Monday, November 3, 2025
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RBI रिपोर्ट: MBBS की पढ़ाई के लिए भारतीयों की नई पसंद बना जॉर्जिया, यूक्रेन जैसे देशों में घट रहा भारतीयों का रुझान



यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच अब भारतीय छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए जॉर्जिया की ओर रुख कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत जारी आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में भारतीयों ने जॉर्जिया में एजुकेशन के लिए 50.25 मिलियन डॉलर भेजे हैं. यह राशि 2018-19 में भेजे गए 10.33 मिलियन डॉलर के तुलना में करीब 5 गुना ज्यादा है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए भारतीयों की नई पसंद क्यों बन रहा है जॉर्जिया और यूक्रेन के साथ  अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में क्यों रुझान घट रहा है.

यूक्रेन से हटकर जॉर्जिया की ओर बढ़ रहा है रुझान

यूक्रेन जो कभी भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स की पसंदीदा जगह हुआ करता था, अब स्टूडेंट्स की पसंद से बाहर होता जा रहा है. आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन को भेजी जाने वाली राशि 2018-19 में 14.18 मिलियन डॉलर थी, जो 2024-25 में घटकर 2.40 मिलियन डॉलर रह गई है. वहीं रूस को भेजी गई राशि 69.94 मिलियन डॉलर रही, जो पिछले वर्षों की तुलना में 200 प्रतिशत ज्यादा थी. आरबीआई के अनुसार 2019 में जहां जॉर्जिया में 4,148 भारतीय छात्र पढ़ रहे थे, वहीं 2023 तक यह संख्या बढ़कर 10,470 हो गई. यहां के मेडिकल कॉलेज कम फीस में और इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई के लिए मशहूर है. जॉर्जिया में एमबीबीएस कोर्स की फीस भी सालाना 4,000 से 7,500 के बीच है. 6 साल के कोर्स की कुल फीस कुछ यूनिवर्सिटीज में 2,4000 तक रहती है जबकि यहां कुछ यूनिवर्सिटी में यह फीस लगभग 45,000 डॉलर तक पहुंच जाती है.
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क्यों बढ़ रही जॉर्जिया की लोकप्रियता?

जॉर्जिया में मेडिकल पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में होती है और यहां की वीजा प्रक्रिया भी आसान है. वहीं देश की सुरक्षा, यूरोप के करीब होने और किफायती फीस के कारण भारतीय छात्रों के लिए यह एक अच्छा ऑप्शन बन गया है. कई स्टूडेंट सीधे यूक्रेन से ट्रांसफर लेकर अब जॉर्जिया के मेडिकल कॉलेजों में भी पढ़ाई जारी रख रहे हैं.

अमेरिका और कनाडा में घट रहा भारतीयों का इंट्रेस्ट

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में अमेरिका में भारतीय छात्रों की तरफ से भेजी गई राशि में 10 प्रतिशत की  गिरावट आई है. कनाडा में यह गिरावट 43 प्रतिशत तक रही, जबकि ऑस्ट्रेलिया में 5 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. वहीं ब्रिटेन में 12 प्रतिशत और जर्मनी में 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, हालांकि मेडिकल एजुकेशन के सेक्टर में जॉर्जिया और रूस भारतीयों की नई पसंद के रूप में उभर रहे हैं.

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