नई दिल्ली6 मिनट पहले
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रिपोर्ट के मुताबिक ट्रम्प ने भारत को डेड इकोनॉमी कहा था, इससे पीएम मोदी नाराज हो गए थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चार कॉल किए थे, लेकिन पीएम मोदी उनसे एक बार भी बात नहीं की। इससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया। यह दावा जर्मन न्यूज पेपर FAZ ने किया है। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि यह कॉल कब किए गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी और भारत को “डेड इकोनॉमी” कहने से मोदी नाराज हैं। पहले दोनों नेताओं के बीच अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए होने वाली बातचीत रद्द कर दी है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने से रोक दिया गया।
ट्रम्प ने पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25% टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया गया है, जो कल से लागू होगा। ट्रम्प का कहना है कि भारत के रूसी तेल खरीदने की वजह से पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

भारत ने झुकने से इनकार कर दिया
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आम तौर पर ट्रम्प का तरीका यह रहा है कि पहले वे किसी देश पर व्यापार घाटे को लेकर हमला बोलते हैं, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी देते हैं। इसके बाद डरकर बातचीत शुरू होती है और आखिरकार वह ऊंचा टैरिफ लगाकर फिर कुछ छूट देकर खुद को विजेता बताने की कोशिश करते हैं।
कई देशों के साथ ऐसा हुआ है और ट्रम्प ने यह दिखाया कि अमेरिकी बाजार पर उनकी पकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन मोदी ने इस बार झुकने से इनकार कर दिया।
न्यूयॉर्क की न्यू स्कूल के भारत-चीन इंस्टीट्यूट के को-डॉयरेक्टर मार्क फ्रेजियर का कहना है कि अमेरिका की भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति नाकाम हो रही है। भारत ने कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया था।
ट्रम्प के रवैये ने मोदी को एक दशक पुराना अपमान याद दिलाया
अखबार लिखता है कि पीएम मोदी को ट्रम्प के बर्ताव से बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है। वह मोदी को उस पुराने अपमान की याद दिला रहे हैं जो लगभग एक दशक पहले उन्हें जिनपिंग से मिला था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तब गुजरात आए थे और मोदी से दोस्ती का वादा किया था। लेकिन उसी समय चीन की सेना हिमालय में भारतीय इलाके में घुस आई थी।
इसके बाद भी मोदी ने जिनपिंग से अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की, लेकिन हालात तब और बिगड़ गए जब चीनी सैनिकों से भारतीय जवानों की झड़प हो गई। उस घटना के बाद से कहा जाता है कि मोदी के मन में गहरी कड़वाहट बैठ गई।
अब ट्रम्प का रवैया भी कुछ ऐसा ही हो गया है। फरवरी में वे मोदी को व्हाइट हाउस बुलाकर उनकी तारीफ कर रहे थे और उन्हें एक फोटो एल्बम भेंट कर रहे थे। लेकिन कुछ ही दिन बाद उन्होंने भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहकर अपमानित किया है।

2014 में शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इसके कुछ समय बाद ही डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी।
भारत की ग्रोथ रेट 1% तक घट सकती है
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 50% टैरिफ से भारत के इंपोर्ट पर असर पड़ सकता है। भारत का 20% इंपोर्ट, जैसे कपड़े, ज्वैलरी और ऑटो पार्ट्स अमेरिका जाता है। इस भारी भरकम टैरिफ से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5% से घटकर 5.5% हो सकती है।
ट्रम्प ने पिछले 3 महीने में करीब 30 बार भारत पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी साफ तौर पर इससे इनकार कर चुके हैं। भारत का साफ कहना है कि दोनों देशों के सीजफायर आपसी बातचीत से हुआ है, इसमें किसी तीसरे पक्ष का रोल नहीं है।
इसके अलावा, ट्रम्प ने पाकिस्तान में ऑयल रिजर्व डेवलप करने की बात कही थी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। ये फैसले भी भारत को नाराज करने वाले थे।

न्यूज सोर्स लिंक- https://www.faz.net/aktuell/wirtschaft/zollstreit-wie-modi-trump-die-stirn-bietet-110653695.html
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच 17 जून को फोन पर 35 मिनट बातचीत हुई थी, जिसके बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत ज्यादा खराब हो गए। यह दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई थी, जब ट्रम्प कनाडा में G7 समिट से जल्दी निकल गए। मोदी और ट्रम्प के बीच मुलाकात होने वाली थी, लेकिन ये नहीं हो पाई। यहां पढ़ें पूरी खबर…