Monday, December 29, 2025
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Iran says it will continue to support Hezbollah against Israel; provides weapons and money | वर्ल्ड अपडेट्स: भारत-रूस की सेनाएं एक-दूसरे के मिलिट्री बेस इस्तेमाल कर सकेंगीं; पुतिन ने सैन्य समझौते पर साइन किए


5 घंटे पहले

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रूस और भारत के बीच रक्षा सहयोग को नई मजबूती मिली है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ एक अहम सैन्य समझौते (RELOS) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के मिलिट्री बेस, फैसिलिटीज और संसाधनों का इस्तेमाल और एक्सचेंज कर सकेंगी।

इनका विमान, वॉरशिप ईंधन भरने, मिलिट्री बेस पर डेरा डालने या अन्य लॉजिस्टिक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर आने वाला खर्च बराबर-बराबर उठाया जाएगा।

यह समझौता इस साल 18 फरवरी को भारत और रूस के बीच किया गया था। पुतिन के भारत दौरे से पहले इसे रूसी संसद से मंजूरी मिली थी।

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हॉन्गकॉन्ग में चीन विरोधी मीडिया टायकून दोषी, देश के खिलाफ साजिश रचने का आरोप था

हॉन्गकॉन्ग में पूर्व मीडिया कारोबानी जिमी लाई को राष्ट्रीय सुरक्षा मामले में दोषी ठहराया गया है। अब उन्हें उम्रकैद की सजा मिल सकती है। 78 साल के लाई चीन के विरोधी और लोकतंत्र के समर्थक रहे हैं।

लाइ पहले ‘एपल डेली’ अखबार चलाते थे। यह अखबार हांगकांग सरकार और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का खुलकर विरोध करता रहा है।

जिमी लाई को अगस्त 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह कानून 2019 में हुए बड़े सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के बाद लाया गया था।

5 साल बाद कोर्ट ने लाई को विदेशी ताकतों से सांठगांठ करने की साजिश रचने और अपने अखबार के जरिए देशद्रोही खबरें प्रकाशित करने का दोषी पाया। हालांकि लाई ने सभी आरोपों से इनकार किया था और खुद को निर्दोष बताया था।

कोर्ट के फैसले को बीजिंग के अंतरराष्ट्रीय रिश्तों की कसौटी के तौर पर भी देखा जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्होंने जिमी लाई का मामला चीन के सामने उठाया था।

वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा है कि उनकी सरकार जिमी लाई की रिहाई को प्राथमिकता दे रही है, क्योंकि जिमी लाई ब्रिटिश नागरिक हैं। हॉन्गकॉन्ग पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था, जो 1997 में चीन के नियंत्रण में आया था।

ईरान बोला- हिजबुल्लाह को इजराइल के खिलाफ समर्थन देते रहेंगे; बड़े पैमाने पर हथियार और पैसा दे रहा

ईरान और लेबनान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर हिजबुल्लाह संगठन को लेकर। दरअसल, ईरान लंबे समय से हिजबुल्लाह को अपना करीबी सहयोगी मानता है और इसे इजराइल के खिलाफ “प्रतिरोध मोर्चे” का सबसे मजबूत हिस्सा बताता है।

ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली अकबर वेलायती ने रविवार को साफ कहा कि ईरान हिजबुल्लाह को इजराइल से मुकाबला करने में पूरी ताकत से समर्थन देता रहेगा।

इसका मतलब है कि ईरान हिजबुल्लाह को हथियार, पैसा और दूसरी मदद देना जारी रखेगा, क्योंकि वह इसे क्षेत्र में इजराइल के खिलाफ अपनी रणनीति का अहम हिस्सा मानता है। ईरान इसी तरह गाजा के हमास और यमन के हूती विद्रोहियों को भी समर्थन देता है, जिसे वह “प्रतिरोध अक्ष” कहता है।

दूसरी तरफ, लेबनान पर अमेरिका और इजराइल का दबाव है कि वह हिजबुल्लाह को हथियार डालने पर मजबूर करे, खासकर दक्षिणी लेबनान में जहां हिजबुल्लाह का बहुत प्रभाव है।

हाल की इजराइल के साथ एक साल से ज्यादा चली लड़ाई और सीरिया में बशर अल-असद की सरकार गिरने से हिजबुल्लाह काफी कमजोर हो गया है।

ईरान हिजबुल्लाह को रॉकेट, मिसाइल, ड्रोन, एंटी-टैंक हथियार और एक्सप्लोसिव्स सप्लाई करता है। पहले सीरिया के रास्ते जमीन से हथियार पहुंचते थे, लेकिन 2024 में असद के गिरने के बाद यह रूट बंद हो गया।

अब ईरान हवाई जहाज, समुद्री जहाज (यूरोपीय पोर्ट्स तक कवर के रूप में) और इराक के रास्ते छोटी मात्रा में हथियार भेजने की कोशिश कर रहा है। 2024 की इजरायल के साथ लड़ाई में हिजबुल्लाह के ज्यादातर हथियार नष्ट हो गए, इसलिए ईरान अब उसे फिर से हथियार देकर री-आर्म करने में लगा है।

ईरान के इसी समर्थन से लेबनान नाराज है। हाल ही में वेलायती ने कहा था कि लेबनान के लिए हिजबुल्लाह का होना रोजी-रोटी से भी ज्यादा जरूरी है, जिस पर लेबनान के विदेश मंत्री यूसुफ राजी बहुत गुस्सा हुए।

उन्होंने सोशल मीडिया पर जवाब दिया कि लेबनान के लिए सबसे महत्वपूर्ण उसकी संप्रभुता, आजादी और अपने फैसले खुद लेने का अधिकार है। ईरान ने बातचीत के लिए राजी को तेहरान बुलाया भी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था।

ऑस्ट्रेलिया का हीरो अहमद- आतंकी साजिद से निहत्था भिड़ा:राइफल छीनी, भाई से कहा- कुछ हुआ तो परिवार को बताना कि लोगों को बचाते हुए मरा

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को बॉन्डी बीच पर जश्न मना रहे लोगों पर दो आतंकियों ने हमला किया। इस दौरान 44 साल के अहमद अल-अहमद ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाई।

अहमद अंधाधुंध फायरिंग कर रहे आतंकी साजिद अकरम से निहत्थे भिड़ गए। उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए पीछे से आतंकी पर झपट्टा मारा और उससे बंदूक छीन ली, जिससे कई लोगों को सुरक्षित निकलने का मौका मिल गया। इस हमले में एक आतंकी समेत 16 लोगों की मौत हुई है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

आतंकी हमले पर गुस्सा, ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने लिखा- यू बास्टर्ड्स:पुलिस को शक- आतंकी पाकिस्तानी, कल समुद्र किनारे त्योहार मना रहे 16 लोगों को मार दिया था

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रविवार को बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में नाराजगी है। इसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 45 लोग घायल हैं।

इस हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख अखबार द डेली टेलीग्राफ ने बेहद कड़ा रुख अपनाया है। अखबार ने आतंकी की तस्वीर के साथ फ्रंट पेज पर बड़ी और आक्रामक हेडलाइन दी है- “यू बास्टर्ड्स”। पूरी खबर यहां पढ़ें…

————————————– 14 दिसंबर के वर्ल्ड अपडेट्स यहां पढ़ें…

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