पेरिस7 मिनट पहले
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फ्रांस ने मेडागास्कर को तीन औपनिवेशिक काल की खोपड़ियां वापस की हैं। इनमें से एक खोपड़ी के बारे में माना जाता है कि यह मालागासी राजा टोएरा की है।
साल 1897 में फ्रांसीसी सैनिकों ने राजा टोएरा का सिर काट दिया था। उस समय फ्रांस ने इसे ट्रॉफी की तरह पेरिस ले जाकर नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम में रख दिया था। बाकी दो खोपडियां साकालावा जातीय के लोगों की हैं।
मानव अवशेषों को लौटाने के लिए फ्रांस में कानून बना
यह वापसी फ्रांस में 2023 में पारित एक नए कानून के बाद संभव हुई है। इस कानून में मानव अवशेषों को उनके मूल देशों को लौटाने की अनुमति है। इसी कानून के तहत पहली बार मेडागास्कर को यह खोपड़ियां सौंपी गईं।
इसके बाद फ्रांस ने पहली बार किसी देशों को उसे पूर्वजों के अवषेशों को लौटाए। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना सहित कई देश भी फ्रांस से अपने पूर्वजों के अवशेषों की मांग कर रहें है।
अब ये खोपड़ियां रविवार को मेडागास्कर वापस ले जाई जाएंगी और वहां दफनाई जाएंगी। फ्रांस की संस्कृति मंत्री रचिदा दाती ने कहा कि खोपड़ियां लाना औपनिवेशिक हिंसा से जुड़ा मामला था और इंसानी इज्जत के खिलाफ था।

मेडागास्कर बोला- यह हमारे दिल में खुले घाव जैसा था
मेडागास्कर की संस्कृति मंत्री वोलामिरांती डोना मारा ने इसे दोनों देशों के रिश्तों में ‘एक नए युग की शुरुआत’ बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 128 सालों से राजा टोएरा और साकालावा लोगों की खोपड़ियां वहां न होने की वजह से उनके देश के दिल में जैसे एक ‘खुला घाव’ बना हुआ था।
फिलहाल वैज्ञानिकों ने जांच करके ये तो पक्का कर दिया है कि खोपड़ियां साकालावा समुदाय की हैं, लेकिन यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि इनमें से कोई खोपड़ी सच में राजा टोएरा की है।
मैक्रों ने पुराने अत्याचारों के लिए माफी मांगी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2017 में सत्ता में आने के बाद अफ्रीका में किए गए फ्रांसीसी अत्याचारों को स्वीकारना शुरू किया। इसी साल अप्रैल में जब वे मेडागास्कर की राजधानी एंटानानारिवो गए थे, तो उन्होंने फ्रांस के अत्याचारों लिए क्षमा मांगने की बात कही थी।

मेडागास्कर 1960 में फ्रांसीसी उपनिवेश से आजाद हुआ था। दरअसल, हाल के वर्षों में फ्रांस अपने औपनिवेशिक अतीत को स्वीकार करने की कोशिश कर रहा है। वह अपने साम्राज्यवादी दौर में लूटी गई वस्तुएं और मानव अवशेष वापस कर रहा है। लेकिन पहले इसमें दिक्कत इसलिए आती थी क्योंकि हर मामले में संसद को अलग से कानून पारित करना पड़ता था।
उदाहरण के लिए, 2002 में दक्षिण अफ्रीका ने ‘हॉटेन्टॉट वीनस’ नाम की महिला के अवशेष मांगे थे, जिन्हें 19वीं सदी में यूरोप में एक तरह के मानवीय तमाशे के रूप में प्रदर्शित किया जाता था। अब नए कानून के बाद प्रक्रिया आसान हो गई है।
फ्रांस के म्यूजियम में 30 हजार से ज्यादा मानव अवशेष

2023 में ही फ्रांस ने एक और कानून पास किया था, जिसके जरिए नाजियों द्वारा चुराई गई यहूदी कलाकृतियों को उनके असली मालिकों या उनके परिवारों को लौटाया जा सके। फ्रांस के म्यूसी डे ल’होम म्यूजियम में 30 हजार से ज्यादा खोपडियां और कंकाल हैं। इन्हें उन देशों से फ्रांस लाया गया था। जहां फ्रांस का शासन था।