दिल्ली की औद्योगिक विकास दर ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान धमाकेदार प्रदर्शन किया है। दिल्ली के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 11.9 प्रतिशत की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है, जो कि राष्ट्रीय औसत 4.1 प्रतिशत के मुकाबले लगभग तीन गुना ज्यादा है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह जानकारी दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा हाल ही में जारी “इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी)” की एनुअल रिपोर्ट में सामने आई है।
लोकल लेवल पर औद्योगिक गतिविधियों में तेजी
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 में दिल्ली का कुल औद्योगिक उत्पादन बीते वर्ष 2023-24 की तुलना में 9.19 प्रतिशत बढ़ा, जबकि राष्ट्रीय औसत औद्योगिक विकास दर महज 4 प्रतिशत रही। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली में लोकल लेवल पर औद्योगिक गतिविधियों में अपेक्षाकृत तेज सुधार हो रहा है।
इन सेक्टर में दिखी जोरदार ग्रोथ
रिपोर्ट 2011-12 को आधार वर्ष मानकर तैयार की गई है। डेटा का कलेक्शन 134 मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों और 1 बिजली उत्पादन इकाई से किया गया है। ये इकाइयां कुल 90 प्रोडक्ट कैटेगरी में उत्पादन करती हैं। जिन सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की गई है, उनमें खाद्य उत्पाद, चमड़े और संबंधित उत्पाद, मोटर वाहन, दूसरे परिवहन उपकरण, रासायनिक एवं रसायन उत्पाद, पेय पदार्थ, धातु से बने उत्पाद, इन क्षेत्रों में 23 मैन्युफैक्चरिंग समूहों में से 9 ने पॉजिटिव ग्रोथ दर्ज की।
इन प्रोडक्ट कैटेगरी में दिखी गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया कि 13 प्रमुख प्रोडक्ट कैटेगरी में आईआईपी में गिरावट दर्ज की गई। इनमें परिधान निर्माण, लकड़ी और कॉर्क उत्पाद (फर्नीचर को छोड़कर), कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पाद, रिफाइंड पेट्रोलियम, फार्मास्यूटिकल्स, मशीनरी और उपकरण आदि शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन क्षेत्रों में गिरावट के पीछे कुछ इकाइयों का बंद हो जाना, शिफ्टिंग या शून्य उत्पादन होना प्रमुख कारण रहे हैं।