
स्टारलिंक को मिला भारत में सर्विस शुरू करने का लाइसेंस
Starlink को आखिरकार इंतजार का फल मिल ही गया। भारतीय स्पेस कम्युनिकेशन सर्विस रेगुलेटर INSPACe ने एलन मस्क की कंपनी को भारत में सर्विस शुरू करने का लाइसेंस दे दिया है। जियो, एयरटेल और अनंथ टेक्नोलॉजी के बाद एलन मस्क की कंपनी को INSPACe की तरफ से सैटेलाइट सर्विस शुरू करने का लाइसेंस मिला है। एलन मस्क 2022 से ही भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस को लॉन्च करने की तैयारी में था। हालांकि, अभी स्टारलिंक अपनी कमर्शियल सर्विस भारत में लॉन्च नहीं करेगा। कंपनी को इसके लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन का इंतजार करना होगा।
5 साल के लिए मिला लाइसेंस
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, एलन मस्क की कंपनी को स्पेस-बेस्ड इंटरनेट सर्विस को भारत में शुरू करने का लाइसेंस मिला है। स्टारलिंक Gen 1 कैपेसिटी वाले LEO सैटेलाइट के जरिए भारत में ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया कराएगा। कंपनी को रेगुलेटर की तरफ से 5 साल का लाइसेंस दिया गया है।
पिछले दिनों ही केंद्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सरकार की तरफ से स्टारलिंक के अफोर्डेबल सैटेलाइट बेस्ड सर्विस की एंट्री को लेकर सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। इसके अलावा IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका ने भी कंफर्म किया है कि स्टारलिंक के सभी लाइसेंस से जुड़ी जरूरतों को अड्रेस किया गया है।
बिना नेटवर्क के भी होगी कॉलिंग
Starlink सैटेलाइट सर्विस शुरू होने से इमरजेंसी की स्थिति में बिना मोबाइल नेटवर्क के भी कॉलिंग की जा सकेगी। साथ ही साथ यूजर्स को हाई स्पीड इंटरनेट की भी सुविधा मिलेगा। पिछले दिनों आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक की सर्विस के लिए हर महीने करीब 3,300 रुपये तक का खर्च आ सकता है। एलन मस्क की कंपनी SpaceX के लोअर अर्थ ऑर्बिट में स्थापित सैटेलाइट्स के माध्यम से इंटरनेट सर्विस मुहैया कराएगी। कंपनी को अब केवल स्पेक्ट्रम अलोकेशन का इंतजार है। साथ ही, बेस स्टेशन तैयार होते ही कंपनी भारत में अपनी ब्रॉडबैड सेवाएं शुरू कर सकती है।
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