बीजिंग1 मिनट पहले
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चीन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच SCO समिट से पहले मुलाकात हुई।
चीन में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत जारी है। जिनपिंग के साथ में पीएम ने कहा कि पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है।
मोदी शनिवार शाम 2 दिन के जापान दौरे के बाद चीन पहुंचे थे। इससे पहले वे 7 साल पहले यानी 2018 में चीन गए थे।
जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद भारत-चीन के संबंध खराब हो गए थे। इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को कम करना भी है।
मोदी आज तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस बार चीन में इतिहास की सबसे बड़ी SCO समिट का आयोजन हो रहा है।
इसमें 20 से ज्यादा देश शामिल हो रहे हैं। मोदी और पुतिन के साथ-साथ सेंट्रल एशिया, मिडिल ईस्ट, साउथ एशिया और साउथ-ईस्ट एशिया के नेता भी इस समिट में शामिल होंगे।
पीएम मोदी सोमवार को उनकी मुलाकात रूसी राष्ट्रपति पुतिन से तय है।
SCO समिट से जुड़ी 5 तस्वीरें…

SCO सम्मेलन से पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई।

व्लादिमिर पुतिन SCO समिट के लिए रविवार सुबह चीन पहुंचे।

भारतीय प्रधानमंत्री शनिवार को जापान दौरे के बाद SCO समिट के लिए चीन पहुंचे।

तियानजिन एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य से स्वागत किया गया।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शनिवार को शी जिनपिंग से मुलाकात की।
मोदी के चीन दौरे से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
लाइव अपडेट्स
6 मिनट पहले
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मोदी बोले- सैनिकों की वापसी से शांति का माहौल बना
जिनपिंग के साथ बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल कजान में हमारी बहुत उपयोगी चर्चा हुई थी, जिससे हमारे संबंध बेहतर हुए। सीमा पर सैनिकों की वापसी के बाद, शांति और स्थिरता का माहौल बना है।
27 मिनट पहले
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मोदी और जिनपिंग की बातचीत शुरू
39 मिनट पहले
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SCO समिट के लिए बने इंटरनेशनल मीडिया सेंटर का फुटेज
03:52 AM31 अगस्त 2025
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नेपाली पीएम ने जिनपिंग से लिपुलेख का मुद्दा उठाया
नेपाल ने एक बार फिर लिपुलेख ट्रेड रूट का मुद्दा उठाया है। शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात के दौरान इस पर आपत्ति जताई।
ओली ने कहा कि चीन और भारत जिस रास्ते का व्यापार के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वह नेपाल का हिस्सा है।
नेपाल कई बार दावा कर चुका है कि लिपुलेख उसका क्षेत्र है, जबकि भारत का कहना है कि नेपाल का यह दावा सही नहीं है और न ही इसका कोई ऐतिहासिक आधार है।
03:40 AM31 अगस्त 2025
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3 डिप्टी पीएम के साथ चीन पहुंचे पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 3 उप प्रधानमंत्रियों और 12 मंत्रियों के साथ चीन गए हैं। वे शनिवार को SCO समिट में शामिल होने के लिए तियानजिन पहुंचे हैं।
इसके बाद वे 3 सितंबर को बीजिंग में होने वाले सैन्य परेड में भी शामिल होंगे। यह पुतिन की इस साल चीन की दूसरी यात्रा है। पहली बार वे मई में चीन गए थे।
03:05 AM31 अगस्त 2025
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शी जिनपिंग ने मालदीव के राष्ट्रपति से मुलाकात की
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की है। चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक वे लगातार SCO समिट के लिए आए नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं।
02:42 AM31 अगस्त 2025
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पाकिस्तान, नेपाल, म्यांमार के नेता कल चीन पहुंचे
SCO समिट में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, म्यांमार के सैन्य शासक मिन आंग, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको शनिवार को ही चीन पहुंच चुके हैं।
02:24 AM31 अगस्त 2025
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पुतिन SCO समिट के लिए चीन पहुंचे
02:19 AM31 अगस्त 2025
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मोदी का चीन दौरा खास क्यों है
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक PM मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और द्विपक्षीय बातचीत को बढ़ावा देने का एक बड़ा मौका साबित हो सकती है।
जिनपिंग इस समिट के जरिए दुनिया को यह दिखाने की कोशिश करेंगे वे अमेरिका के लीडरशिप वाले ग्लोबल ऑर्डर का एक विकल्प दे सकते हैं।
इसके साथ ही इस समिट से यह मैसेज भी जाएगा कि चीन, रूस, ईरान और अब भारत को अलग-थलग करने की अमेरिकी कोशिशें नाकाम रही हैं।

02:05 AM31 अगस्त 2025
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इस बार की SCO समिट खास क्यों है
1. गलवान झड़प के बाद मोदी का पहला चीन दौरा: 5 साल पहले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद यह पहला मौका है जब मोदी चीन पहुंचे हैं। इस वजह से पूरी दुनिया की नजर इस समिट और मोदी-जिनपिंग मुलाकात पर है।
2. ट्रम्प का SCO देशों पर हाई टैरिफ: ट्रम्प ने भारत (50%), चीन (30%), कजाकिस्तान (25%) समेत बाकी SCO देशों पर भी हाई टैरिफ लगाया है। ऐसे में यह उन देशों के लिए अहम है जो अमेरिकी दबाव के खिलाफ साझा मंच पर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं।
3. अमेरिका की लीडरशिप को चुनौती: जिनपिंग इस समिट को अमेरिका के नेतृत्व वाले ग्लोबल ऑर्डर का विकल्प पेश करने का मंच बनाना चाहते हैं। चीन यह दिखाना चाहता है कि वह रूस, भारत, ईरान जैसे देशों के साथ मिलकर ऑप्शनल पावर बन सकता है।
4. भारत का एजेंडा- आतंकवाद पर फोकस: जून 2025 में हुई SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने जॉइंट स्टेटमेंट पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया था। दरअसल, उसमें पहलगाम आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं था। अब मुख्य मीटिंग में भारत, आतंकवाद पर चर्चा और समर्थन जुटाने की कोशिश करेगा। पाकिस्तान की मौजूदगी में यह मुद्दा छाया रहेगा।
5. 20 से ज्यादा देशों की मौजूदगी: इस बार समिट में सिर्फ SCO सदस्य ही नहीं, बल्कि ऑब्जर्वर और पार्टनर देशों को मिलाकर 20 से ज्यादा देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं।
6. भारत-चीन में रिश्ते बेहतर हुए: गलवान के बाद पहली बार सीमा और व्यापार पर कुछ नरमी दिखी है। सीधी उड़ानें शुरू हुईं, बॉर्डर ट्रेड पर बातचीत हुई, कैलाश मानसरोवर यात्रा बहाल हुई।

01:56 AM31 अगस्त 2025
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रिश्तों में नरमी, लेकिन पुराने विवाद बरकरार
मोदी के चीन दौरे से पहले भारत और चीन के रिश्तों में नरमी के संकेत दिखे हैं। 2020 की गलवान झड़प के बाद पहली बार दोनों देशों ने सीमा और व्यापार से जुड़े कई अहम मसलों पर सहमति बनाई है।
लेकिन सीमा विवाद और पानी के मसले जैसे बड़े विवाद बने हुए हैं। आर्थिक दबाव और वैश्विक हालात ने दोनों को साथ बैठने पर मजबूर किया है, पर पूरी तरह भरोसा बनने में वक्त लग सकता है।
किन मुद्दों पर सहमति
- अक्टूबर 2024 के समझौते के बाद गलवान और देपसांग जैसे संवेदनशील इलाकों से सैनिक पीछे हटाए गए। अब पूर्वी और मध्य सेक्टर पर भी बातचीत चल रही है।
- पांच साल बाद भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू हुईं। चीन ने भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स बेचने और खाद-मशीनरी सप्लाई करने का भरोसा दिया है। नाथु ला दर्रे से बॉर्डर ट्रेड फिर से शुरू करने पर भी बातचीत हुई।
- चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर जाने की अनुमति दी। पत्रकारों और पर्यटकों के लिए वीजा नियम आसान किए गए। ब्रह्मपुत्र नदी पर डेटा शेयरिंग भी दोबारा शुरू हो गई है।
- SCO और BRICS जैसे संगठनों में दोनों देश मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर का समर्थन कर रहे हैं। हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की दिल्ली यात्रा भी इसी कोशिश का हिस्सा रही।
कहां फंसे हैं रिश्ते
- LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) अब भी निर्धारित नहीं, स्थायी समाधान नहीं निकला है।
- चीन तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर विशाल डैम बना रहा है। भारत इसका विरोध कर रहा है।
- पाकिस्तान के साथ चीन की गहरी साझेदारी और भारत की क्वाड में मौजूदगी को लेकर दोनों देशों में अविश्वास बना हुआ है।
- 2020 के बाद भारत ने चीनी कंपनियों और एप्स पर रोक लगाई। चीन के साथ व्यापार घाटा भी लगातार बढ़ा है।

01:54 AM31 अगस्त 2025
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मोदी के दौरे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
जापान में मोदी ने बुलेट ट्रेन का सफर किया: ट्रेनिंग ले रहे भारतीय ड्राइवरों से मिले; मोदी ने जापानी पीएम को मूनस्टोन गिफ्ट किया

PM मोदी शनिवार को जापान दौरे के दूसरे दिन एडवांस बुलेट ट्रेन E10 देखने मियागी प्रांत के सेंडाई पहुंचे। यहां उनके साथ जापान के PM शिगेरू इशिबा भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने ट्रेन में सफर भी किया। पूरी खबर यहां पढ़ें…