4 घंटे पहले
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पिछले साल सितंबर में मोदी और जेलेंस्की की अमेरिका में मुलाकात हुई थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को पीएम मोदी को फोन कर बातचीत की। जेलेंस्की ने X पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा- मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लंबी बातचीत की। हमने द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक कूटनीतिक पर विस्तार से चर्चा की।
जेलेंस्की ने मोदी को यूक्रेन पर रूसी हमलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा- मैंने उन्हें (पीएम मोदी को) हमारे ऊपर रूसी हमलों के बारे में बताया, खासकर कल जापोरिझिया में बस स्टेशन पर हुए हमले के बारे में, जहां रूस ने जानबूझकर एक शहर पर बमबारी की, जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए।
जेलेंस्की ने कहा कि- भारत हमारे शांति प्रयासों का समर्थन कर रहा है और इस बात पर सहमत है कि यूक्रेन से जुड़ा हर फैसला यूक्रेन की भागीदारी के साथ ही होना चाहिए।
जेलेंस्की ने भारत को रूस से तेल खरीद कम करने को कहा
जेलेंस्की ने मोदी से रूस पर प्रतिबंध लगाने पर भी बात की और रूस के तेल निर्यात को सीमित करने को कहा। जिससे जंग को बढ़ाने की उसकी क्षमता कम हो सके।
जेलेंस्की ने मोदी से सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान व्यक्तिगत मुलाकात करने की बात कही। साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के देशों की यात्राओं पर विचार करने का फैसला किया है।
जेलेंस्की बोले- यूक्रेन का दूसरी बार बंटवारा नहीं होने देंगे
इस बातचीत से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि रूस को किसी भी हाल में यूक्रेन का दूसरा बंटवारा करने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रूस के जमीन देकर नहीं, बल्कि न्यायपूर्ण तरीके से जंग खत्म करके ही शांति आ सकती है।
जेलेंस्की ने कहा, हम इस दूसरे बंटवारे की कोशिश को नाकाम करेंगे। हम रूस को जानते हैं। जहां दूसरा बंटवारा होगा, वहां तीसरा भी होगा। इसलिए हम अपनी पोजिशन पर डटे हैं। युद्ध का अंत शांति और मजबूत सुरक्षा ढांचे के साथ होना चाहिए।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 15 अगस्त को अलास्का में मिलने वाले हैं। इसमें जंग खत्म करन पर बात होनी है। ट्रम्प पहले कह चुके हैं कि जंग खत्म करने के लिए कुछ इलाकों की अदला-बदली करनी होगी।
मोदी ने 2024 में यूक्रेन का दौरा किया था
मोदी ने जेलेंस्की के निमंत्रण पर 23 अगस्त 2024 को यूक्रेन का दौरा किया था। साल 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी।
इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करने को लेकर सहमति जताई थी।

नरेंद्र मोदी 23 अगस्त, 2024 को कीव में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक में भाग लेते हुए।
शुक्रवार को मोदी की पुतिन से बात हुई थी
पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी। ट्रम्प टैरिफ विवाद के बीच पीएम मोदी और पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
पीएम मोदी ने X पर लिखा- मेरी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बहुत अच्छी और डिटेल बातचीत हुई। मैंने यूक्रेन के हालात पर जानकारी शेयर करने के लिए उन्हें धन्यवाद कहा। हमने अपने आपसी सहयोग बढ़ाने और भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई। मैं इस साल के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा का इंतजार कर रहा हूं।
पुतिन इस साल भारत आएंगे
राष्ट्रपति पुतिन इस साल के आखिरी हफ्ते में भारत दौरे पर आएंगे। रूसी न्यूज एजेंसी तास ने कल यह जानकारी NSA अजीत डोभाल के हवाले से दी थी। अब पीएम मोदी से हुई बातचीत के बाद यह तय है कि पुतिन इस साल के आखिर में भारत आएंगे।
डोभाल ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात में कहा था, “अब हमारे रिश्ते बहुत खास बन गए हैं, जिनकी हम कदर करते हैं। हमारे देशों के बीच एक मजबूत साझेदारी है और हम हाई लेवल पर बातचीत करते हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से रूस के साथ भारत के संबंधों पर की गई टिप्पणियों की वजह से ये यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।
ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने को वजह बताकर ही भारत पर पहले 25% फिर 50% टैरिफ लगाया है।

2021 में पुतिन महज कुछ घंटे के लिए भारत आए थे, उन्होंने नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
2024 में दो बार रूस गए थे मोदी
PM मोदी ने साल 2024 में दो बार रूस की यात्रा की थी। वे BRICS समिट के लिए 22 अक्टूबर को रूस गए थे। इससे पहले जुलाई में भी मोदी ने दो दिन का रूस दौरा किया था। तब उन्होंने पुतिन को भारत आने का न्योता दिया था।

भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार
भारत, चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत रूस से सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल इम्पोर्ट करता था। मई 2023 तक यह बढ़कर 45% (20 लाख बैरल प्रतिदिन) हो गया, जबकि 2025 में जनवरी से जुलाई तक भारत हर दिन रूस से 17.8 लाख बैरल तेल खरीद रहा है।
पिछले दो साल से भारत हर साल 130 अरब डॉलर (11.33 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा का रूसी तेल खरीद रहा है।

जानिए क्यों शुरू हुई रूस-यूक्रेन की जंग
फरवरी 2022- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हमले का ऐलान करते ही यूक्रेन में रूसी टैंक धड़धड़ाते हुए घुसने लगे। तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोले- पुतिन से बातचीत का कोई प्लान नहीं है। उन्होंने पूरी दुनिया को खतरे में डाल दिया है। रूस को यूक्रेन पर हमले की गंभीर कीमत चुकानी होगी।
फरवरी 2025- अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पुतिन से फोन पर 90 मिनट तक बात की। इसके बाद सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस और अमेरिकी के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें यूक्रेन को नहीं रखा गया। ट्रम्प ने पुतिन की तारीफ की और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को ‘तानाशाह’ कह दिया।
मई 2025- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति बातचीत 2025 में तेज हुई, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के बाद। हाल के दिनों में कैदी अदला-बदली हुई है, लेकिन क्षेत्रीय नियंत्रण और सुरक्षा गारंटी पर मतभेद बने हुए हैं।
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PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच संबंध 17 जून को फोन पर 35 मिनट बातचीत हुई थी, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत ज्यादा खराब हो गए। यह दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई थी जब ट्रम्प कनाडा में G7 समिट से जल्दी निकल गए। मोदी और ट्रम्प के बीच मुलाकात होने वाली थी, लेकिन ये नहीं हो पाई। यहां पढ़ें पूरी खबर…