वॉशिंगटन डीसी22 मिनट पहले
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को 7 और देशों के लोगों के अमेरिका आने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया। इसके साथ ही फिलिस्तीनियों पर भी रोक लगा दिया है। यह फैसला पिछले महीने व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स पर एक अफगान शरणार्थी की गोलीबारी के बाद लिया गया है।
साथ ही 15 दूसरे देशों पर आंशिक बैन (स्थायी निवास पर रोक) लगाए गए हैं। ट्रम्प ने मंगलवार को इसके लिए एक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इससे अमेरिका आने पर पूर्ण या आंशिक यात्रा प्रतिबंध लगने वाले देशों की संख्या 39 हो गई है।
19 देशों पर पहले से ही यात्रा प्रतिबंध लागू हैं। इनमें से 2 देश लाओस और सिएरा लियोन पर अब पूर्ण रोक लागू कर दी गई है। इससे पूर्ण प्रतिबंध वाले देशों की संख्या 7 हुई।
यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक सुरक्षा, कमजोर जांच प्रणाली और वीजा ओवरस्टे (वीजा खत्म होने के बाद भी रुकना) की उच्च दरों का हवाला देकर उठाया गया है। ये नए प्रतिबंध 1 जनवरी से लागू होंगे। घोषणा में स्थायी निवासियों, राजनयिकों, एथलीटों को छूट दी गई है।

ट्रम्प ने मंगलवार को नागरिकता प्रकिया रोकने वाले घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए।
तुर्कमेनिस्तान से नॉन-इमिग्रेंट वीजा से बैन हटाया
व्हाइट हाउस के फैक्ट-शीट के अनुसार, नए घोषणा में बुर्किना फासो, माली, नाइजर, साउथ सूडान और सीरिया पर पूरी यात्रा पाबंदी लगाई गई है। फिलिस्तीनियों पर भी पूरी रोक लगा दी गई है।
इससे पहले गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा था कि अमेरिकी प्रशासन वर्तमान यात्रा प्रतिबंध को 19 से बढ़ाकर 30 से अधिक देशों तक विस्तार करने की योजना बना रहा है।
उस समय उन्होंने सटीक संख्या या देशों के नाम नहीं बताए थे। अमेरिका अफगानिस्तान, म्यांमार, बुरुंडी, चाड, कांगो, क्यूबा, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, टोगो, तुर्कमेनिस्तान, वेनेजुएला, यमन पर पूरी यात्रा पाबंदी लगा चुका है
नई घोषणा में 15 नए देशों पर आंशिक प्रवेश प्रतिबंध लगाए गए हैं। बुरींडी, क्यूबा, टोगो और वेनेजुएला पर आंशिक प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेंगे।
तुर्कमेनिस्तान एकमात्र देश है जहां नॉन-इमिग्रेंट वीजा पर प्रतिबंध हटा लिया गया है, हालांकि इमिग्रेंट वीजा पर रोक बरकरार है।

एथलीट, राजनयिकों को बैन से छूट
मामले-दर-मामले छूट का प्रावधान भी रखा गया है, लेकिन परिवार आधारित इमिग्रेंट वीजा की छूट को धोखाधड़ी के जोखिम के कारण सीमित कर दिया गया है।
यह कदम उन देशों से आने वाले विदेशी नागरिकों को रोकने के लिए उठाया गया है जहां स्क्रीनिंग, जांच और जानकारी साझा करने में गंभीर कमियां हैं, ताकि अमेरिका की सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।
वॉशिंगटन डीसी में हुई गोलीबारी के बाद अमेरिका ने इमीग्रेशन पर सख्ती बढ़ाई है। उन्होंने कानूनी और अवैध प्रवेश को रोकने, शरण आवेदनों पर रोक लगाने और बड़े पैमाने पर निर्वासन अभियान शुरू किया है।
इन पर बैन नहीं…
- कानूनी स्थायी निवासी: अमेरिका में पहले से रहने वाले ग्रीन कार्ड धारक प्रभावित नहीं होंगे।
- मौजूदा वीजा धारक: जिनके पास पहले से वैध वीजा है, वे यात्रा कर सकेंगे।
- विशेष वीजा श्रेणियां: छात्र, चिकित्सा या डिप्लोमैटिक वीजा पर छूट मिल सकती है।
- राष्ट्रीय हित वाले व्यक्ति: किसी व्यक्ति का अमेरिका आना अमेरिकी हितों के लिए जरूरी है, तो छूट दिया जा सकता है।

USCIS के मुताबिक नेशनल गार्ड पर हुए हमले ने दूसरे देशों के नागरिकों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया की खामियां उजागर की हैं। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह सख्त कदम उठाया गया है।
ट्रम्प बोले- इमिग्रेशन नीतियों ने अमेरिकियों की जिंदगी खराब की है
ट्रम्प का कहना है कि इन कदमों से अवैध और परेशानी पैदा करने वाली आबादी को कम किया जाएगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि दूसरी विश्व युद्ध के बाद अमेरिका में इस तरह की सामाजिक समस्याएं नहीं थीं, लेकिन अब गलत इमिग्रेशन नीतियों की वजह से अपराध और अव्यवस्था बढ़ गई है।
उनका मानना है कि तकनीकी तरक्की के बावजूद इमिग्रेशन की गलत नीतियों ने आम अमेरिकियों की जिंदगी खराब कर दी है।
ट्रम्प ने साफ कहा, “इस समस्या का पूरा इलाज सिर्फ रिवर्स माइग्रेशन यानी लोगों को वापस उनके देश भेजना ही है।”
पूर्ण बैन और आंशिक बैन में क्या अंतर है?
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक पूर्ण बैन का मतलब है कि उस देश के अधिकतर नागरिकों का अमेरिका में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित होता है।
इनमें टूरिस्ट वीजा, स्टूडेंट वीजा, वर्क वीजा और इमिग्रेंट वीजा चाहने वाले लोग शामिल होते हैं।
वहीं, आंशिक बैन का मतलब है कि उस देश के नागरिकों पर कुछ खास प्रकार के वीजा या एंट्री पर रोक लगाई जाती है, बाकी पर नहीं।
यानी इमिग्रेंट वीजा नहीं मिलेगा, लेकिन टूरिस्ट वीजा मिल सकता है। स्टूडेंट्स को परमिशन मिलेगी, लेकिन वर्क वीजा पर रोक रहेगी।
अफगान शरणार्थी ने नेशनल गार्ड्स को गोली मारी थी
अमेरिका में 26 नवंबर को व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड्स के 2 जवानों को गोली मार दी गई थी। हमले में दोनों की मौत हो गई थी। इस मामले में एक अफगान शरणार्थी को हिरासत में लिया गया।
FBI अधिकारियों के मुताबिक, हमलावर 29 साल का रहमानुल्लाह लाकनवाल था। वह अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। उसने 2024 में शरणार्थी के दर्जे के लिए अप्लाई किया था और उसे अप्रैल 2025 में मंजूरी मिली थी।


