अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक सशक्त और मुखर चेहरा बन चुकीं हैं. मिर्जापुर से सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुकीं अनुप्रिया पटेल की पहचान एक ऐसी महिला नेता के रूप में है, जो अपने बेबाक बयानों और तेजतर्रार फैसलों के लिए जानी जाती हैं. आइए जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई-लिखाई की है…
हाल में ही जब उन्होंने अपनी ही पार्टी “अपना दल (सोनेलाल)” से कुछ नेताओं को निष्कासित किया, तो ये साफ हो गया कि वह अनुशासन और संगठन के मूल्यों पर किसी प्रकार का समझौता नहीं करतीं. इस मसले पर जब भाजपा की ओर से निकाले गए नेताओं को फिर से निगम और बोर्ड में नामित कर दिया गया, तो अनुप्रिया की पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कड़ा विरोध दर्ज कराया.
शिक्षा से लेकर राजनीति तक की मजबूत है नींव
अनुप्रिया पटेल का राजनीतिक करियर जितना प्रेरणादायक है, उनकी शिक्षा भी उतनी ही प्रभावशाली है. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से जुड़े वसंत कन्या महाविद्यालय से बॉटनी (वनस्पति विज्ञान) में स्नातक की पढ़ाई की.
इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की. मनोविज्ञान का अध्ययन उन्हें मानव व्यवहार को समझने और जनता की भावनाओं को राजनीतिक रूप से सही दिशा देने में मदद करता है. फिर उन्होंने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर से एमबीए की डिग्री ली, वह भी ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट में.
राजनीतिक विरासत को नई दिशा
अपने पिता डॉ. सोनेलाल पटेल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए अनुप्रिया ने अपना दल (सोनेलाल) को एनडीए का एक सशक्त घटक बनाया. भाजपा के साथ मिलकर उन्होंने न सिर्फ राज्य बल्कि केंद्र में भी पार्टी की हिस्सेदारी को मजबूत किया है. वह योगी सरकार में राज्य मंत्री पद पर भी रह चुकी हैं.
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