वॉशिंगटन डीसी/मॉस्को2 घंटे पहले
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यूक्रेन जंग पर बात करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति पुतिन शुक्रवार देर रात अलास्का में मिले।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अलास्का में ट्रम्प से बातचीत के दौरान यूक्रेन जंग खत्म करने को लेकर एक शर्त रखी। फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन पूर्वी डोनेट्स्क से अपनी सेना हटा लेता है तो वे जंग खत्म करने पर विचार करेंगे।
पुतिन ने यह भी इशारा दिया कि उनकी मांगे माने जाने पर वह बाकी मोर्चों पर भी अपनी सेना को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प ने बातचीत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं को फोन करके पुतिन की मांग की जानकारी दी।
दरअसल, डोनेट्स्क का मामला लंबे समय से विवादित है। रूस पिछले दस साल से इस इलाके के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण बनाए हुए है। अगर पुतिन की शर्त मान ली जाती है, तो उन्हें उस क्षेत्र पर पूरी तरह कब्जा मिल जाएगा।

डोनेट्स्क क्षेत्र के बिलोजेर्स्के शहर में मंगलवार को रूसी हमले के बाद भारी क्षतिग्रस्त इमारत से अपना सामान लेकर बाहर जाते यूक्रेनी लोग।
पुतिन बोले- नाटो में शामिल न हो यूक्रेन
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पुतिन डोनेट्स्क के बदले एक और प्रस्ताव रख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें यह इलाका मिल जाता है, तो वह दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन और जापोरिज्जिया इलाकों में अपने मोर्चे को स्थिर कर देंगे। इसका मतलब यह होगा कि उनकी सेना वहां नए हमले करके और जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं करेगी।
हालांकि पुतिन ने ट्रम्प को यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संघर्ष खत्म करने के लिए उनकी सबसे अहम शर्त अभी भी कायम है। उनका कहना है कि नाटो को अब और पूर्व की ओर नहीं बढ़ना चाहिए। यानी, यूक्रेन को नाटो में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
पुतिन ने कहा कि अगर उन्हें इसका भरोसा हो जाए, तो वह बाकी मुद्दों पर समझौता करने को तैयार रहेंगे।

रूस का डोनेट्स्क के 70% इलाके पर कब्जा
फिलहाल स्थिति यह है कि रूस डोनेट्स्क के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण रखता है। यूक्रेन के पास अभी भी इस क्षेत्र के पश्चिमी हिस्से के कुछ बड़े शहर हैं, जो उसकी सेना और सुरक्षा रणनीति के लिए अहम माने जाते हैं।
दूसरी ओर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने साफ कह दिया है कि वह रूस के साथ किसी भी तरह की ‘जमीन की अदला-बदली’ स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का दूसरा विभाजन किसी भी हालत में मंजूर नहीं होगा। जेलेंस्की सोमवार को वाशिंगटन में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे, जहां यह मुद्दा उठ सकता है।
डोनेट्स्क यूक्रेन के पूर्वी हिस्से का एक इलाका है, जिसे डोनबास क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। यह इलाका कोयले की खदानों और भारी उद्योगों के लिए जाना जाता है और आर्थिक रूप से यूक्रेन के सबसे समृद्ध हिस्सों में गिना जाता था।
2014 तक यूक्रेन के कब्जे में था डोनेट्स्क
2014 तक डोनेट्स्क यूक्रेन के पूरे नियंत्रण में था। उसी साल रूस ने क्रीमिया पर कब्जा किया जिसके बाद डोनबास क्षेत्र (डोनेट्स्क और लुहांस्क) में रूस समर्थक अलगाववादी समूहों ने विद्रोह कर दिया। इसके बाद से यहां लगातार लड़ाई चल रही है।
फिलहाल रूस समर्थित विद्रोही डोनेट्स्क के बड़े हिस्से पर काबिज हैं। उन्होंने खुद को अलग देश ‘डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक’ (DPR) घोषित कर दिया। हालांकि रूस के अलावा कुछ ही देश इसे मान्यता देते हैं।
2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला शुरू किया, तो डोनेट्स्क एक वॉर जोन बन गया। रूसी सेना और अलगाववादियों ने धीरे-धीरे इस क्षेत्र पर और कब्ज़ा किया। आज की स्थिति यह है कि रूस डोनेट्स्क के करीब 70% हिस्से पर कंट्रोल रखता है, जबकि यूक्रेन के पास पश्चिमी तरफ कुछ शहर और कस्बे बचे हैं।
भौगोलिक और रणनीतिक रूप से डोनेट्स्क बेहद अहम है क्योंकि यहां से रूस आसानी से यूक्रेन के बाकी हिस्सों में दबाव बना सकता है। उद्योग और खनिज संसाधनों के कारण यह आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। डोनेट्स्क पर कब्जा होने का मतलब है कि रूस के पास यूक्रेन के पूर्वी मोर्चे पर मजबूत स्थिति रहेगी।
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात अलास्का में मुलाकात की। उनके बीच यूक्रेन जंग खत्म करने पर करीब 3 घंटे मीटिंग हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने सिर्फ 12 मिनट की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें…