गुरुग्राम में साइबर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी।
गुरुग्राम में पुलिस ने वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से और फर्जी ऐप पर स्टॉक ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करके अच्छा मुनाफा कमाने का प्रलोभन देकर धोखाधड़ी करने के इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश किया गया है। इस मामले में नेपाल मूल के 4 आरोपियों सहित कुल 5 आरोपी गि
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पुलिस ने इनके कब्जे से 7 मोबाइल, 20 एटीएम कार्ड, 18 चेकबुक और 4 पासबुक बरामद की है। एक नवंबर 2025 को साउथ साइबर क्राइम थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी कि वॉट्सऐप ग्रुप एवं फर्जी ऐप के माध्यम से स्टॉक ट्रेडिंग, आईपीओ ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करके अच्छा मुनाफा कमाने का लालच देकर धोखाधड़ी से लोगों को ठगा जा रहा है।

गुरुग्राम में साइबर पुलिस द्वारा अरेस्ट किए गए नेपाल मूल के आरोपी।
राजेंद्रा पार्क से अरेस्ट हुए आरोपी
इस संबंध में एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान के नेतृत्व में साउथ थाने के निरीक्षक नवीन कुमार की पुलिस टीम राजेंद्रा पार्क इलाके से पांच लोगों को अरेस्ट किया। इनकी पहचान नेपाल के रहने वाले शेर बहादुर कार्की निवासी गांव बनसा, जिला कंचनपुर, मिलन थापा निवासी गांव बानी, जिला कंचनपुर, यनजय राय निवासी गांव इठरी, जिला कोशी, मनीष निवासी गांव ऐंथपुर, जिला कंचनपुर और वीरेंद्र पाल सिंह निवासी गांव बलमगढ़, जिला पटियाला (पंजाब) के रूप में हुई।
लॉजिस्टिक फर्म के अकाउंट में ट्रांसफर हुए राशि
पूछताछ में पता चला कि ठगी गई राशि में से दो लाख रुपए तारा लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड नाम की फर्म के बैंक खाते में ट्रांसफर हुए थे, यह बैंक खाता मिलन थापा और शेर बहादुर थापा ने फर्म के नाम से फर्जी तरीके से खुलवाया था।
कमीशन पर बेचा गया बैंक अकाउंट
आरोपी मनीष को यह बैंक खाता 5 हजार रुपए में बेचा था। मनीष ने यह बैंक खाता आरोपी वीरेंद्र को खाते में ट्रांसफर होने वाली राशि के 5 प्रतिशत कमीशन पर बेचा था। आरोपी वीरेंद्र ने बताया कि बैंक खाता उसने किसी अन्य व्यक्ति को खाते में ट्रांसफर होने वाली राशि के 2 प्रतिशत कमीशन पर बेचा था।
रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी पुलिस
पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने कहा कि इस मामले की छानबीन की जा रही है। पुलिस आरोपियों को रिमांड पर लेगी। लोगों से अपील है कि वे मामूली से लालच में अपना खाता न बेचें और साइबर होने पर तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें।


