
ट्रैवल टेक कंपनी ओयो ने सोमवार को बोनस शेयर जारी करने का प्रस्ताव वापस ले लिया। कंपनी ने कहा कि अब वे सभी शेयरधारकों के लिए एक ‘सरल और एकीकृत संरचना’ वाला नया प्रस्ताव लाएगी। कंपनी ने बयान में कहा कि बोनस शेयर जारी करने का प्रस्ताव वापस लेने का कदम शेयरधारकों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए उठाया गया है ताकि सभी निवेशकों, खासकर गैर-सूचीबद्ध शेयरधारकों के लिए समान भागीदारी और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
निवेशकों ने सीसीपीएस की संरचना की जटिलता पर जताई थी आपत्ति
ओयो ने कहा, “हम इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ रहे हैं और जल्द ही कंपनी अधिनियम, 2013 के अनुरूप शेयरधारकों की मंजूरी के लिए एक नया, एकीकृत प्रस्ताव लेकर आएंगे। नई संरचना की घोषणा आने वाले दिनों में की जाएगी और इसके लिए किसी आवेदन प्रक्रिया की जरूरत नहीं होगी।” ये घोषणा उस समय आई है जब कुछ निवेशकों और ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं ने तीन दिन की सीमित आवेदन अवधि और प्रस्तावित ‘अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय वरीय शेयरों’ (सीसीपीएस) की संरचना की जटिलता पर आपत्ति जताई थी।
पहले जारी किए गए प्रस्ताव में क्या था
पहले जारी प्रस्ताव के तहत शेयरधारकों को हर 6,000 इक्विटी शेयरों पर एक वरीय शेयर मिलना था, जिसे वे या तो एक निश्चित रूपांतरण या आईपीओ प्रक्रिया में बैंकरों की नियुक्ति जैसे माइलस्टोन आधारित विकल्प में बदल सकते थे। ओयो की मूल कंपनी ‘प्रिज्म’ के प्रवक्ता ने कहा कि संशोधित प्रस्ताव सभी शेयरधारकों पर समान रूप से लागू होगा, जिसमें छोटे निवेशक और सीसीपीएस धारक भी शामिल होंगे।
आईपीओ लाना चाहती है कंपनी
कंपनी ने एक दिन पहले ही अपने प्रस्ताव की आवेदन समयसीमा बढ़ाते हुए कहा था कि सॉफ्टबैंक विजन फंड और कंपनी के संस्थापक रितेश अग्रवाल से जुड़ी संस्थाएं, जो बहुलांश हिस्सेदारी रखती हैं, इस निर्गम में शामिल नहीं होंगी। अगस्त में ही पीटीआई ने एक रिपोर्ट में कहा था कि ओयो आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की मंजूरी के लिए नवंबर में बाजार नियामक सेबी के समक्ष मसौदा दस्तावेज दाखिल कर सकती है। कंपनी का लगभग 58,000–66,000 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ अपना आईपीओ लाने का इरादा है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ


                                    