
Sukanya Samriddhi Yojana: बेटी के भविष्य की प्लानिंग कर रहे माता-पिता के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) अब भी सबसे भरोसेमंद और फायदेमंद ऑप्शनों में से एक है। अगर आप हर साल अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा करने की सोच रहे हैं तो जानिए 21 साल की मैच्योरिटी पर कितना बड़ा फंड बनकर आपके हाथ आएगा और साथ ही क्यों यह स्कीम टैक्स-सेविंग और सुरक्षित ऑप्शन भी है।
क्या है बेसिक प्लान?
सुकन्या समृद्धि योजना एक केंद्र सरकार की बचत योजना है, जिसे खासतौर पर लड़की के लिए शुरू किया गया था। इस स्कीम में आप निवेश कर के बेटी की पढ़ाई और शादी के खर्च के लिए पक्की रकम तैयार कर सकते हैं। 2025 की तिमाही (अक्टूबर–दिसंबर) के लिए सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष तय है। इस दर पर ब्याज सालाना कंपाउंड होता है और हर वित्तीय वर्ष के अंत में क्रेडिट होता है।
सालाना 1.5 लाख रुपये जमा करने का कैलकुलेशन
मान लें आपने बेटी के जन्म के साथ ही हर साल अधिकतम 1,50,000 रुपये के हिसाब से 15 साल तक जमा किया। नियम के अनुसार डिपॉजिट 15 साल तक किया जा सकता है और अकाउंट 21 साल पर मैच्योर होता है यानी आखिरी 6 साल आप कोई नया पैसा जमा नहीं करते पर ब्याज चलता रहता है।
- कुल जमा राशि (15 वर्ष) = 1,50,000 रुपये × 15 साल = 22,50,000 रुपये
- ब्याज (8.2% वार्षिक, कंपाउंडिंग के साथ) = 49,32,119 रुपये (लगभग)
- कुल मैच्योरिटी अमाउंट = 71,82,119 रुपये
यानी 15 साल में कुल 22.5 लाख रुपये जमा करके 21 वर्ष पर आपकी बेटी को करीब 71.82 लाख रुपये मिलेंगे, जो शिक्षा या शादी के लिए पर्याप्त कोष साबित होगा।
टैक्स बेनिफिट और अन्य फायदे
सुकन्या समृद्धि योजना में किए गए डिपॉजिट पर Section 80C के तहत कर कटौती मिलती है। साथ ही इस स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इंटरेस्ट पूरी तरह टैक्स-फ्री रहता है और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स-फ्री है यानी EEE (Exempt-Exempt-Exempt) टैक्स ट्रीटमेंट। इसके अलावा, सुकन्या समृद्धि योजना में न्यूनतम सालाना जमा 250 रुपये है और अधिकतम 1.5 लाख रुपये (वित्तीय वर्ष) तक किया जा सकता है।
क्यों रखें SSY को प्रायोरिटी?
सरकारी गारंटी, टैक्स-फ्री रिटर्न और नियमों के तहत सुरक्षा के कारण सुकन्या समृद्धि योजना आज भी लॉक-इन के साथ सबसे भरोसेमंद ऑप्शन है। प्रधानमंत्री के मुताबिक SSY खातों की संख्या 4 करोड़ पार कर चुकी है और जमा राशि 3.25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा भी पहुंच गई हैस जो दर्शाता है कि माता-पिता इस स्कीम पर कितना भरोसा करते हैं।


