बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक ओर जहां चिराग पासवान की किस्मत खोल दी है तो वहीं लालू परिवार की राजनीतिक विरासत और खासकर तेजस्वी यादव को नए सिरे से सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. 2005 के बाद से लगातार राजद को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है.
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने एक चैनल से बातचीत की. चुनाव बाद किए गए सर्वे के आंकड़ों को लेकर उन्होंने कहा कि अभी भी युवा पुरुष मतदाताओं के बीच वो (तेजस्वी यादव) लोकप्रिय बने हुए हैं और जंगलराज की मेमोरी युवाओं के बीच न के बराबर है.
महिला वोटरों में जंगलराज का खौफ
सी वोटर के ताजा सर्वे के मुताबिक 18 से 24 साल के लड़कों में 41 फीसदी ने एनडीए को वोट किया, जबकि 43 फीसदी ने महागठंधन को वोट किया और 16 फीसदी ने अन्य को वोट किया. 18 से 24 साल की महिला मतदाताओं में 50 फीसदी ने एनडीए को वोट किया जबकि 33 फीसदी ने महगठबंधन को अपना मत दिया और 17 फीसदी ने अन्य को वोट किया.
MY समीकरण को लेकर क्या कहा
राजद के MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण को लेकर उन्होंने कहा कि तेजस्वी विरासत में मिले एमवाई समीकरण को साथ लेकर तो चल रहे हैं, लेकिन इस बार वाई यानि यादवों का पूरा वोट उन्हें नहीं मिला है. उन्होंने बताया कि युवा महिला मतदाताओं का सीधा झुकाव नीतीश कुमार की तरफ रहा है ये चुनाव में साफतौर पर नजर भी आया.
राजद को नए सिरे से रणनीति बनानी होगी
उन्होंने कहा कि राजद को इन सब चीजों को लेकर सोचना होगा और कहीं न कहीं नए सिरे से अपनी रणनीति तैयार करनी होगी. महिला मतदाताओं का वोट नीतीश कुमार के कारण एनडीए को मिला है और राजद को लेकर उनके अंदर कहीं न कहीं एक तरह का डर कायम है. उन्होंने बताया कि हमने पूरे साल में 1 लाख मतदाताओं से बात की और पोस्ट पोल के बाद हम फिर से मतदाताओं के बीच पहुंचे और उनसे बातचीत की.
ये भी पढ़ें


