बैंकॉक / नोम पेन्ह13 मिनट पहले
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थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिको ने गुरुवार सुबह एक-दूसरे पर फायरिंग की।
थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। इससे पहले दोनों देशों के सैनिकों ने गुरुवार सुबह सीमा के पास एक-दूसरे पर फायरिंग की। थाई सेना ने कहा- इस गोलीबारी में 9 थाई लोगों की मौत हो गई हैं, जबकि 14 घायल हुए हैं।
कंबोडिया के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने पहले गोली चलाई। जबकि थाईलैंड की सेना ने कहा कि कंबोडिया ने सेना भेजने से पहले एक ड्रोन तैनात किया था, इसके बाद तोप और लंबी दूरी के BM21 रॉकेटों से गोलीबारी शुरू कर दी थी।
यह गोलीबारी थाईलैंड के सुरिन प्रांत और कंबोडिया के प्राचीन प्रसात ता मुएन थॉम मंदिर के पास हुई। हमले को देखते हुए थाईलैंड ने बॉर्डर पर F-16 लड़ाकू विमान तैनात किया था।
इससे पहले 23 जुलाई को थाईलैंड ने कंबोडिया में अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और कंबोडिया के राजदूत को निकाल दिया था। दोनों देशों के बीच विवाद 16 जुलाई को बढ़ा था, जब थाईलैंड ने कंबोडिया पर लैंडमाइंस बिछाने का आरोप लगाया, जिसमें 4 सैनिक घायल हुए थे।
थाईलैंड ने 40 हजार नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
थाईलैंड के जिला प्रमुख ने बताया कि हमले के बाद सीमा से लगे 86 गांवों से लगभग 40 हजार थाई नागरिकों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह स्थित रॉयल थाईलैंड दूतावास ने कहा कि सीमा पर स्थिति बिगड़ती जा रही है और झड़पों के लंबे समय तक जारी रहने की संभावना के कारण, दूतावास ने अपने नागरिकों से जितनी जल्दी हो सके कंबोडिया छोड़ने को कहा है।
थाई दूतावास की घोषणा के कुछ ही देर बाद, थाईलैंड की सेना ने कहा कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उसने सीमा पर एक एफ-16 जेट लड़ाकू विमान तैनात किया है।
एक थाई सैन्य अधिकारी ने BBC को बताया कि थाईलैंड कंबोडिया के साथ अपनी सभी सीमाएं बंद कर रहा है।

रॉयल थाई आर्मी ने कंबोडिया से लगी सीमा को बंद कर दिया
कंबोडिया बोला- आत्मरक्षा में कार्रवाई की
कंबोडिया के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर थाईलैंड पर पहले हमला करने का आरोप लगाया। बयान के अनुसार, कंबोडियाई सैनिकों ने थाईलैंड की सेना के हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की और यह केवल आत्मरक्षा में की गई थी।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि थाईलैंड की सेना ने सीमा से लगे दो कंबोडियाई प्रांतों, ओद्दार मीन्चे और प्रीह विहियर पर गोलाबारी की है।
हुन सेन ने कहा- कंबोडियाई सेना के पास जवाबी हमला करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने जनता से शांत रहने का आह्वान किया।

कंबोडियाई सीमा के पास थाईलैंड के बुरीराम प्रांत के बान दान जिले के लोगों ने अपना घर खाली करना शुरू कर दिया है।
थाईलैंड- कंबोडिया ने लैंडमाइंस बिछाई, 4 सैनिक घायल
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच यह विवाद 16 जुलाई को बढ़ गया, जब थाईलैंड ने दावा किया कि कंबोडिया ने उनकी सीमा पर लैंडमाइंस बिछाईं है।
थाई प्राधिकारियों ने बताया- कुछ सैनिक उबोन रात्चाथानी और कंबोडिया के प्रीह विहियर प्रांत के बीच विवादित सीमा क्षेत्र के थाई हिस्से में गश्त कर रहें थे। तभी ये कंबोडिया के बिछाए गए लैंडमाइंस की चपेट में आ गए। जिसमें एक सैनिक का पैर कट गया, जबकि तीन घायल हो गए।
कंबोडिया ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि सैनिक पुरानी लैंडमाइंस के कारण घायल हुए।

थाईलैंड और कंबोडिया के सैनिकों के बीच गोलीबारी के बाद लोग शरण लेते हुए
दोनों देशों के बीच मंदिर को लेकर विवाद
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का इतिहास 118 साल पुराना है, जो प्रीह विहार मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को लेकर है।
दोनों देशों के बीच 1907 में 817 किमी की लंबी सीमा खींची गई थी। तब कंबोडिया फ्रांस के अधीन था। थाईलैंड ने हमेशा इसका विरोध किया, क्योंकि नक्शे में प्रीह विहियर नाम का ऐतिहासिक मंदिर कंबोडिया के हिस्से में दिखाया गया था।
इस पर दोनों देशों में विवाद चलता रहा। 1959 में कंबोडिया यह मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया और 1962 में अदालत ने फैसला दिया कि मंदिर कंबोडिया का है। थाईलैंड ने इसे स्वीकार किया लेकिन आसपास की जमीन को लेकर विवाद जारी रखा।

प्रीह विहियर मंदिर और इसके आस-पास की जगह को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद जारी है।
मंदिर को हेरिटेज साइट में शामिल कराने पर झड़पें शुरू हुई
2008 में यह विवाद तब और बढ़ गया जब कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल कराने की कोशिश की। मंदिर को मान्यता मिलने के बाद दोनों देशों की सेनाओं में फिर झड़पें शुरू हो गईं और 2011 में तो हालात इतने बिगड़ गए कि हजारों लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो गए।
2011 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दोनों देशों को विवादित क्षेत्र से सैनिक हटाने का आदेश दिया, और 2013 में फिर से पुष्टि की कि मंदिर और उसके आसपास का क्षेत्र कंबोडिया का है। लेकिन सीमा का मुद्दा अब तक पूरी तरह हल नहीं हो पाया है और यही वजह है कि आज भी दोनों देशों के बीच तनाव बना रहता है।

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