Saturday, November 1, 2025
Homeअंतर्राष्ट्रीय समाचारTrump administration American Dream H-1B Visa companies | ट्रम्प सरकार बोली-कंपनियों ने...

Trump administration American Dream H-1B Visa companies | ट्रम्प सरकार बोली-कंपनियों ने H-1B वीजा का गलत इस्तेमाल किया: कम सैलरी वाले विदेशियों को नौकरी दी, अमेरिकी युवाओं से ‘अमेरिकन ड्रीम’ चुराया


वॉशिंगटन डीसी1 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

ट्रम्प सरकार के लेबर डिपार्टमेंट ने कंपनियों पर H-1B वीजा का गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है। डिपार्टमेंट ने इसे लेकर वीडियो जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि कंपनियों H-1B वीजा का गलत इस्तेमाल कर अमेरिकी युवाओं का ‘अमेरिकन ड्रीम’ चुराया। इन्होंने कम सैलरी वाले विदेशी कर्मचारियों को गलत तरीके से नौकरियां दीं।

वीडियो में राजनेताओं और नौकरशाहों को दोषी ठहराया गया है, जो कंपनियों को यह गड़बड़ी करने देते हैं। इसमें बताया गया कि H-1B वीजा होल्डर्स का 72% हिस्सा भारतीयों का है, जबकि 12% चीनी हैं।

वीडियो में नरेटर कहता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति और लेबर सेक्रेटरी लोरी चावेज-डेरमर की लीडरशिप में हम कंपनियों को वीजा के गलत इस्तेमाल का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमेरिकी लोगों के लिए अमेरिकन ड्रीम वापस ला रहे हैं।

वीडियो में प्रोजेक्ट फायरवॉल का जिक्र

वीडियो में 1950 के दशक की खुशहाल परिवारों, घरों और लोगों की पुरानी क्लिप्स दिखाई गई हैं। 51 सेकेंड के वीडियो प्रोजेक्ट फायरवॉल का जिक्र किया गया।

इसमें बताया गया है कि प्रोजेक्ट फायरवॉल के जरिए हम कंपनियों को H-1B गलत इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। भर्ती में अमेरिकियों को प्राथमिकता देंगे, ताकि अमेरिकी लोगों के लिए अमेरिकन ड्रीम वापस आए।

लेबर डिपार्टमेंट ने सितंबर 2025 में प्रोजेक्ट फायरवॉल शुरू किया था। यह H-1B वीजा पर सख्त निगरानी का रखने का प्रोग्राम है। इसका मकसद अमेरिकी कामगारों के अधिकार, वेतन और नौकरी के मौके बचाना है।

कंपनियों को यह तय करना होगा कि वे विदेशी कामगारों से पहले अमेरिकियों को प्राथमिकता दें। प्रोजेक्ट के तहत कंपनियों की जांच होगी। अगर कोई गड़बड़ी मिली, तो प्रभावित वर्कर्स को बकाया सैलरी देनी होगी। सिविल पेनल्टी लगेगी और तय समय के लिए H-1B प्रोग्राम से बाहर कर दिया जाएगा।

H-1B वीजा फीस बढ़ाकर 88 लाख की

अमेरिकी सरकार ने पिछले महीने H-1B वीजा फीस बढ़ाकर 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) करने का फैसला किया है। तब व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताय था कि बढ़ी हुई फीस सिर्फ वन टाइम होगी, जो एप्लिकेशन देते समय चुकानी होगी।

इसका मकसद विदेशी कामगारों पर निर्भरता कम करना है। यह शुल्क 21 सितंबर 2025 से लागू हो गया। यह नियन पुराने H1 वीजा होल्डर्स पर लागू नहीं होगा, सिर्फ नए वीजा होल्डर्स को ही यह फीस देनी होगी।

H-1B वीजा के लिए पहले 5.5 से 6.7 लाख रुपए लगते थे। यह 3 साल के लिए मान्य होता था। इसे दोबारा फीस देकर अगले 3 साल के लिए रिन्यू किया जा सकता था। यानी अमेरिका में 6 साल रहने के लिए H-1B वीजा का कुल खर्च 11 से 13 लाख रुपए के करीब बैठता था।

अमेरिकन ड्रीम मतलब हर इंसान को बराबरी का मौका

अमेरिकन ड्रीम का मतलब एक ऐसा देश है जहां हर वो इंसान जो मेहनत करेगा अपनी जिंदगी बेहतर बना सकता है। चाहे वो गरीब हो या अमीर, सबको बराबर मौका मिलता है। ये सपना अच्छी जिंदगी जीने का, आजादी का और सफल होने का है।

साल 1776 में अमेरिका के संस्थापकों ने कहा था कि सब लोग बराबर पैदा होते हैं और सबको जीने, आजादी और खुशी की तलाश करने का हक है।

1931 में जेम्स एडम्स नाम के लेखक ने अपनी किताब में इसे अमेरिकन ड्रीम नाम दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकन ड्रीम सिर्फ गाड़ी और ज्यादा पैसे कमाने का सपना नहीं है। यह एक ऐसा सपना है जहां हर लड़का और लड़की अपनी पूरी ताकत तक पहुंच सके। उसे जन्म या परिवार की वजह से नहीं, बल्कि अपनी मेहनत और योग्यता से सम्मान मिले।

फ्लोरिडा की यूनिवर्सिटीज में H-1B वीजा होल्डर्स को नौकरी नहीं

फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसैंटिस ने बुधवार को राज्य की यूनिवर्सिटीज को आदेश दिया अब यहां H-1B वीजा पर विदेशी कामगारों को नौकरी नहीं दी जाएगी। अमेरिकियों को प्राथमिकता मिलेगी।

डेसैंटिस ने कहा- देशभर की यूनिवर्सिटीज योग्य और मौजूद अमेरिकियों की बजाय H-1B वीजा पर विदेशी कामगारों को बुला रही हैं। फ्लोरिडा में हम H-1B गलत इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसलिए मैंने फ्लोरिडा बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को यह प्रेक्टिस बंद करने का आदेश दिया है।

उन्होंने कहा कि अगर यूनिवर्सिटीज को योग्य अमेरिकी नहीं मिल रहे, तो उन्हें अपने कोर्स चेक करने चाहिए। क्यों उनके ग्रेजुएट्स इन नौकरियों के लिए फिट नहीं हैं। फ्लोरिडा में करीब 7,200 H-1B वीजा होल्डर्स हैं, जिनमें से कई प्राइवेट कंपनियों में हैं। लेकिन यूनिवर्सिटीज में भी इसका इस्तेमाल होता था।

—————————–

यह खबर भी पढ़ें…

ट्रम्प ने परमाणु हथियारों की टेस्टिंग का आदेश दिया:33 साल पहले 2300 फीट नीचे आखिरी परीक्षण किया था, चट्टानें पिघल गई थीं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) को परमाणु हथियारों की तुरंत टेस्टिंग शुरू करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग चीन और रूस के बराबर होनी चाहिए। यहां पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments