Executions in Saudi Arabia: सऊदी अरब में फांसी की सजा देने में पिछले साल काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. इस संबंध में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सोमवार (7 जुलाई, 2025) को चिंता व्यक्त की है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के वर्कर्स ने कहा कि सऊदी अरब में मौत की सजा में बढ़ोतरी हुई है. उसने गैर-हिंसक ड्रग्स से जुड़े मामलों में मौत की बढ़ती सजा पर चिंता जताई है.
एमनेस्टी के अनुसार, पिछले साल में सऊदी अरब ने 345 लोगों को फांसी की सजा दी गई है. यह आंकड़ा पिछले तीन दशकों में संगठन की ओर से दर्ज की गई सबसे ज्यादा है. इस साल की पहली छमाही में यानी जनवरी 2025 से जून 2025 तक ही 180 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. ऐसे में अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह रिकॉर्ड एक बार फिर से टूट सकता है.
मानवाधिकार संगठन ने जताई चिंता
मानवाधिकार संगठन रिप्रीव के मुताबिक, इस साल अब तक जिन लोगों को फांसी दी गई है, उनमें करीब दो-तिहाई लोगों को गैर-हिंसक ड्रग्स के मामलों में दोषी ठहराया गया था. एमनेस्टी ने भी ऐसे मामलों में मौत की सजा को लेकर चिंता जताई है.
सऊदी अरब ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह मौत की सजा का उपयोग इतनी भारी संख्या में क्यों कर रहा है और वह भी विशेष तौर पर गैर-हिंसक ड्रग्स के मामलों में. न्यूज एजेंसी एसोसिएट प्रेस के मुताबिक, जब सऊदी के अधिकारियों ने इस मौत की सजाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
हालांकि, सऊदी अरब में बढ़ रही मौत की सजाओं की संख्या क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 2022 में दिए उस बयान के पूरी तरह से उलट है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सऊदी अब केवल हत्या के मामलों में ही मौत की सजा देता है.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने क्या दिया बयान?
‘द अटलांटिक’ को दिए एक इंटरव्यू में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था, ‘जहां तक मौत की सजा की बात है, हमने एक श्रेणी (नशीले पदार्थ) को छोड़कर इसे खत्म कर दिया है, जो कुरान में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है. इसलिए हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, भले ही चाहे कुछ भी हो. क्योंकि यह कुरान की सीधी शिक्षा है.’
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