
एप्पल आईफोन 17 प्रो
Apple RAM Cost: इस समय दुनियाभर में DRAM (डायनामिक रैंडम एक्सेस मैमोरी) की कमी देखने को मिल रही है और इन RAM की कमी के चलते ग्लोबल टेक जाएंट एप्पल के मार्जिन पर भी असर आ रहा है। एप्पल के मार्जिन सिकुड़ रहे हैं और सबसे पहले इसका असर iPhone 17 लाइअप पर देखा जा सकता है और वो दबाव में आ सकते हैं। एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एप्पल इस समय नई DRAM की कीमतों में उछाल का सामना कर रहा है। इसके चलते ये सवाल उठ रहे हैं कि एप्पल कब तक इसका बोझ खुद उठा पाएगा और इसका भार कंज्यूमर्स पर नहीं डालने की नीति पर कायम रह पाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक एक 12GB LPDDR5X RAM जिसका इस्तेमाल iPhone 17 Pro मॉडल्स में होता है इनकी लागत में सबसे ज्यादा बढ़त देखी गई है। इनकी लागत 25-29 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़कर 70 डॉलर प्रति यूनिट तक जा पहुंची है और ये जबर्दस्त 230 फीसदी का उछाल है। इसने निश्चित तौर पर हर स्मार्टफोन मेकर कंपनी को नुकसान पहुंचाया है।
एप्पल के लिए मोलभाव होगा मुश्किल
हालांकि पहले एप्पल को इन बातों से इतना ज्यादा परेशानी नहीं होती थी क्योंकि ये ज्यादातर लॉन्ग टर्म सप्लाई कॉन्ट्रेक्ट्स करता है जिसकी वजह से कंपोनेंट की प्राइसिंग एडवांस में तय हो जाती है। लेकिन इस बार DRAM की बढ़ती कीमत एप्पल के लिए ज्यादा मुश्किल साबित होती दिखाई दे रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि रूमर्स हैं कि एप्पल का SK Hynix और सैमसंग के साथ मौजदूा सप्लाई एग्रीमेंट जनवरी 2026 में एक्सपायर होने वाला है और जब ये खत्म हो जाएंगे तो एप्पल को बाजार की मौजूदा स्थितियों के मुताबिक प्राइसिंग पर दोबारा मोलभाव करना होगा। वहीं मौजूदा बाजार परिस्थितियों को देखते हुए ये मुश्किल लग रहा है कि कंपनी पुराने 25 डॉलर प्रति यूनिट के रेट के आसपास की डील पक्का कर पाएगी।
मौजूदा रूमर बताते हैं कि एप्पल इससे निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां कर रहा है और कंपनी हालांकि तुलनात्मक रूप से मजबूत पोजीशन में है लेकिन कंपनी का बफर हमेशा के लिए तो नहीं टिकने वाला है।
एप्पल को सैमसंग पर निर्भर होना पड़ेगा
इंडस्ट्री का व्यापक ट्रेंड देखते हुए स्थिति के और गंभीर होने के आसार लग रहे हैं क्योंकि SK Hynix और Micron ने LPDDR मेमोरी चिप प्रोडक्शन को कम करने और हाई मार्जिन HBM मैमोरी पर फोकस करने पर जोर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि एआई एक्सीलेरेटर्स और डेटा सेंटर्स के लिए HBM मैमोरी की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते एप्पल को RAM के लिए भारी मात्रा में सैमसंग के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। इस तरह की मोनोपली साफ तौर पर एप्पल की मोलभाव करने की क्षमता पर असर डालेगी और एप्पल को मजबूरन आईफोन के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। खासतौर से जब ऐसी रूमर्स हैं कि आईफोन 18 के लाइनअप के लिए कंपनी के सिक्स चैनल LPDDR5X मैमोरी को अपनाने की कोशिश है जिससे बैंडविद्थ और एआई परफॉर्मेंस बेहतर हो सके।
कस्टमर पर भी आ सकता है बढ़ा हुआ बोझ
इसका मतलब है कि एप्पल को और ज्यादा DRAM की जरूरत पड़ेगी वो भी ऐसे समय पर जब कीमतें पहले से ही बढ़ती नजर आ रही हों। अगर DRAM की लागत 70 डॉलर प्रति यूनिट के आसपास बनी रहती है तो एप्पल के पास बढ़ी हुई लागत का कुछ बोझ कस्टमर पर डालने के अलावा कोई और ऑप्शन नहीं बचेगा।
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