45 मिनट पहले
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इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के सबसे बड़े आयोजनों के संचालन में मिसमैनेजमेंट नजर आ रहा है। महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 इसका ताजा उदाहरण है, जहां खराब शेड्यूलिंग के कारण 28 ग्रुप मैच में से 6 (21%) बारिश के चलते रद्द हुए। न्यूजीलैंड जैसे पूर्व चैम्पियन दो रद्द मैचों के कारण छठे स्थान पर रहकर बाहर हो गए। मेजबान श्रीलंका के तीन मैच कोलंबो में बारिश की भेंट चढ़े। पाकिस्तान बिना जीत के आखिरी स्थान पर रहा।
सात टीमें कम से कम एक बेनतीजा मैच का शिकार हुईं, जिसने टूर्नामेंट के समीकरण बिगाड़ दिए। इंदौर में दो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ छेड़छाड़ की घटना ने भी आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। प्रशंसकों और खिलाड़ियों की शिकायतें बताती हैं कि आईसीसी बड़े आयोजनों, खिलाड़ियों की सुरक्षा और सुविधाओं को संभालने में लगातार असफल हो रही है।
शेड्यूलिंग 41 दिन पहले तय होने पर भी टिकट ‘सोल्ड आउट‘ 2023 पुरुष वर्ल्ड कप में आईसीसी की खराब आयोजन व्यवस्था साफ दिखी। टिकट सिर्फ 41 दिन पहले रिलीज हुए, जिससे विदेशी फैंस को वीसा, यात्रा और होटल बुकिंग का समय नहीं मिला। नतीजा, भारत को छोड़कर कई मैचों में स्टेडियम खाली रहे। 2025 महिला वर्ल्ड कप का शेड्यूल भी एक महीने पहले बदला गया, जिससे परेशानी बढ़ी। टिकटिंग भी बड़ी समस्या रहती है। बुक माय शो पर टिकट ‘सोल्ड आउट’ दिखते हैं, जबकि स्टेडियम में सीट खाली रह जाती हैं।
वर्ल्ड कप 2023 में 65 हजार की क्षमता वाले ईडन गार्डंस ने 32 हजार टिकट ही बेचे, जबकि चेपक स्टेडियम में 37 हजार में सिर्फ 13 हजार टिकट बिक्री के लिए थे। बीसीसीआई ने प्रायोजकों और मेहमानों के लिए टिकट सुरक्षित रखे, जिससे फैंस को नुकसान हुआ।
टीमों का रहना-खाना: पाकिस्तान टीम को बीच टूर्नामेंट में होटल बदलना पड़ा था आईसीसी के खिलाड़ियों के लिए किए गए इंतजामों की 2024 टी-20 वर्ल्ड कप में भी किरकिरी हुई थी। पाकिस्तान टीम का होटल, न्यूयॉर्क के स्टेडियम से 90 मिनट की दूरी पर था, जिसके बाद उन्हें टूर्नामेंट के बीच में होटल शिफ्ट करना पड़ा। वहीं, खिलाड़ियों को भी दिक्कत हुई। उस वर्ल्ड कप के कैरेबियाई चरण में अफगानिस्तान टीम को ब्रिजटाउन में ‘हलाल मीट’ उपलब्ध नहीं हुआ।
वेन्यू चयन:अमेरिका की पिच ‘खतरनाक’, धर्मशाला का मैदान गड़बड़ आईसीसी का वेन्यू चयन लगातार सवालों के घेरे में रहा है। 2024 टी20 वर्ल्ड कप में अमेरिका के नासाऊ काउंटी की पिच बेहद धीमी और असमान उछाल वाली थी। पूर्व क्रिकेटर एंडी फ्लावर ने इसे ‘खतरनाक’ करार दिया। लॉडरहिल को चार मैचों की मेजबानी दी गई, जिसमें से तीन में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी, क्योंकि बारिश रुकने के बाद भी मैदान सुखाने की सुविधा नहीं थी। वहीं, 2023 वर्ल्ड कप में धर्मशाला का आउटफील्ड खिलाड़ियों की डाइव के साथ बार-बार उखड़ रहा था।
सफर: अफ्रीका का 18 घंटे में पाक-दुबई-पाक; बिना ब्रेकफास्ट रही श्रीलंकाई टीम इस साल फरवरी में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में साउथ अफ्रीका टीम आईसीसी की बदइंतजामी का शिकार हुई। उन्हें 18 घंटे में पाकिस्तान से दुबई जाना पड़ा और वापस लौटना पड़ा। भारत सभी मैच दुबई में खेल रहा था, जबकि पाकिस्तान मेजबान था। साउथ अफ्रीका ने सेमीफाइनल में क्वालिफाई किया, लेकिन न्यूजीलैंड या भारत से मैच तय नहीं था। रविवार दोपहर वे दुबई पहुंचे, और अगली सुबह न्यूजीलैंड से मैच तय होने पर पाकिस्तान लौटे। इसी तरह पिछले साल खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में श्रीलंका को हार के बाद जल्दबाजी में मैदान छोड़ना पड़ा, क्योंकि उनकी फ्लाइट शाम 6 बजे थी। होटल स्टेडियम से डेढ़ घंटे दूर था। टीम के कई खिलाड़ी मैच से पहले बिना नाश्ता किए सुबह 7 बजे निकले और 7 घंटे की फ्लाइट देरी ने उनकी परेशानी बढ़ाई।

इस साल हुए चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने फाइनल में न्यूजीलैंड को हरा कर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।
बिना टूर्नामेंट डायरेक्टर के हो रहे हैं इवेंट, 2023 से हालात बिगड़े आईसीसी क्रिकेट टूर्नामेंट्स को अव्यवस्थित तरीके से आयोजित करता है। देरी से शेड्यूल जारी होने, टिकट रिलीज, खराब पिचें, और यात्रा संबंधी समस्याएं जैसे मुद्दे सामने आ रहे हैं। श्रीलंका में महिला विश्व कप के दौरान बारिश के कारण कई मैच रद्द हुए, क्योंकि आयोजन मानसून के समय किया गया, जो गलत योजना को दर्शाता है। आईसीसी में जवाबदेही की कमी है। टूर्नामेंट डायरेक्टर तक नियुक्त नहीं किए जा रहे।
2019 के वनडे विश्व कप में करीब तीन साल पहले स्टीव एलवर्थी को टूर्नामेंट डायरेक्टर बना दिया गया था, जिनके पास तीन वर्ल्ड कप आयोजित करने का अनुभव था, पर 2023 से हालात बिगड़े। कोई आधिकारिक आयोजन समिति नहीं दिखी। बीसीसीआई के प्रभुत्व में अधिकतर जिम्मेदारी मेजबान देश को सौंप दी जा रही है। इससे स्टेडियम की स्थिति, टिकट व्यवस्था, और खिलाड़ियों की सुविधाओं जैसे होटल और परिवहन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। फीफा और ओलिंपिक जैसे संगठन सख्त प्रोटोकॉल और पेशेवर आयोजन सुनिश्चित करते हैं, जबकि आईसीसी केवल रेवेन्यू पर ध्यान देता है।


