बैंकॉक23 मिनट पहले
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भारत सरकार ने म्यांमार के स्कैम सेंटर्स से भागकर थाईलैंड पहुंचे करीब 500 भारतीय नागरिकों को जल्द वापस लाने की प्रोसेस तेज कर दी है।
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि थाईलैंड में भारतीय दूतावास लोकल अधिकारियों के साथ मिलकर इनकी पहचान और कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रहा है।
ये लोग म्यांमार के दक्षिण-पूर्वी इलाके में बिगड़ती सुरक्षा की वजह से थाई बॉर्डर पार करके माए सोट शहर पहुंचे थे, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार की सेना ने हाल ही में केके पार्क जैसे साइबर ठगी के ठिकानों पर छापा मारा, जिसके बाद 28 देशों के 1500 से ज्यादा लोग भागे। इनमें भारतीय सबसे ज्यादा हैं।
ये भारतीय नागरिक मुख्य रूप से म्यावाडी के स्कैम सेंटर्स से भागे थे। इन्हें फर्जी नौकरी के बहाने थाईलैंड ले जाकर म्यांमार पहुंचाया गया था। वहां चीनी अपराधी गिरोहों ने इन्हें कैद कर साइबर अपराध, ऑनलाइन ठगी और फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम में जबरन लगाया था।

म्यांमार के केके पार्क में छापेमारी की गई थी, यहां स्कैम सेंटर्स चल रहे थे। फाइल फोटो
स्पेशल फ्लाइट से भारत लाया जाएगा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत थाई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि सभी भारतीयों की जल्द वापसी तय हो सके। उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही इन्हें रिहा किया जाएगा।
जायसवाल ने बताया- हम थाई पुलिस के साथ मिलकर इनकी नागरिकता की पुष्टि कर रहे हैं। इसके बाद स्पेशल उड़ान से इन्हें भारत लाया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया के थाईलैंड, म्यांमार, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में ऐसे सेंटर्स में लाखों लोग फंसे हैं, जो अरबों डॉलर की ठगी करते हैं। कई भारतीयों के पासपोर्ट तक छीन लिए गए थे। म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के बीच जारी संघर्ष ने स्थिति को और खराब कर दिया।
थाई अधिकारी से मिले भारतीय अधिकारी इस बीच, थाईलैंड में भारतीय राजदूत नागेश सिंह ने रॉयल थाई पुलिस के इमिग्रेशन ब्यूरो के आयुक्त पोल लेफ्टिनेंट जनरल पनुमास बून्यालुग से मुलाकात की। दोनों ने भारतीयों की शीघ्र रिहाई और वापसी पर विस्तार से चर्चा की।
थाई प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने भी कहा कि भारत अपना विमान भेजकर इन्हें सीधे ले जाएगा।
मार्च में 549 भारतीय को वापस लाया गया था
भारत सरकार लंबे समय से दक्षिण-पूर्व एशिया में फंसे अपने नागरिकों को बचाने के लिए एक्टिव है। इस साल मार्च में ही म्यांमार-थाईलैंड सीमा से 549 भारतीयों को सुरक्षित लाया गया था।
विदेश मंत्रालय ने पहले भी चेतावनी दी थी कि विदेशी नौकरियों की पेशकश से पहले एजेंट और कंपनियों की जांच जरूर करें। पीएम मोदी ने अप्रैल में बैंकॉक के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से इस मुद्दे पर बात की थी।
दोनों देशों ने सीमा पार अपराध, मानव तस्करी और विद्रोही गतिविधियों पर संयुक्त कार्रवाई पर सहमति जताई थी।
विदेश मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि ऐसी फर्जी नौकरियों के जाल में न फंसें। फिलहाल ये भारतीय थाईलैंड के माए सोट में अस्थायी शरणस्थलों में हैं, जहां उन्हें भोजन और सुरक्षा दी जा रही है।


