कनिष्क चौहान का अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में चयन होने के बाद उनके घर पर आतिशबाजी की गई।
अंडर-19 वर्ल्डकप के लिए चयनित टीम में हरियाणवी कनिष्क चौहान भी हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की। कनिष्क के चयन से जहां उनके झज्जर स्थित पैतृक गांव कुलाना में जश्न का माहौल रहा, वहीं सिरसा में डेरा सच्चा सौदा में
.
कनिष्क डेरा द्वारा संचालित शाह जी सतनाम बॉयज कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। वह सालों से डेरे के स्टेडियम में ही प्रैक्टिस कर रहे हैं। पहले उसका परिवार भी सिरसा में शिफ्ट हो गया था। बाद में झज्जर लौट गया। अब कनिष्क ही सिरसा में रहते हैं।
बेटे के वर्ल्डकप टीम में चयन से मां सरिता चौहान की खुशी का ठिकाना नहीं। दैनिक भास्कर एप से बातचीत में बोलीं- पूरे गांव में आतिशबाजी हुई। हम ही नहीं पूरा गांव खुश है। पूरी उम्मीद है कि बेटा मैदान में ऐसी ही आतिशी प्रदर्शन करेगा।
16 दिसंबर को अबू धाबी में हुई IPL-2026 की मिनी ऑक्शन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 30 लाख रुपए के बेस प्राइस पर खरीदा। कनिष्क दाएं हाथ के बल्लेबाज व ऑफ-ब्रेक स्पिन गेंदबाज हैं।

कनिष्क चौहान अपनी मां सरिता चौहान के साथ। – फाइल फोटो
सिलसिलेवार पढ़ें…कनिष्क के यहां तक पहुंचने की कहानी
- परिवार मूलरूप से झज्जर के कुलाना गांव का: कनिष्क के पिता प्रदीप कुमार खेतीबाड़ी करते हैं और माता सरिता गृहिणी हैं। कनिष्क का जन्म 26 सितंबर 2006 को हुआ। वह परिवार के इकलौते बेटे हैं। कनिष्क ने बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी दिखाई। 4 साल की उम्र में ही गाजियाबाद में एकेडमी जॉइन की।
- 8 साल की उम्र में डेरा की एकेडमी में चयन: 8 साल की उम्र में कनिष्क ने सिरसा में ट्रायल दिया। डेरा सच्चा सौदा में फैसिलिटी अच्छी थी, तो वहीं पर कोचिंग रेगुलर कर दी। बेटे की तैयारी के लिए साल 2014 में परिवार ने झज्जर से सिरसा शिफ्ट कर लिया। कनिष्क ने डेरा सच्चा सौदा के शाह जी सतनाम स्टेडियम में क्रिकेट खेलना शुरू किया। कनिष्क की मां सरिता बताती हैं कि परिवार डेरे को लेकर ज्यादा कुछ नहीं जानता था। हालांकि, कनिष्क की दादी बहुत मानती थी और अब तो वे सब भी उनको मानते हैं।
- साल 2024 में पहली बार इंटरनेशनल स्तर पर मौका: करीब 14-15 साल की तपस्या के बाद कनिष्क को पहली बार इंटरनेशनल खेलने का मौका साल 2024 में मिला। जब अंडर-19 टीम में चयन हुआ। इंग्लैंड की टीम के साथ डेब्यू मैच खेला। कनिष्क ने इंग्लैंड में 5 वनडे मैच खेले, जिनमें 8 विकेट चटकाए। साथ ही 114 रन बनाए थे। इस प्रदर्शन के लिए कनिष्क को बेस्ट ऑल राउंडर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला।
- इंग्लैंड में प्रदर्शन के आधार पर ऑस्ट्रेलिया में मौका मिला: इंग्लैंड के अपने पहले दौरे पर किए प्रदर्शन के आधार पर कनिष्क का चयन ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुआ। फिर चैलेंजर ट्रॉफी और अफगानिस्तान के साथ खेले। उनमें परफॉर्मेंस के आधार पर ही अंडर-19 एशिया कप के लिए टीम में नाम आया।
- एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ मैच जिताऊ प्रदर्शन: कनिष्क ने अंडर-19 एशिया कप के लीग मुकाबलों में पाकिस्तान के खिलाफ बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन किया। 14 दिसंबर को हुए मैच में उनके बल्ले से 48 रन निकले और 3 विकेट भी लिए। हरफनमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच पुरस्कार मिला। अब वर्ल्ड कप टीम में चयन के पीछे यह प्रदर्शन आधार बना।

IPL के लिए RCB में चयन के बाद का कनिष्क चौहान का फोटो।
मां को क्रिकेट का शौक, खुद खिलाड़ी बनना चाहती थीं कनिष्क की मां सरिता चौहान बताती हैं- मुझे खुद क्रिकेट का बहुत शौक था। कभी खुद के मन में भी इच्छा थी कि क्रिकेटर बनूं। मायका गाजियाबाद में है। इसलिए, कनिष्क जब 4 साल का था, तभी उसे गाजियाबाद में एकेडमी जॉइन कराई। अब तो पूरा परिवार क्रिकेट देखता है। कनिष्क को क्रिकेटर बनाना मेरी इच्छा रही है।
मां बोलीं- वर्ल्ड कप में भी धुम्मे ठावेगा कनिष्क की मां सरिता चौहान ने कहा कि पूरा परिवार कनिष्क के वर्ल्ड कप में चयन से बेहद खुश है और गांव में भी खुशी का माहौल है। कनिष्क दक्षिण अफ्रीका के दौरे के बाद वर्ल्ड कप के लिए जिम्बाब्वे वर्ल्ड कप के लिए जाएगा। कनिष्क ने एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन किया और आज वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्शन भी हो गया। उम्मीद है कि वर्ल्ड कप भी धुम्मे ठावेगा।


