Monday, December 29, 2025
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Suruchi Phogat & Manu Bhaker Aim for Gold at ISSF World Cup Doha | ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर दोहा में निशाना लगाएंगी आज: 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट; दो नंबर रैंकिंग शूटर सुरुचि सिंह भी मैदान में – Jhajjar News


डबल ओलिंपिक ब्रोंज मेडलिस्मट मनु भाकर और नंबर दो रैंकिंग शूटर सुरुचि।

हरियाणा की दो बेटियां देश के लिए शूटिंग वर्ल्ड कप दोहा में आज निशाना लगाएंगी और वर्ल्ड कप में देश को मेडल दिलाने का काम करेंगी। 9 दिसंबर तक दोहा में आयोजित हो रहे शूटिंग वर्ल्ड कप में दुनिया की नंबर दो रैंकिंग शूटर सुरुचि और दो बार की ओलिंपिक ब्रॉन्ज

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दो बार की ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट खेल रत्न अवार्डी मनु भाकर भी इस वर्ल्ड कप शूटिंग के दो इवेंट में भाग ले रही है। वहीं झज्जर की बेटी सुरुचि फोगाट दुनिया की नंबर दो रैंकिंग शूटर भी देश के लिए दोहा में आयोजित होने वाले ISSF वर्ल्ड कप में निशाना लगाएगी। सुरुचि फोगाट हालिया ISSF रैंकिंग के अनुसार नंबर दो पर हैं और मनु ने भी टॉप टेन में जगह बनाई हुई है।

सुरुचि सिंह के पिता इंद्र सिंह फोगाट ने कहा कि आज होने वाले मैच में बेटी से गोल्ड जीतने की उम्मीदें हैं।

दोहा में ISSF में लगाएंगी निशाना

झज्जर निवासी मनु भाकर और सुरुचि फौगाट आज से दोहा में देश के लिए खेलेंगी। दोनों से देश को गोल्ड मेडल की उम्मीदें हैं। भारतीय दल में हरियाणा की मनु भाकर एकमात्र ऐसी शूटर हैं, जिन्हें दो इवेंट में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। वे 10 मीटर एयर पिस्टल और 25 मीटर पिस्टल में भाग लेंगी। वहीं आज 10 मीटर एयर पिस्टल का मैच होगा जिसका फाइनल भी आज ही होना है। 10 मीटर में मनु भाकर और सुरुचि सिंह निशाना लगाने के लिए तैयार हैं।

सुरुचि दुनिया की नंबर शूटर रह चुकी

झज्जर जिले के सासरोली गांव की बेटी सुरुचि फोगाट ने शूटिंग की दुनिया में नया इतिहास रच चुकी है। 19 वर्षीय सुरुचि ने Munich ISSF World Cup (2025) में महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में स्वर्ण जीतकर तीन लगातार विश्व कप गोल्ड की हैट्रिक पूरी की। जिसके बाद वह दुनिया की नंबर वन शूटर रह चुकी हैं और फिलहाल एक दिसंबर की रैंकिंग के अनुसार नंबर दो पर बनी हुई हैं।

ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनु भाकर।

ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनु भाकर।

पहलवानी से शूटिंग की ओर

सुरुचि का जन्म 28 अप्रैल 2006 को झज्जर के सासरोली गांव में हुआ। पिता इंदर सिंह फोगाट आर्मी से रिटायर्ड हैं, चाहते थे कि उनकी बेटी पहलवानी करे, लेकिन 13 साल की उम्र में हुए कंधे के फ्रैक्चर ने उनकी दिशा बदल दी। यहीं से उन्होंने निशानेबाजी को अपनाया और गुरु द्रोणाचार्य शूटिंग अकादमी भिवानी में कोच सुरेश सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण शुरू किया।

कुश्ती के दौरान टूटी थी गले की हड्‌डी

इन्द्र सिंह फोगाट ने बताया कि जब सुरुचि का जन्म हुआ, तब कुछ दिन पहले ही डेप्थ ओलिंपिक में गांव के वीरेंद्र उर्फ गूंगा पहलवान गोल्ड मेडल जीतकर लौटे थे। तभी मन में ठान लिया कि बेटी को अच्छी पहलवान बनाना है। उन्होंने बताया कि वह 2019 में आर्मी से हवलदार से रिटायर हो गए। उस समय बेटी 12 साल की थी और आते ही बेटी सुरुचि को पहलवानी के लिए गांव के ही अखाड़े में ले जाने लगे।

बेटी को पहलवानी करते 5 महीने ही गुजरे थे कि एक कुश्ती ने उन्हें झकझोर दिया।

​​​​​​13 साल की उम्र में शुरू की शूटिंग

सुरुचि के पिता इंद्र फोगाट ने बताया कि गांव में ही अखाड़े में कुश्ती हो रही थी, बेटी के जीतने की टकटकी लगाए देख रहा था। उस दौरान बेटी के गले की हड्डी टूट गई और सब स्तब्ध रह गए। फिर करीब 6 माह में सुरुचि की हड्डी जुड़ी, लेकिन उसे दोबारा डर के मारे अखाड़े में नहीं उतारा। फिर कुछ समय बाद सुरुचि को स्पोर्ट्स में भेजने का मन में आया और 13 साल की उम्र में उसे शूटिंग करने भेजना शुरू किया।

सुरुचि शूटिंग में रुचि लेने लगी और मन लगाकर शूटिंग करने लगी थी।

​​​​​​6 साल में ही बनी दुनिया की नंबर-1 शूटर

सुरुचि के उसके पिता का सपना था कि वह एक अच्छी पर्सन बने और देश दुनिया में नाम हो, उनकी इच्छा पूरी करने के लिए पूरा मन लगाकर शूटिंग किया और दो साल में मेहनत रंग लाई और नेशनल में मेडल जीता। सुरुचि फोगाट ने 2019 में उसने शूटिंग शुरू की थी और आज 6 साल में ही वह दुनिया में नंबर-1 शूटर बन गई।



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