
दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े रियल एस्टेट मार्केट में घर खरीदना एक चुनौतीपूर्ण काम है। यहां विकल्प इतने ज्यादा हैं कि कोई भी पहली बार घर खरीदने वाला व्यक्ति उलझन में पड़ जाता है। घर खरीदने में योजना, तैयारी और सही जानकारी की आवश्यकता होती है। आप रियल एस्टेट एजेंट या ब्रोकर की मदद ले सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय आपको ही लेना होता है, इसलिए इस प्रक्रिया की पूरी समझ होना जरूरी है। ऐसे में अगर आप Delhi-NCR के किसी लोकेशन में प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए? हमने इसकी जानकारी दिग्गज रियल एस्टेट एक्सपर्ट और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव से जाना। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या सलाह दी है?
कहां से शुरू करें?
अपने बजट का आकलन करें: सबसे पहले दिल्ली–एनसीआर में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले अपने बजट का आकलन करें। आप किस कीमत की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। फिर EMI, डाउन पेमेंट और अन्य खर्चों का आकलन करें। ऐसा कर आप अपने लिए सही प्रॉपर्टी और लोकेशन का चयन आसानी से कर पांएंगे। इसके बाद आप जिस लोकेशन में प्रॉपर्टी ढूंढ रहे हैं, वहां की बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता जैसे स्कूल, अस्पताल, मेट्रो आदि की जांच करें।
निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान
- लोकेशन और कनेक्टिविटी: मेट्रो, हाइवे और जरूरी स्थानों से प्रोजेक्ट की कनेक्टिविटी कैसी है।
- मार्केट वैल्यू और ट्रेंड्स: जिस लोकेशन में प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे हैं, वहां की मार्केट वैल्यू और ट्रेंड्स जरूर चेक करें।
- रेंटल यील्ड और ROI: निवेश से होने वाली आय और रिटर्न की जानकारी जरूर लें।
निवेश के फायदे और जोखिम का आकलन करें
फायदे:
संपत्ति के मूल्य में वृद्धि
किराये से नियमित आय
टैक्स लाभ
जोखिम:
प्रोजेक्ट की देरी या निर्माण गुणवत्ता की समस्याएं
निवेश के लिए कौन सी प्रॉपर्टी लें?
- शानदार कनेक्टिविटी: वैसी प्रॉपर्टी का चयन करें जो मेट्रो नेटवर्क, एक्सप्रेसवे और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के माध्यम से आसान पहुंच सुनिश्चत करता हो।
- रोजगार के अवसर: मल्टीनेशनल कंपनियां, स्टार्टअप्स और आईटी पार्कों के कारण वह क्षेत्र नौकरी के लिए आकर्षक हो।
पसंदीदा क्षेत्र कौन हो सकते हैं?
- गुरुग्राम: कॉर्पोरेट हब्स के लिए
- नोएडा: तेजी से बढ़ते प्रीमियम लाइफस्टाइल के लिए
- ग्रेटर नोएडा: वर्ल्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए
- फरीदाबाद व गाज़ियाबाद: उभरते हुए विकल्प, कम कीमत में बेहतर संभावनाएं
कानूनी जांच बेहद जरूरी
कोविड महामारी के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में तेज बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी और टाइटल से जुड़े विवाद भी बढ़े हैं। इसलिए प्रॉपर्टी का सौदा करने से पहले लीगल ड्यू डिलिजेंस यानी प्रॉपर्टी से जुड़े सभी कानूनी पहलुओं की जांच जरूर करें। साथ ही बिल्डर की विश्वसनीयता चेक करें। अगर आप समय रहते एक अच्छी लीगल चेकलिस्ट फॉलो करेंगे, तो आप धोखाधड़ी और वर्षों लंबी कानूनी लड़ाई से बच जाएंगे।


