वॉशिंगटन41 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प 15 अगस्त को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि बैठक से जुड़ी जानकारियां जल्द बताई जाएंगी। ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं कि वह पुतिन से जल्द मिलकर यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर बातचीत करना चाहते हैं।
इससे पहले बुधवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने बताया था,

रूस ने ट्रम्प से मुलाकात की इच्छा जताई है। ट्रम्प पुतिन और जेलेंस्की दोनों से मिलने को तैयार हैं।
अमेरिका और रूस के राष्ट्रपति आखिरी बार जून 2021 में मिले थे। उस वक्त तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पुतिन ने जिनेवा में मुलाकात की थी।

रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प इसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय बातचीत भी करना चाहते हैं। वे इस बातचीत में पुतिन को भी शामिल करना चाहते हैं। (फाइल फोटो)
अमेरिका के विशेष दूत पुतिन से मिले थे
ट्रम्प के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने बुधवार को पुतिन से मुलाकात की थी। ट्रम्प ने इस बैठक को अहम बताया। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन के सलाहकार यूरी उशाकोव ने बताया था कि दोनों देशों ने यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत की।

तस्वीर रूस की राजधानी मॉस्को में पुतिन और स्टीव विटकॉफ की मुलाकात की है।
ट्रम्प अब तक 4 बार रूसी राष्ट्रपति से बात कर चुके हैं…
- 12 फरवरी, 2025: ट्रम्प और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की।
- 18 मार्च, 2025: दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्धविराम और शांति पर बात की।
- 19 मई, 2025: दो घंटे से अधिक की बातचीत में यूक्रेन युद्ध समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
- 4 जून, 2025: यूक्रेन और ईरान के मुद्दे पर दोनों नेताओं में 1 घंटे बातचीत हुई।
हवाई हमले रोकने का प्रस्ताव दे सकता है रूस
रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस हवाई हमले रोकने के लिए एक अस्थाई प्रस्ताव दे सकता है। यह प्रस्ताव बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने पिछले हफ्ते पुतिन से मुलाकात के दौरान रखा था।
हालांकि यह पूर्ण युद्धविराम नहीं होगा, लेकिन इससे दोनों पक्षों के लिए एक राहत हो सकती है।
फिलहाल रूस ने मई के बाद से यूक्रेन पर सबसे भारी हवाई हमले किए हैं। इनमें कीव में ही 72 लोगों की मौत हुई है। ट्रम्प ने इन हमलों को घिनौना बताया था।
यूक्रेन ने भी रूसी तेल रिफाइनरियों और डिपो पर हमले जारी रखे हुए हैं।