वॉशिंगटन डीसी30 मिनट पहले
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को भारत पर 20 से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के संकेत दिए। एयर फोर्स वन में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रम्प ने एक रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी। इसमें कहा गया था कि भारत 20 से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहा है।
ट्रम्प ने कहा कि भारत एक अच्छा दोस्त रहा है, लेकिन वह दूसरे देशों के मुकाबले अमेरिका पर ज्यादा टैरिफ लगाता रहा है। अब मैं इंचार्ज हूं इसलिए यह सब खत्म हो जाएगा। ट्रम्प ने इस दौरान फिर से भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा किया।
ट्रम्प की प्रतिक्रिया टैरिफ लागू होने की तारीख 1 अगस्त से पहले आई है। हालांकि, ट्रंप ने भारत को टैरिफ लगाने के बारे में कोई चिट्ठी नहीं भेजी है। जैसा कि उन्होंने कई दूसरे देशों के लिए किया है।
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को 100 से ज्यादा देशों पर टैरिफ लगाया था। तब उन्होंने भारत पर 26% टैरिफ लगाया था। हालांकि, बाद में उन्होंने इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया।

ट्रम्प ने पहले कहा था- भारत हमारे सामानों पर टैक्स नहीं लगाएगा डोनाल्ड ट्रम्प ने 17 जुलाई को कहा था कि जल्द ही अमेरिकी उत्पादों को भारत के बाजारों में पहुंच मिलने वाली है। इंडोनेशिया फॉर्मूले के तरह अमेरिकी उत्पादों पर भारत में भी जीरो टैरिफ लगेगा।
ट्रम्प ने कहा था- हमने कई देशों के साथ समझौते किए हैं। हमारा एक और समझौता होने वाला है, शायद भारत के साथ। हम बातचीत कर रहे हैं। जब मैं लेटर भेजूंगा तो वो समझौता हो जाएगा।
ट्रम्प ने 15 जुलाई को इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ लगाया था। 1 अगस्त से इंडोनेशिया से अमेरिका जाने वाले सामानों पर 19% टैरिफ लगेगा। वहीं, अमेरिकी सामानों पर इंडोनेशिया में कोई टैरिफ नहीं लगेगा।

अमेरिकी टीम ट्रेड डील के लिए 25 अगस्त को भारत आएगी बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर छठे राउंड की चर्चा के लिए अमेरिकी अधिकारी 25 अगस्त को भारत आएंगे।
दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड एग्रीमेंट्स का पहला चरण पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी तलाशी जा रही है।
ट्रेड डील को लेकर बातचीत का पिछला राउंड वाशिंगटन में हुआ था। वहां भारत के चीफ नेगोशिएटर राजेश अग्रवाल और US ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने चर्चा की थी। पूरी खबर पढ़ें…

भारत 10% से कम टैरिफ चाहता है: रिपोर्ट ब्लूमबर्ग के मुताबिक भारत चाहता है कि टैरिफ रेट 10% से कम हो। इसके बदले में अमेरिका अपने उत्पादों के लिए भारत में कुछ रियायतें चाहता है।
हालांकि, भारत साफ कर चुका है कि वह अपने कृषि और डेयरी क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए नहीं खोलेगा। भारत गैर-कृषि क्षेत्रों में समझौता करने को तैयार है।
अमेरिका के टैक्स कम करने पर भारत अमेरिकी औद्योगिक सामानों पर टैक्स पूरी तरह से खत्म करने की भी पेशकश कर चुका है। इसके अलावा बोइंग से और विमान खरीदने की भी संभावना जताई है।

1 अगस्त तक समझौता होना जरूरी इस पूरे मुद्दे की एक अहम बात यह है कि अगर भारत 1 अगस्त तक अमेरिका के साथ समझौते पर नहीं पहुंचता है, तो अमेरिकी सरकार भारतीय सामानों पर 16 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगा सकती है।
यह टैक्स पहले से लागू 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ के अलावा होगा। ऐसे में भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में सामान बेचना महंगा हो सकता है।
हालांकि, भारत साफ कर चुका है कि वह समय सीमा की वजह से किसी समझौते को मंजूर नहीं करेगा। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल कह चुके हैं कि भारत तभी समझौते पर साइन करेगा, जब वह पूरी तरह से तैयार हो, भारत के हित में हो और ठीक से परखा गया हो।