देश की सुरक्षा में अब महिलाओं की और मजबूत भागीदारी होने जा रही है. केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने इतिहास रचते हुए अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट की शुरुआत की है. इस यूनिट में शामिल होने वाली महिला जवानों को खास ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि वे हवाई अड्डों से लेकर संवेदनशील प्रतिष्ठानों तक हर स्थिति से निपट सकें.
यह खास ट्रेनिंग मध्य प्रदेश के बरवाहा स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (RTC) में चल रही है. यहां महिलाओं को आठ हफ्तों का एडवांस कमांडो कोर्स कराया जा रहा है. इस कोर्स को खासतौर पर महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया है. इसका मकसद है कि वे क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) जैसी जिम्मेदारियों को आत्मविश्वास के साथ निभा सकें.
इस ट्रेनिंग में सिर्फ शारीरिक क्षमता पर ही नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती पर भी जोर दिया जाता है. महिलाओं को फिटनेस ड्रिल, हथियार चलाने की प्रैक्टिस, रैपलिंग, बाधा दौड़ और जंगल में जीवित रहने की कला सिखाई जाती है. इसके अलावा उन्हें कठिन परिस्थितियों में तुरंत सही फैसला लेने की ट्रेनिंग दी जाती है.
कहां होगी पहली तैनाती?
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद महिला कमांडो को सबसे पहले देश के हवाई अड्डों पर तैनात किया जाएगा. इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें संसद भवन, मेट्रो और अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी.
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बड़ा कदम
इस साल की शुरुआत में गृह मंत्रालय ने CISF की पहली महिला बटालियन को भी मंजूरी दी थी. यह बटालियन दिल्ली के पास तैयार हो रही है और इसकी महिला कर्मियों को संसद भवन, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और दिल्ली मेट्रो जैसी जगहों पर तैनात किया जाएगा.
सैलरी और सुविधाएं
CISF की महिला कमांडो को भी वही वेतनमान और सुविधाएं मिलती हैं, जो पुरुष जवानों को मिलती हैं. शुरुआत में उनकी सैलरी लेवल-3 पे स्केल के हिसाब से लगभग 25,500 रुपये बेसिक से शुरू होती है, जिसमें भत्ते, मेडिकल सुविधाएं और अन्य भत्ते जोड़कर यह राशि 30 से 40 हजार रुपये तक पहुंच जाती है. अनुभव के अनुसार सैलरी और पोस्ट बढ़ती है.
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