Monday, August 4, 2025
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UK India Transnational Repression report human rights | ब्रिटेन ने भारत को दमनकारी देशों की लिस्ट में डाला: खालिस्तानी संगठन का जिक्र किया, कहा- ब्रिटिश लोगों की आवाज दबाने की कोशिश हो रही


लंदन12 मिनट पहले

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ब्रिटेन की एक संसदीय समिति ने गुरुवार को दमनकारी देशों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें भारत का भी नाम है। ‘ट्रांस नेशनल रिप्रेशन इन द यूके’ नाम की इस लिस्ट में 12 देश शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ विदेशी सरकारें UK में रहने वाले लोगों को डराने और उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।

इस रिपोर्ट में भारत के अलावा बहरीन, चीन, मिस्र, इरिट्रिया, ईरान, पाकिस्तान, रूस, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्किये और UAE का नाम भी शामिल है।

कमेटी ने UK में विदेशी सरकारों की एक्टिविटी को मानवाधिकारों के लिए खतरा बताया और ब्रिटिश सरकार से इस पर कार्रवाई करने की मांग की। भारत ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया।

रिपोर्ट में खालिस्तानी संगठन का जिक्र

रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी सरकारों की तरफ से ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को निशाना बनाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। रिपोर्ट के साथ प्रकाशित सबूतों में भारत के मामले में आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) का जिक्र है।

यह एक खालिस्तान समर्थक संगठन है, जिसे भारत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत “गैरकानूनी संगठन” घोषित किया है।

रिपोर्ट में दावा- लोग में डर बढ़ रहा

जॉइंट कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स (JCHR) नाम की यह कमेटी ब्रिटेन में मानवाधिकारों की जांच करती है। इसमें अलग-अलग दलों के सांसद शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देश यूके में लोगों को डराने का काम कर रहे हैं।

कमेटी को ऐसे सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कई देशों पर ब्रिटेन की जमीन पर लोगों को निशाना बनाने का आरोप है। इससे लोगों में डर बढ़ रहा है, उनकी बोलने और घूमने की आजादी घट रही है।

2023 में लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने इंडियन हाईकमीशन के बाहर प्रदर्शन किया था।

2023 में लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने इंडियन हाईकमीशन के बाहर प्रदर्शन किया था।

2022 के बाद ऐसे मामलों में 48% की बढ़ोतरी

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ऐसी कार्रवाइयों का निशाना बनने वाले लोगों की जिंदगी पर असर पड़ रहा है। JCHR ने ब्रिटिश सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि मानवाधिकारों की रक्षा हो सके।

ब्रिटेन की सुरक्षा एजेंसी MI5 की जांच में ऐसे मामलों में 2022 के बाद 48% की बढ़ोतरी हुई है। यह भी बताया गया कि कुछ देश इंटरपोल के नियमों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

इसमें चीन, रूस और तुर्की का नाम सबसे ऊपर है, लेकिन भारत और कुछ अन्य देशों पर भी ऐसे आरोप लगे हैं।

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