Tuesday, July 29, 2025
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”TCS की छंटनी तो सिर्फ शुरुआत है, अभी कई कंपनियों पर पड़ेगी AI की मार”


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Photo:PTI आगे भी छंटनी के लिए मजबूर करेगा लागत का दबाव

देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा के बीच एक्सपर्ट्स को एआई और ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के कारण आने वाले समय में ऐसे और मामले आने की आशंका सताने लगी है। टीसीएस ने 6.13 लाख कर्मचारियों की कुल संख्या में से 2 प्रतिशत यानी 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की है। इस कदम का सबसे ज्यादा असर मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों पर पड़ने की आशंका है। टीसीएस ने इस छंटनी को ‘भविष्य के लिए तैयार संगठन’ बनने की रणनीति का हिस्सा बताया है जिसमें टेक्नोलॉजी, एआई को अपनाने और वर्कफोर्स के पुनर्गठन पर जोर दिया जा रहा है। 

अब ज्यादा कुशल वर्कफोर्स मॉडल की ओर बढ़ रही हैं आईटी कंपनियां

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक का कहना है कि टीसीएस का ये कदम व्यापक आर्थिक दबाव, ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं और उद्योग के ज्यादा चुस्त, परिणाम-आधारित मॉडल की तरफ रुख करने का नतीजा है। उन्होंने कहा कि भले ही टीसीएस ने इस छंटनी को एआई से प्रेरित नहीं बताया है, लेकिन ये ऐसे समय हो रहा है जब ऑटोमेशन और एआई को अपनाने से पूरे टेक इंडस्ट्री में वर्कफोर्स संबंधी फैसलों पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। पाठक ने कहा, ‘‘भारतीय आईटी कंपनियां अब ज्यादा कुशल और प्रदर्शन-केंद्रित वर्कफोर्स मॉडल की ओर बढ़ रही हैं।’’

आगे भी छंटनी के लिए मजबूर करेगा लागत का दबाव 

टेकआर्क के फाउंडर और चीफ एनालिस्ट फैसल कावूसा ने कहा कि उद्यम अब आईटी सेवा कंपनियों से एआई का उपयोग करके कम में ज्यादा काम करने की उम्मीद कर रहे हैं। कावूसा ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में लागत का दबाव आगे भी छंटनी के लिए मजबूर करेगा। हमें इसे एआई-चालित आईटी में होने वाले बड़े घटनाक्रम के एक अंग के तौर पर देखना चाहिए जहां एआई एजेंट तेजी से मानव एजेंट की जगह ले लेंगे।’’ 

आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ीं

टीमलीज डिजिटल की सीईओ नीति शर्मा ने कहा कि हर कंपनी अब एआई की अगुवाई वाले बदलाव की तरफ देख रही है। उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने मौजूदा और नए कर्मचारियों की कुशलता बढ़ाने में भारी निवेश कर रही हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि कंपनी की भविष्य की संरचना में फिट नहीं बैठने वाले या अपनी काबिलियत नहीं बढ़ाने वाले कर्मचारियों को बाहर जाना पड़ सकता है। टीसीएस के इस फैसले ने आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं और यह सोशल मीडिया पर भी व्यापक बहस के रूप में नजर आ रहा है। कुछ उपयोगकर्ताओं ने एआई और स्वचालन के कारण नौकरियां जाने की आशंका को ‘हकीकत’ बताया जबकि कुछ लोगों ने इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ने और वेतन घटने की आशंका भी जताई।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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