्न पत्र तैयार करवाने, मॉडरेशन और उत्तरपुस्तिकाओं (कॉपियों) की छपाई का काम तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही सुरक्षा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है.
सेंटर्स की संख्या भी घटेगी?
परीक्षा केंद्रों की बात करें तो इनकी संख्या कम होने का भी अंदेशा जताया जा रहा है. पिछले साल 8 हजार से ज्यादा सेंटर्स बनाए गए थे, लेकिन इस बार संख्या घटकर 7 हजार के आसपास रह सकती है. बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि सेंटर्स को बैलेंस किया जाएगा, जिससे किसी भी स्टूडेंट को दूर नहीं जाना पड़ेगा. हालांकि, सेफ्टी और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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