Monday, November 3, 2025
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Maritime Info Sharing Workshop 2025 Begins in Gurugram with 30 Nations | गुरुग्राम में बन रही हिंद महासागर की सेफ्टी की स्ट्रेटजी: 29 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे; वाइस एडमिरल बोले- खुशी है कि हम समुद्री सुरक्षा पर गंभीर – gurugram News


गुरुग्राम में आयोजित मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप को संबोधित करते वाइस एडमिरल तरुण सोबती।

हरियाणा के गुरुग्राम में सोमवार को 3 दिवसीय मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप का शुभारंभ हो गया। इस वर्कशॉप में 29 देशों के 41 मैरीटाइम एक्सपर्ट्स हिंद महासागर में सेफ्टी की प्लानिंग को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इसे भारत लीड कर रहा है।

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इस वर्कशॉप के जरिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने और उनसे इन्फॉर्मेशन शेयर को आसान बनाने पर बात की जा रही है। इससे हिंद महासागर क्षेत्र में नशा, हथियारों की स्मगलिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने में मदद मिलेगी।

कार्यक्रम में पहुंचे इंडियन नेवी के वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने कहा कि हमें क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने, ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देने और हिंद महासागर में एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित समुद्री क्षेत्र सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा- यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि यह सेमीनार रूम समुद्र को आपराधिक गतिविधियों से मुक्त करने के लिए एक वैश्विक सोच का केंद्र बन गया है। आज यहां हमारी सामूहिक उपस्थिति इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि हम सहयोग और सहभागिता के माध्यम से समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को मजबूत करने पर गंभीर है।

गुरुग्राम में आयोजित 3 दिवसीय मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप में शामिल विभिन्न देशों के प्रतिनिधि।

गुरुग्राम में आयोजित 3 दिवसीय मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप में शामिल विभिन्न देशों के प्रतिनिधि।

5 नवंबर तक चलेगी वर्कशॉप गुरुग्राम के इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR) में आयोजित वर्कशॉप 3 से 5 नवंबर तक चलेगी। इस वर्कशॉप में हिंद महासागर में रियल-टाइम कोआर्डिनेशन और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग को बढ़ाने पर चर्चा की जा रही है।

यह वर्कशॉप भारत की महासागर नीति का हिस्सा है, जिसका पूरा नाम म्यूचुअल एंड होलिस्टिक एडवांसमेंट फॉर सिक्योरिटी एंड ग्रोथ अक्रॉस रीजंस यानी साझा सुरक्षा और विकास के लिए सामूहिक प्रगति है। इस नीति का मकसद हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच भरोसेमंद सहयोग और इन्फॉर्मेशन शेयरिंग को मजबूती देना है।

गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों के बीच नेवी के INS अरावली को कमीशंड किया गया है। - फाइल फोटो

गुरुग्राम में अरावली की पहाड़ियों के बीच नेवी के INS अरावली को कमीशंड किया गया है। – फाइल फोटो

30 देशों के एक्सपर्ट पहुंचे पहले आयोजित हो चुके इस वर्कशॉप के एडिशंस के मुकाबले वर्कशॉप 2025 में कुछ अधिक अंतरराष्ट्रीय संगठन हिस्सा ले रहे हैं। इनमें यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम, रीकेप इन्फॉर्मेशन शेयरिंग सेंटर, रीजनल मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर, इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर सिंगापुर और कई प्रमुख शिपिंग कंपनियां शामिल हैं।

इसके अलावा हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए), जिबूती कोड ऑफ कंडक्ट, जेद्दा अमेंडमेंट और बिम्सटेक समेत 30 देशों के समुद्री सुरक्षा अधिकारी इस वर्कशॉप में हिस्सा ले रहे हैं।

गुरुग्राम में मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप में मौजूद देशों के प्रतिनिधि।

गुरुग्राम में मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप में मौजूद देशों के प्रतिनिधि।

समुद्री सुरक्षा के लिए भारत आगे नेवी अधिकारियों के मुताबिक मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग वर्कशॉप 2025 (MISW) की शुरुआत साल 2019 में हुई थी। तब से यह कार्यक्रम समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में एक अहम मंच बन गया है, जो ऑपरेशनल स्तर पर देशों के बीच बेहतर संवाद, साझेदारी और इन्फॉरमेशन एक्सचेंज को बढ़ावा देता है।

समुद्री अपराध रोकने की पहल इस वर्कशॉप का उद्देश्य समुद्री खतरों जैसे पायरेसी, ड्रग स्मगलिंग, मानव तस्करी और गैरकानूनी मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों को नियंत्रित करना है। भारत इसका प्रतिनिधित्व करता है। वर्कशॉप में इस बात पर चर्चा हो रही है कि कैसे नई टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम्स के इस्तेमाल से समुद्री सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है?

भारत इस दौरान अपने नेशनल मैरीटाइम इन्फॉर्मेशन शेयरिंग सेंटर्स की भूमिका की भी जानकारी देगा, जो विभिन्न देशों के साथ मिलकर समुद्री घटनाओं, जहाजों की गतिविधियों और आपात स्थितियों की जानकारी साझा करते हैं।

25 देशों की लाइव फीड आईएनएस अरावली में बने इन्फॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर इंडियन ओशन रीजन (IFC-IOR) में 25 देशों के 43 मल्टीनेशनल सेंटर की लाइव फीड उपलब्ध होती है। इस सेंटर ने 28 देशों के साथ 76 से अधिक अंतरराष्ट्रीय संपर्क स्थापित किए हैं। इसमें ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, जापान और यूनाइटेड किंगडम समेत 15 देशों के इंटरनेशनल लाइजन ऑफिसर्स तैनात हैं, जो 57 समुद्री सुरक्षा संगठनों और 25 साझेदार देशों के साथ लगातार सहयोग कर रहे हैं।



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