Monday, July 14, 2025
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Aniruddhacharya Spoke On Radhika Yadav, Society Spreads Poison | अनिरुद्धाचार्य बोले- टेनिस प्लेयर राधिका का हत्यारा समाज: बाप को मारने पर मजबूर किया; तानों की परवाह करता तो मैं भी आत्महत्या कर लेता – Rewari News


कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने अपने प्रवचनों के दौरान टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या का जिक्र किया। इसका वीडियो उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है। इनसेट में टेनिस प्लेयर राधिका की फाइल फोटो।

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने हरियाणा की टेनिस प्लेयर राधिका यादव की हत्या का जिम्मेदार समाज को ठहराया। उन्होंने कहा कि लड़की के पिता को समाज ने मजबूर किया। इसलिए उसने अपनी बेटी को गोलियां मारीं। उन्होंने कहा-

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लोगों के दिमाग में समाज जहर भरता है। अगर मैं भी प्रभावित होता तो अब तक आत्महत्या कर लेता।

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कथावाचक ने अपने प्रवचन में कहा कि समाज को आगे बढ़ने वाले लोगों से दिक्कत होती है। कोई शराब-गांजा पीता हो, बुरे काम करता हो, समाज उससे कुछ नहीं कहता। यदि कोई अच्छे काम करे तो समाज को उससे जलन होती है। उसी जलन ने उस टेनिस प्लेयर की हत्या करवाई है।

बता दें कि हरियाणा के गुरुग्राम में 10 जुलाई की सुबह टेनिस प्लेयर राधिका यादव की उसके पिता दीपक ने गोलियां मारकर हत्या कर दी। पकड़े जाने पर उसने पुलिस को बताया कि वह लोगों के तानों से परेशान था। लोग उससे कहते थे कि बेटी की कमाई खाता है। जब बेटी को समझाया तो वह नहीं मानी, इसलिए उसकी हत्या कर दी।

राधिका यादव की उसके पिता ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। - फाइल फोटो

राधिका यादव की उसके पिता ने ही गोली मारकर हत्या कर दी। – फाइल फोटो

अनिरुद्धाचार्य ने प्रवचन में ये बातें कहीं…

  • होनहार लड़की थी, पिता ने मार दिया: सत्संग के दौरान कथावाचक अनिरुद्धाचार्य बोले- हरियाणा की एक लड़की थी, जिसे उसके बाप ने गोली मार दी। वह कोई खिलाड़ी थी, अपनी एकेडमी चलाती थी और बच्चों को सिखाती थी। लड़की होनहार थी, अच्छा पैसा कमाती थी।
  • हत्या के बाद बाप ने ताने की बात बताई: अनिरुद्धाचार्य ने कहा- हत्या के बाद उसके बाप का कहना है कि जब मैं गांव में जाता तो लोग ताने मारते थे। कहते थे कि तू अपनी बेटी की कमाई खाता है। मैंने बेटी को कहा कि तू यह काम बंद कर दे। बेटी ने समझाया कि मैं भी तो आपकी कमाई खाती हूं। आप मेरी कमाई क्यों नहीं खा सकते? अभी तो कुंवारी हूं, शादी भी नहीं हुई है। शादी के बाद तो चलो बेटी के घर का नहीं खाते, लेकिन अभी क्या दिक्कत है?
  • समाज ने पिता को हत्यारा बनाया: कथावाचक ने कहा, ‘अब मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूं कि दोषी कौन है? वह लड़की, पिता या समाज?’ श्रोताओं ने जवाब दिया- समाज। इस पर अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि समाज को तो दंड नहीं मिला। पुलिस ने बाप को उठाया और जेल में डाल दिया। उन्होंने कहा- मेरे अनुसार वह बाप दोषी नहीं है। उसे मारने पर मजबूर किया समाज ने। क्या समाज हत्यारा नहीं है? समाज आपके दिमाग में जहर भरता है।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के प्रवचनों को सुनने आए श्रोतागण।

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के प्रवचनों को सुनने आए श्रोतागण।

  • समाज ने जहर भरा तो मजबूर हुआ: कथावाचक ने कहा- अगर बाप को मारना ही होता तो बेटी इंटरनेशनल खेलने गई, तभी मार देता। वह तो लोगों के ताने रोज-रोज सुनकर वह पक गया और मारने पर मजबूर हो गया। इसलिए, कहता हूं कि जिन लोगों ने मजबूर किया, अब वही लोग कह रहे होंगे कि अरे उसने बेटी को मार दिया।
  • बेटी मरी, पिता जेल गया, समाज का क्या बिगड़ा: अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि समाज का क्या बिगड़ा? एक बाप जेल चला गया और एक बेटी की मौत हो गई। समाज तब भी प्रपंच कर रहा था और आज भी बातें कर रहा है। इसलिए लोगों के कहने से प्रभावित मत हुआ करो। हाथी चला बाजार, कुत्ते लगे हजार। बोलने दीजिए बोलने वालों को। आप अपने रास्ते चलिए, लोग तो बोलेंगे। लोगों ने बोलने में सीता मां को छोड़ा क्या, जो तुम्हें छोड़ देंगे। ये वही समाज था, जिसके कारण माता सीता को वनवास जाना पड़ा।
  • श्रीराम के जमाने में भी सही नहीं था समाज: कथावाचक बोले- जब यह समाज श्रीराम के जमाने में सही नहीं था तो आज कलयुग में क्या होगा? लोग क्या कहते हैं, इसका प्रभाव दिमाग में मत रखना। लोग तो हमें भी बुरा कहते हैं। बोलते हैं कि अनिरुद्धाचार्य तो लुटेरे हैं, ठग हैं। अब उनसे पूछिए भैया कि हमने तुम्हारे घर में क्या डाका डाल लिया? कितना लूट लिया? 308 वृद्ध मांओं की यहां सेवा कर रहे हैं। 30 हजार लोग भोजन कर रहे हैं और 150 बच्चे यहां पढ़ रहे हैं।
  • बातों से प्रभावित होते तो कब की आत्महत्या कर लेते: अनिरुद्धाचार्य ने कहा- अगर हम लोगों की बातों से प्रभावित होते तो कब की आत्महत्या कर लेते। यदि समाज का जहर अपने दिमाग में रखने लग जाएं तो समाज इतना टार्चर करता है कि अच्छी खासी जिंदगी जीने नहीं देता। अगर समाज की गंदी बातों को निकालना चाहते हो तो श्रवण करना सीखिए। कभी ज्यादा लोड मत लीजिए कि लोग क्या कह रहे हैं?
  • अच्छा करने वाले होते हैं टॉर्चर: कथावाचक बोले- समाज की एक बात और याद रखिएगा, जो आदमी बुरा करता है, उसे कोई कुछ नहीं कहता। समाज के लोग उसे टॉर्चर नहीं करते। जो व्यक्ति तिलक लगाने लग जाए, जो तुलसी की माला रखने लग जाए तो उसे लोग कहते हैं कि बड़े पंडित बन रहे हैं, अरे बड़ी मीरा बन रही हैं। लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। अगर काेई शराब पीने लग जाए तो उसे कोई नहीं रोकेगा। गांजा पीने लग जाए तो कोई नहीं रोकेगा। शराब पीने से समाज को दिक्कत नहीं, आपके आगे बढ़ने से समाज को दिक्कत है।

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