GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक बुधवार से होने जा रही है. समय से पहले हो रही इस बैठक पर देश और दुनिया की खास नजर है. क्योंकि जीएसटी रिफॉर्म के पीएम मोदी के ऐलान के बाद इसमें उस दिशा में कदम उठाए जाएंगे. इसमें दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम करने के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में महत्वाकांक्षी बदलाव पर विचार हो सकता है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में इस जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान जीएसटी रिफॉर्म पर फैसला लिया जाएगा. प्रस्तावित सुधारों में मौजूदा 12% और 28% के टैक्स स्लैब को हटाकर केवल 5% और 18% की दो कर दरें रखना प्रमुख है. इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40% की विशेष दर से कर लिया जाएगा.
जीएसटी काउंसिल क्यों अहम
कर स्लैब में कटौती और इसके चलते कीमतों में कमी का आमतौर पर स्वागत किया गया है. लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले राज्य इस बदलाव के कारण राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी सुधारों की योजना के बारे में बताया था. इसके तुरंत बाद केंद्र सरकार ने प्रारंभिक समीक्षा के लिए विभिन्न राज्यों के मंत्रियों के समूह (जीओएम) के साथ प्रस्तावित सुधार का खाका साझा किया था.
जीओएम ने कर दरों को कम करने के केंद्र के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. परिषद 3-4 सितंबर को इन सिफारिशों पर विचार करेगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि स्लैब में बदलावों से मोटे तौर पर सहमत होते हुए मंत्री समूह ने 40 लाख रुपये तक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहन पर 18% जीएसटी लगाने का समर्थन किया है. हालांकि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना चाहती है और उनके लिए 5% दर का समर्थन कर रही है.
क्या हो सकते हैं बड़े बदलाव
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घी, मेवे, 20 लीटर पीने का पानी, नमकीन, कुछ जूते और परिधान, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसी वस्तुओं को 12% से घटाकर 5% कर स्लैब में लाने की संभावना है.
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पेंसिल, साइकिल, छाते और हेयर पिन जैसी वस्तुओं को भी 5% स्लैब में लाया जा सकता है.
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टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है.
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वाहनों पर इस समय 28% की उच्चतम दर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू है. शुरुआती स्तर की कारों पर 18% दर लागू होगी. वहीं एसयूवी और लक्जरी कारों पर 40% की विशेष दर लागू होगी.
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40% की विशेष दर अवगुणों से जुड़ी वस्तुओं जैसे तंबाकू, पान मसाला और सिगरेट पर भी लागू होगी. इस श्रेणी पर इस दर के ऊपर अतिरिक्त कर भी लगाया जा सकता है.
पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों ने मांग की है कि 40% की दर के ऊपर लगाया गया कोई भी कर राज्यों के साथ साझा किया जाए. ताकि उनके राजस्व घाटे की भरपाई हो सके. विपक्षी दलों के शासन वाले आठ राज्यों में हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल शामिल हैं.