ITR Filing Deadline: 2025-26 के लिए रिवाइज्ड या बिलेटेड रिटर्न भरने का आज आखिरी दिन है. इसके बाद आप अपनी तरफ से इनकम टैक्स रिटर्न में कोई बदलाव नहीं कर पाएंगे. फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कमाई गई रकम के लिए इनकम टैक्स रिटर्न में अगर आपसे भी कोई गलती हो गई है, तो उसे सुधारने का आज आखिरी मौका है.
इसके मद्देनजर बीते कुछ हफ्तों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से टैक्सपेयर्स को ईमेल या मैसेज भेजकर उनसे अपने फाइल किए गए रिटर्न का रिव्यू करने या किसी भी गलती को सुधारने के लिए कहा जा रहा है. ऐसा करना जरूरी है क्योंकि गलतियां ठीक न हो जाने तक रिफंड अटक सकता है.
आज की डेडलाइन खत्म होने के बाद टैक्सपेयर के पास वॉलेंटरी रिवीजन यानी कि अपनी इच्छानुसार सुधार करने का ऑप्शन खत्म हो जाएगा. यानी कि आज के बाद आप अपनी मर्जी से कोई कटौती या छूट क्लेम नहीं कर पाएंगे. अगर आपके फाइल किए गए रिटर्न में विभाग को कोई गड़बड़ी मिलती है, तो अब सीधा नोटिस आएगा.
क्या होता है रिवाइज्ड रिटर्न?
कई बार ITR फाइल करते वक्त हम गलतियां कर बैठते हैं. कभी गलत डिडक्शन क्लेम कर बैठते हैं, तो कभी कोई इनकम छूट जाती है. ऐसे में रिवाइज्ड रिटर्न समय सीमा चूकने के बाद रिटर्न फाइल करने का एक बढ़िया ऑप्शन है. रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न टैक्सपेयर्स को ओरिजिनल रिटर्न में की गई गलतियों या कमियों को ठीक करने की इजाजत देता है.
CA (डॉ.) सुरेश सुराना बताते हैं, “अगर सबमिशन के बाद कोई गलती या कमी पाई जाती है, तो एक टैक्सपेयर अपना इनकम टैक्स रिटर्न रिवाइज कर सकता है. इसकी इजाजत इनकम-टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 139(5) के तहत दी गई है.”
वह आगे कहते हैं कि एक रिवाइज्ड रिटर्न ओरिजिनल रिटर्न की जगह ले लेता है और उस असेसमेंट ईयर के लिए वैलिड रिटर्न बन जाता है. रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती, बशर्ते इसे तय समय सीमा के अंदर जमा किया जाए. हालांकि, सुराना यह भी कहते हैं कि अगर रिवीजन से टैक्स लायबिलिटी ज्यादा होती है, तो टैक्सपेयर को लागू ब्याज के साथ अतिरिक्त टैक्स देना होगा.
रिवाइज्ड रिटर्न संबंधित असेसमेंट ईयर की 31 दिसंबर को या उससे पहले, या असेसमेंट पूरा होने से पहले, जो भी पहले हो, फाइल किया जाना चाहिए. सुरना कहते हैं, “असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए, रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2025 है.” अगर यह भी डेडलाइन निकल गई , तो रिफंड क्लेम करने के लिए टैक्सपेयर्स ‘कंडोनेशन ऑफ डिले’ का रास्ता चुन सकते हैं.
क्या रिवाइज्ड रिटर्न की बढ़ेगी डेडलाइन?
31 दिसंबर की डेडलाइन के पास आते ही कई टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए थोड़ा और वक्त देने की अपील कर रहे हैं. एक यूजर ने X पर लिखा है, “ओरिजिनल ITR और रिवाइज्ड ITR के बीच 60 दिन का गैप होना चाहिए. ओरिजिनल ITR – 10 नवंबर, तो रिवाइज्ड ITR 10 फरवरी तक होना चाहिए. आप सभी CA और टैक्सपेयर्स को परेशान कर रहे हैं और टैक्सपेयर्स के अधिकारों को नजरअंदाज कर रहे हैं. जरूरी कदम उठाएं.”
कैसे फाइल करें रिवाइज्ड रिटर्न?
- सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ऑफिशियल वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ पर जाएं.
- अब PAN, पासवर्ड और कैप्चा डालकर लॉगिन करें.
- इसके बाद e-File सेक्शन में जाकर ‘Income Tax Return’ वाले ऑप्शन पर क्लिक करें.
- ‘File Income Tax Return’ को चुनने के बाद संबंधित असेसमेंट ईयर को सेलेक्ट करें.
- Return Filing Section में Revised return under section 139(5) का ऑप्शन चुनें.
- अपनी गलती सुधारें और अपने ओरिजिनल रिटर्न का Acknowledgement Number और Date of filing भरें.
- रिवाइज्ड रिटर्न सबमिट करें और e-verify जरूर करें.
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