किंग्सटन/वॉशिंगटन10 मिनट पहले
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हरिकेन मेलिसा 282 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
हरिकेन मेलिसा 2025 का सबसे ताकतवर तूफान बन गया है। यह कैरिबियाई देश जमैका की ओर बढ़ रहा है। इससे पहले यह हैती और डोमिनिकन रिपब्लिकन में तबाही मचा चुका है। मेलिसा से जमैका में 3, हैती में 3 और डोमिनिकन रिपब्लिक में 1 व्यक्ति की मौत हो गई है।
अमेरिकी मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह तूफान विनाशकारी और जानलेवा साबित हो सकता है। मेलिसा की रफ्तार 175 मील प्रति घंटा यानी लगभग 282 किमी/घंटा तक पहुंच गई है।
इससे यह कैटेगरी-5 हरिकेन बन गया है। यह तूफानों की सबसे खतरनाक श्रेणी है। मौसम विभाग के मुताबिक, यह तूफान मंगलवार शाम (भारतीय समय के मुताबिक) जमैका के तट से टकरा सकता है।
क्यूबा में 6 लाख और जमैका में 28,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया गया है।
सबसे पहले हरिकेन मेलिसा के भीतर का यह वीडियो देखिए…
अमेरिकी वायुसेना रिजर्व के 403वें विंग के ‘हरिकेन हंटर्स’ ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें तूफान मेलिसा का बिल्कुल बीच का हिस्सा दिख रहा है। यह वीडियो उस समय शूट किया गया था, जब तूफान रविवार को जमैका की ओर बढ़ रहा था।
हरिकेन मेलिसा और उसके असर से जुड़ीं 4 फुटेज

हरिकेन मेलिसा की यह तस्वीर सैटेलाइट से ली गई है। इसमें तूफान के एरिया को देखा जा सकता है।

सैटेलाइट से ली गई इस तस्वीर में हरिकेन मेलिसा कैरिबियन सागर में जमैका और क्यूबा की ओर बढ़ रहा है।

हरिकेन मेलिसा की वजह से वजह से जमैका में तेज हवा चल रही है। यहां पोर्ट रॉयल में ताड़ के पेड़ हवा में लहरा रहे हैं।

जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने अधिकारियों को हरिकेन मेलिसा से निपटने और जनहानि को रोकने की तैयारी के निर्देश दिए।
हरिकेन मेलिसा 24 घंटे में कैटेगरी 5 का तूफान बना
मेलिसा ने शनिवार को 120 kmph की रफ्तार से चलना शुरू किया था। 24 घंटे में रविवार रात तक इसकी रफ्तार 225 kmph हो गई। सोमवार रात इसकी रफ्तार 260 kmph हो गई थी जिसके यह कैटेगरी-5 तूफान बन गया।
कैटेगरी 5 के तूफान को हरिकेन की सबसे खतरनाक श्रेणी माना जाता है। इसमें हवाओं की रफ्तार 252 किलोमीटर प्रति घंटा (या 157 मील प्रति घंटा) से ज्यादा होती है।
इसकी हवा इतनी तेज होती है कि मजबूत कंक्रीट की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। पेड़ उखड़ जाते हैं, बिजली और कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह ठप हो जाता है।
समुद्र में ऊंची लहरें और तूफानी ज्वार कई मीटर ऊंचाई तक पहुंच सकता है, जिससे तटीय इलाकों में भारी बाढ़ आ जाती है। 2025 में अब तक 4 कैटेगरी 5 तूफान दर्ज किए गए हैं।

लगातार बारिश से बाढ़-भूस्खलन का खतरा बढ़ा
मेलिसा की रफ्तार के चलते लगातार भारी बारिश होने की आशंका है। इससे भारी बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।
जमैका सरकार ने राजधानी किंग्सटन सहित कई इलाकों में निकासी आदेश जारी किए हैं। 881 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां लोगों को शरण दी जा रही है। जमैका की शिक्षा मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने कहा,
ऐसा तूफान हमने पहले कभी नहीं देखा। अक्टूबर भर से बारिश हो रही है, जमीन पहले से भीगी हुई है, इसलिए भारी बाढ़ और भूस्खलन की संभावना बहुत ज्यादा है।

अगर यह तूफान इसी ताकत से टकराया, तो 1851 के बाद यह जमैका से टकराने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान होगा।

अमेरिका के नेशनल हरिकेन सेंटर (NHC) ने बताया है कि तेज हवाओं और लो प्रेशर के चलते मेलिसा इस साल दुनिया का सबसे ताकतवर तूफान बन चुका है।
सरकार ने लोगों से घरों में रहने की अपील की
जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू होलनेस ने नागरिकों से घरों के अंदर रहने और प्रशासन के आदेशों का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि हम इस संकट से उभरेंगे और मजबूत बनेंगे।
अमेरिकी NHC के निदेशक माइकल ब्रेनन ने मंगलवार को तेज हवाओं और भयंकर बारिश से जानलेवा बाढ़ और भूस्खलन की चेतावनी दी। उन्होंने भी लोगों को घरों से बाहर न निकलने की अपील की।
तूफान के असर से हैती और डोमिनिकन रिपब्लिक में सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो में 79 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक 13 वर्षीय बच्चा लापता बताया जा रहा है।
मंगलवार रात तक क्यूबा में तूफान का असर शुरू होगा। बुधवार को बहामास में हरिकेन की स्थिति बनेगी। टर्क्स एंड केकोस द्वीपों में भी बुधवार को तेज हवाओं और बारिश की संभावना है।
टाइफून, हरिकेन और टॉरनेडो में क्या अंतर है?
स्टॉर्म या तूफान वातावरण में एक तरह का डिस्टर्बेंस होता है, जो तेज हवाओं के जरिए सामने आता है और उसके साथ बारिश, बर्फ या ओले पड़ते हैं। जब ये धरती पर होते हैं तो आम तूफान कहलाते है, लेकिन समुद्र से उठने वाले स्टॉर्म को हरिकेन कहते हैं।
हरिकेन आम स्टॉर्म से ज्यादा खतरनाक होते हैं।हरिकेन, साइक्लोन और टाइफून तीनों एक ही चीज होते हैं। दुनियाभर में साइक्लोन को अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है।
जैसे- उत्तरी अमेरिका और कैरेबियन आइलैंड में बनने वाले साइक्लोन को हरिकेन, फिलीपींस, जापान और चीन में आने वाले साइक्लोन को टाइफून और ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर यानी भारत के आसपास आने वाले तूफान को साइक्लोन कहा जाता है।
समुद्रों के लिहाज से देखें तो अटलांटिक और उत्तर पश्चिम महासागरों में बनने वाले साइक्लोन हरिकेन कहलाते हैं। उत्तर पश्चिम प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान टाइफून कहलाते हैं। वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में उठने वाले तूफान साइक्लोन कहलाते हैं।
इसी वजह से भारत के आसपास के इलाकों में आने वाले समुद्री तूफान साइक्लोन कहलाते हैं। टॉरनेडो भी तेज तूफान होते हैं, लेकिन ये साइक्लोन नहीं होते, क्योंकि ये समुद्र के बजाय ज्यादातर धरती पर ही बनते हैं। सबसे ज्यादा टॉरनेडो अमेरिका में आते हैं।

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तूफान ‘रागासा’ 24 सितंबर को हॉन्गकॉन्ग पहुंचा। यह तब तक साल का सबसे खतरनाक तूफान था। इस दौरान 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई।
तूफान की रफ्तार को देखते हुए हॉन्गकॉन्ग सरकार ने टाइफून वॉर्निंग सिग्नल 10 (सबसे शक्तिशाली तूफान) जारी किया। पूरी खबर यहां पढ़ें..


