Wednesday, July 9, 2025
Homeअंतर्राष्ट्रीय समाचारShubhanshu Shukla ISS Photos; Cupola Module Earth View | Axiom-4 Mission |...

Shubhanshu Shukla ISS Photos; Cupola Module Earth View | Axiom-4 Mission | स्पेस स्टेशन से शुभांशु शक्ला की नई तस्वीरें सामने आईं: 7 खिड़कियों वाले कपोला से पृथ्वी को देखते नजर आए; ISS में 9 दिन पूरे


टेक्सास10 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से नई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। इसमें शुभांशु ISS के 7 खिड़कियों वाले कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी के भव्य नजारा देख रहे हैं। कुछ तस्वीरों में उन्हें फोटोग्राफी करते हुए भी देखा गया।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु समेत 4 एस्ट्रोनॉट ने 25 जून को कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी थी। करीब 28 घंटे के सफर के बाद 26 जून को शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे। शुभांशु को ISS पर गए आज 9 दिन पूरे हो चुके हैं। वे ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं।

स्पेस स्टेशन से शुभांशु शुक्ला की तस्वीरें…

वो एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट के लिए भारत ने 548 करोड़ रुपए चुकाए हैं। यह एक प्राइवेट स्पेस फ्लाइट मिशन है, जो अमेरिकी स्पेस कंपनी एक्सियम, NASA और स्पेसएक्स की साझेदारी से हो रहा है। यह कंपनी अपने स्पेसक्राफ्ट में निजी अंतरिक्ष यात्रियों को ISS भेजती है।

शुभांशु इंडियन एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स​​ के तैयार किये 7 प्रयोग ISS में करेंगे। इनमें ज्यादातर बायोलॉजिकल स्टडीज हैं। वे NASA के साथ 5 अन्य प्रयोग करेंगे, जिसमें लंबे अंतरिक्ष मिशनों के लिए डेटा जुटाएंगे। इस मिशन में किए गए प्रयोग भारत के गगनयान मिशन को मजबूत करेंगे।

41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शुक्ला को 634 नंबर का बैज दिया गया है।

स्पेस स्टेशन पर शुभांशु शुक्ला को 634 नंबर का बैज दिया गया है।

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments