Tuesday, December 30, 2025
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Pakistan Slams Nitish Kumar Over Hijab Row | Calls Act Against Muslim Woman Wrong | पाकिस्तान बोला- भारत में मुस्लिम महिला का हिजाब उतारना गलत: वहां मुस्लिमों से नफरत बढ़ी; CM नीतीश ने डॉक्टर का हिजाब हटाया था


इस्लामाबाद50 मिनट पहले

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पाकिस्तान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने पर प्रतिक्रिया दी है। PAK विदेश मंत्रालय ने हिजाब उतारने को गलत बताया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि एक सीनियर नेता का मुस्लिम महिला का जबरन हिजाब हटाना बेहद गलत है। भारत ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ रही है।

अंद्राबी ने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाएं भारत में मुस्लिम महिलाओं के अपमान को सामान्य बनाने का खतरा पैदा करती हैं। साथ ही मुस्लिमों के प्रति असहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं।

सोमवार को बिहार में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर नुसरत से हिजाब के बारे में पूछा और बाद में खुद उसका हिजाब हटा दिया।

पाकिस्तानी डॉन ने नीतीश कुमार को धमकी दी

पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्‌टी ने वीडियो जारी नीतीश कुमार को धमकी दी है। भट्‌टी ने कहा कि नीतीश कुमार सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, वरना बाद में ये मत कहना की चेतावनी नहीं दी गई थी। शहजाद के खिलाफ पटना के साइबर थाना में केस दर्ज किया गया है।

शहजाद भट्‌टी हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। भट्‌टी से जान का खतरा बताते हुए लॉरेंस के तिहाड़ जेल में बंद भाई अनमोल बिश्नोई ने भी दिल्ली कोर्ट से बुलेटप्रूफ जैकेट और गाड़ी की डिमांड की थी।

पाक का आरोप- भारत ने बिना चेतावनी चिनाब में पानी छोड़ा

पाकिस्तान ने भारत पर बिना किसी पूर्व सूचना के चिनाब नदी में पानी छोड़ने का आरोप लगाया है। इस्लामाबाद ने इसे सिंधु जल समझौते (IWT) का सीधा उल्लंघन बताया है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

प्रवक्ता अंद्राबी ने कहा कि दिसंबर से चिनाब नदी के जलस्तर में अचानक और असामान्य बदलाव देखे जा रहे हैं। उनके मुताबिक, भारत द्वारा अचानक पानी छोड़े जाने से नदी के बहाव में तेज उतार-चढ़ाव आया, जिसकी पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी।

अंद्राबी ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत साझा नदियों से जुड़े किसी भी कदम की पहले सूचना देना अनिवार्य है, लेकिन भारत ने इस नियम का पालन नहीं किया। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसे कदम क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं।

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले का संज्ञान लेने और भारत को संधि के उल्लंघन पर जवाबदेह ठहराने की मांग की है।

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले का संज्ञान लेने और भारत को संधि के उल्लंघन पर जवाबदेह ठहराने की मांग की है।

भारत को पत्र लिखकर जवाब मांगा

पाकिस्तान ने चिनाब नदी के अचानक पानी छोड़ने को लेकर भारत पत्र लिखा है। इस पत्र में भारत से स्पष्टीकरण मांगा गया है। अंद्राबी ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि एक बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौता है, जो अब तक क्षेत्र में शांति और स्थिरता का आधार रहा है।

अंद्राबी ने कहा कि खेती के अहम समय में नदी के पानी से छेड़छाड़ करना पाकिस्तान के लोगों की जिंदगी, आजीविका, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।

भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के दूसरे दिन 24 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोक दिया था। इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

क्या है सिंधु जल समझौता

सिंधु नदी प्रणाली में कुल 6 नदियां हैं- सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज। इनके किनारे का इलाका करीब 11.2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

इसमें 47% जमीन पाकिस्तान, 39% जमीन भारत, 8% जमीन चीन और 6% जमीन अफगानिस्तान में है। इन सभी देशों के करीब 30 करोड़ लोग इन इलाकों में रहते हैं।

1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पहले से ही भारत के पंजाब और पाकिस्तान के सिंध प्रांत के बीच नदियों के पानी के बंटवारे का झगड़ा शुरू हो गया था।

1947 में भारत और पाक के इंजीनियरों के बीच ‘स्टैंडस्टिल समझौता’ हुआ। इसके तहत दो मुख्य नहरों से पाकिस्तान को पानी मिलता रहा। ये समझौता 31 मार्च 1948 तक चला।

1 अप्रैल 1948 को जब समझौता लागू नहीं रहा तो भारत ने दोनों नहरों का पानी रोक दिया। इससे पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की 17 लाख एकड़ जमीन पर खेती बर्बाद हो गई। दोबारा हुए समझौते में भारत पानी देने को राजी हो गया।

इसके बाद 1951 से लेकर 1960 तक वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में भारत पाकिस्तान में पानी के बंटवारे को लेकर बातचीत चली और आखिरकार 19 सितंबर 1960 को कराची में भारत के तत्कालीन PM जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच दस्तखत हुए थे। इसे इंडस वाटर ट्रीटी या सिंधु जल संधि कहा जाता है।

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