
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। इस एक्सप्रेसवे पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की कमी देखी गई थी जिसको लेकर मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिले थे। जानकारी मिलते ही इस केंद्रीय मंत्री गडकरी ने एक्सप्रेसवे पर लाइटें लगाने के आदेश जारी कर दिए। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, रोशनी न होने की वजह से इस एक्सप्रेसवे पर हादसे बढ़ रहे थे, जिसको देखते हुए सांसद ने यह पहल की है।
यात्रियों को असुविधा होती थी
डासना से मेरठ फेज 4 के बीच इस एक्सप्रेस पर आने वाले कुछ दिनों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो जाएगी। सांसद अरुण गोविल ने बताया कि उन्होंने नितिन गडकरी से मिलकर इस बात के लिए अनुरोध किया था। लंबे समय से लंबित यह मांग अब पूरी होने जा रही है। रोशनी न होने से यात्रियों को असुविधा होती थी और सुरक्षा को लेकर हमेशा संशय बना रहता था, जो अब काफी हद तक खत्म हो जाएगी।
एनएचएआई ने दी स्वीकृति
गोविल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई, गाजियाबाद ने इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से अपनी स्वीकृति दे दी है। रोशनी की कमी वाले 30 किलोमीटर लंबे मार्ग पर रोशनी की सुविधा आ जाने से पैसेंजर रात में एक्सप्रेसवे से सकुशल अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। उन्हें अधिक सुरक्षित और तनावमु्क्त यात्रा का अनुभव होगा। सांसद ने इसके लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया।
भारत का पहला 14-लेन वाला हरित एक्सप्रेसवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, भारत का पहला 14-लेन वाला हरित एक्सप्रेसवे है। यह परियोजना, जिसे एचएएम के तहत विकसित किया गया है, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच यातायात की भारी भीड़ को कम करने, यात्रा के समय को घटाने और पर्यावरणीय प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से डिज़ाइन की गई है।
यह एक्सप्रेसवे न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से अत्याधुनिक है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता देता है। इसके निर्माण में हरित पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विशेष उपाय किए गए हैं, जैसे कि ग्रीन कवर, नमीयुक्त मार्ग और सौर ऊर्जा का उपयोग, जो इसे एक इको-फ्रेंडली विकल्प बनाते हैं।


