6 मिनट पहले
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भारत और नेपाल के बीच छह साल बाद इस महीने बाउंडरी वर्किंग ग्रुप (BWG) की बैठक होने जा रही है। यह द्विपक्षीय समूह भारत-नेपाल सीमा पर पिलर्स की मरम्मत, निर्माण और सर्वे जैसे तकनीकी कामों को देखता है। हालांकि, सुस्ता और कालापानी जैसे विवादित इलाकों को बातचीत से बाहर रखा गया है।
BWG की आखिरी बैठक अगस्त 2019 में देहरादून में हुई थी। तब तय हुआ था कि 2022 तक बॉर्डर से जुड़े सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।
लेकिन कोरोना महामारी और उसके बाद नक्शे को लेकर बढ़े विवाद के कारण बातचीत ठप हो गई। अब भारत ने जुलाई के दूसरे और अंतिम हफ्ते के लिए दो संभावित तारीखें प्रस्तावित की हैं।
BWG की स्थापना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान हुई थी। यह ग्रुप बॉर्डर पिलर्स की मरम्मत (D2), GPS आधारित सर्वेक्षण (D4), दोनों देशों की ज़मीन पर कब्जों की सूची (D3) और संयुक्त निरीक्षण (D1) जैसे तकनीकी पहलुओं पर काम करता है।
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ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से 1350 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला

अमेरिकी विदेश मंत्रालय में बड़ा फेरबदल करते हुए ट्रम्प प्रशासन ने शुक्रवार को 1,350 से ज्यादा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। इनमें 1,107 सिविल सर्विस और 246 फॉरेन सर्विस ऑफिसर शामिल हैं।
ट्रम्प प्रशासन इस कदम को अमेरिका फर्स्ट एजेंडे के तहत विदेश नीति को फिर से दिशा देने की शुरुआत बता रहा है। डेमोक्रेट सांसदों और पूर्व राजनयिकों ने इस कदम की आलोचना की है।
स्टेट डिपार्टमेंट ऑफिस में शुक्रवार को विदाई ले रहे कर्मचारियों के लिए उनके साथियों ने तालियों से ‘क्लैप-आउट’ किया। कई लोग भावुक होकर रोते देखे गए।
बर्खास्त कर्मचारियों को एक सेपरेशन चेकलिस्ट दी गई। इसमें बताया गया कि शुक्रवार शाम 5 बजे के बाद उन्हें ऑफिस और ईमेल एक्सेस से बाहर कर दिया जाएगा।
यह बदलाव ट्रम्प और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के विजन का हिस्सा है जिसके तहत ब्यूरोक्रेसी को छोटा करना और गैर-जरूरी कार्यक्रमों को हटाने लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अफगान रिफ्यूजी प्रोग्राम चलाने वाले डेस्क को भी बंद किया गया है।