किंग्सटन3 घंटे पहले
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जमैका में कैटेगरी-5 के हरिकेन मेलिसा के टकराने के बाद हालात खराब हो चुके हैं। ब्लैक रिवर शहर में लोग कीचड़ और मलबे में खाने-पीने का सामान खोज रहे हैं। कई लोग टूटी दुकानों और सुपरमार्केट से पानी की बोतलें और जरूरी चीजें निकाल रहे हैं।
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, तूफान के बाद पिछले तीन दिनों से शहर में अराजकता और भूख-प्यास का संकट है। सड़कों पर कीचड़, टूटी इमारतें, पलटी नावें और बिखरे वाहन चारों ओर तबाही की तस्वीर पेश कर रहे हैं। बिजली-पानी की सप्लाई बंद है। लोगों का परिवारों से संपर्क टूट गया है।
तूफान मेलिसा के असर और तबाही की तस्वीरें…

तस्वीर तूफान मेलिसा की वजह से तबाह हुए एक घर की है। लोग मलबे में से खाने-पीने की चीजें और जूस की बोतलें निकाल रहे हैं।

न्यू रिवर शहर में सड़कों पर पानी भर चुका है। इस पानी में कई मृत जानवर पड़े हैं, जो सड़ रहे हैं। इससे इलाके में दुर्गन्ध फैल रही है।

सड़कों पर पानी भरने से कीचड़ जमा गया हो गया है। इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

ब्लैक रिवर शहर का एक चर्च तूफान मेलिसा के बाद खंडहर में बदल गया।
अब तक लोगों को मदद नही मिली BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों का कहना है कि अब तक इलाके में कोई राहत ट्रक नहीं पहुंचा है। वे सड़क पर पड़े मलबे या दुकानों में जो कुछ भी मिल रहा है, उसी से गुजारा कर रहे हैं।
एक स्थानीय युवक डेमर वॉकर ने कहा,
हम सड़क पर जो भी मिल रहा है, वही खा रहे हैं। सुपरमार्केट से पानी लिया, लेकिन हमने दूसरों से भी साझा किया।

पास की एक फार्मेसी और दुकानों में भी लूटपाट की घटनाएं हुईं। लोग कीचड़ में सनी दवाइयां और खाना उठाते दिखे। कई दुकानदार अपनी लूटी दुकानों के बाहर पहरा दे रहे हैं।
राजधानी किंग्स्टन एयरपोर्ट पर राहत सामग्री पहुंचनी शुरू हो गई है, लेकिन छोटे एयरपोर्ट और सड़कें क्षतिग्रस्त होने से मदद देर से पहुंच रही है। सेना और राहत एजेंसियों के ट्रक रास्तों के टूटे हिस्सों से गुजरने की कोशिश कर रहे हैं।
19 की मौत, हैती में भी 30 की जानें गईं
जमैका सरकार ने पुष्टि की है कि तूफान में 19 लोगों की मौत हुई है। हैती में भी 30 लोगों की मौत की खबर है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि शहर के 90% घर तबाह हो चुके हैं। अस्पताल, पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं।
शहर के मेयर ने कहा,
ब्लैक रिवर पूरी तरह तबाह हो चुका है। लोग मजबूरी में सामान उठा रहे हैं, लेकिन हिंसा भी बढ़ रही है।

एक मेडिकल वर्कर ने बताया कि फायर स्टेशन में चार से पांच फीट पानी भर गया था। बच्चों और बुजुर्गों सहित कई लोग घायल अवस्था में लाए गए। कई जगह ऐसे लोग मिले जो जिंदा नहीं बचे।
शुक्रवार दोपहर सेना के हेलिकॉप्टर ब्लैक रिवर पहुंचे। इसके बाद सड़कों से भीड़ कम हुई।


