कीव/ मास्को3 घंटे पहले
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रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद न्यूक्लियर पावर प्लांट जिस पर यूक्रेन ने हमला किया।
रूसी मीडिया के मुताबिक यूक्रेन ने शनिवार देर रात रूस के कुर्स्क क्षेत्र के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ड्रोन हमला किया। यह घटना तब हुई जब यूक्रेन अपना 34वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा था। रूस ने आरोप लगाया कि हमले से न्यूक्लियर प्लांट में आग लग गई।
रूसी अधिकारियों ने बताया कि रात भर में कई बिजली और एनर्जी प्लांट पर भी हमले हुए। हालांकि न्यूक्लियर प्लांट में लगी आग को जल्द ही बुझा लिया गया और कोई घायल नहीं हुआ। हमले से बस एक ट्रांसफॉर्मर को नुकसान पहुंचा है।
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि रात भर में 95 से ज्यादा यूक्रेनी ड्रोन नष्ट किए गए। दूसरी ओर, यूक्रेन ने कहा कि रूस ने रात भर में 72 ड्रोन और एक क्रूज मिसाइल दागी, जिनमें से 48 ड्रोन नष्ट कर दिए गए।

आज यूक्रेन का 34वां स्वतंत्रता दिवस है।
जेलेंस्की बोले- यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ता रहेगा
रूस पर यह हमला यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हुआ है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन अपनी स्वतंत्रता के लिए तब तक लड़ता रहेगा, जब तक उसकी शांति की अपील नहीं सुनी जाती।
जेलेंस्की ने देश की ताकत और शांति की इच्छा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसा यूक्रेन बना रहे हैं जो सुरक्षित और शांतिपूर्ण हो। हमारा भविष्य हमारे हाथ में है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘यूक्रेन अभी तक जीता नहीं है, लेकिन हारा भी नहीं है।’
जेलेंस्की ने हाल ही में अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया यूक्रेन का सम्मान करती है और उसे बराबरी का दर्जा देती है। आज यूक्रेन और रूस ने 146-146 कैदियों की अदला-बदली भी की।
नॉर्वे, यूक्रेन को 6 हजार करोड़ रूपए की सैन्य सहायता देगा
यूक्रेन में स्वतंत्रता दिवस समारोह में अमेरिकी विशेष दूत कीथ केलॉग मौजूद थे, जिन्हें जेलेंस्की ने यूक्रेनी ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी रविवार सुबह जेलेंस्की से मिलने कीव पहुंचे। जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रिय यरमाक ने कहा कि कनाडा हमेशा यूक्रेन के साथ खड़ा रहा है।
वहीं, नॉर्वे ने रविवार को यूक्रेन के लिए 6 हजार करोड़ रूपए की सैन्य सहायता की घोषणा की, जिसमें हवाई रक्षा प्रणाली और रडार शामिल हैं। नॉर्वे और जर्मनी मिलकर दो पैट्रियट सिस्टम और मिसाइलों को फंड कर रहे हैं।
सीजफायर को लेकर ट्रम्प से मिले थे जेलेंस्की
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 18 अगस्त को व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय लीडर्स के साथ मीटिंग की थी। इसमें रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर पर सहमति नहीं बनी थी। ट्रम्प ने कहा कि फिलहाल इतनी जल्दी सीजफायर संभव नहीं है।
हालांकि मीटिंग में यूक्रेन की सुरक्षा गारंटी पर चर्चा हुई। ट्रम्प ने कहा था कि अमेरिका और यूरोपीय देश मिलकर इस पर काम करेंगे। वहीं, रूसी राष्ट्रपति ऑफिस (क्रेमलिन) ने बताया कि ट्रम्प ने मीटिंग रोककर पुतिन से फोन पर 40 मिनट बात की थी।
इस दौरान पुतिन ने रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच सीधे बातचीत का समर्थन किया। जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्त्ज ने बताया था कि ट्रम्प के साथ फोन पर बातचीत के दौरान पुतिन 15 दिन के भीतर जेलेंस्की से मुलाकात को राजी हो गए।
मीटिंग के बाद जेलेंस्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि यूक्रेन सुरक्षा गारंटी के बदले यूरोप के पैसों से 90 अरब डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपए) के अमेरिकी हथियार खरीदेगा।

जेलेंस्की की मांग- बिना शर्त सीजफायर हो
दोनों देशों के बीच जंग की बड़ी वजह रूस का यूक्रेनी जमीन पर कब्जा है। जेलेंस्की ने ट्रम्प से बातचीत के दौरान कहा था कि वो यूक्रेन की एक इंच जमीन भी रूस को नहीं देंगे।
उनका मानना है कि अगर यूक्रेन अभी पीछे हटता है तो इससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा कमजोर हो सकती है। साथ ही रूस को भविष्य में और ज्यादा हमले करने का मौका मिल सकता है।
ट्रम्प ने 13 अगस्त को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इस मीटिंग में ट्रम्प ने जंग खत्म करने के लिए जमीन अदला-बदली की बात कही थी।
इस पर जेलेंस्की ने कहा- यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर किसी भी तरह का फैसला हमारे संविधान और जनता की इच्छा को ध्यान में रखे बिना नहीं हो सकता।
हमारे सिद्धांत और हमारी जमीन से जुड़े फैसले नेताओं के स्तर पर ही होंगे, लेकिन इसमें यूक्रेन की भागीदारी जरूरी है। जेलेंस्की ने बिना किसी शर्त के युद्धविराम की मांग की।
पुतिन का यूक्रेन के 20% हिस्से पर कब्जा छोड़ने से इनकार
रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी लगभग 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
रूस इन क्षेत्रों को अपनी सामरिक और ऐतिहासिक धरोहर मानता है और इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है।
पुतिन साफ कह चुके हैं कि यूक्रेन से शांति को लेकर बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन, रूस के कब्जाए गए क्षेत्रों से अपना दावा छोड़े और उन इलाकों को रूस के हिस्से के रूप में स्वीकारे।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बैठक का नतीजा चाहे जो भी रहे वो यूक्रेन का समर्थन करते रहेंगे। पूरी खबर पढ़ें…