Monday, December 29, 2025
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दुनिया में 800 मिलियन लोगों को किडनी से जुड़ी कोई न कोई बीमारी, महिलाओं को रहना चाहिए ज्यादा अलर्ट


Why Women Are More Prone to Kidney Disease: किडनी की बीमारी किसी सायरन के साथ नहीं आती, न ही यह अचानक तेज लक्षणों के साथ दिखती है. ज्यादातर मामलों में यह चुपचाप शरीर के अंदर नुकसान करती रहती है और इंसान अपनी डेली लाइफ की जिंदगी में लगा रहता है. यही वजह है कि एक्सपर्ट इसे अब एक साइलेंट ग्लोबल क्राइसिस कह रहे हैं. दुनिया भर में करीब 80 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में किडनी की बीमारी से जूझ रहे हैं और इनमें से बड़ी संख्या को इसका पता ही नहीं है.  चिंता की बात यह है कि 40 की उम्र के बाद महिलाओं में इसका खतरा तेजी से बढ़ जाता है।

यह समस्या किसी रेयर बीमारी या बहुत खराब लाइफस्टाइल तक सीमित नहीं है. यह उन आम महिलाओं से जुड़ी है, जो काम, परिवार, तनाव, हार्मोनल बदलाव और सेहत के बीच संतुलन बनाने में खुद को अक्सर आखिरी नंबर पर रख देती हैं. चलिए आपको बताते हैं कि यह महिलाओं के लिए कितना खतरनाक है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए. 

किडनी की बीमारी लंबे समय तक नजर क्यों नहीं आती?

किडनी ऐसे अंग हैं जो शुरू में दिक्कत नहीं करते. चाहे उन पर कितना भी दबाव हो, वे चुपचाप  करती रहती हैं, शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखती हैं और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में लगी रहती हैं. लक्षण तब सामने आते हैं, जब किडनी को काफी नुकसान हो चुका होता है. इस दौरान थकान को लोग उम्र का असर मान लेते हैं, पैरों या चेहरे की सूजन को हार्मोनल बदलाव समझ लेते हैं और बार-बार यूरिन आने को मामूली समस्या कहकर टाल देते हैं. इसी देरी की वजह से किडनी की बीमारी का पता अक्सर बहुत देर से चलता है.

40 के बाद महिलाओं में खतरा क्यों बढ़ता है?

40 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैंय हार्मोन में उतार-चढ़ाव शुरू होता है, ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और ब्लड शुगर पहले जैसी कंट्रोल में नहीं रहती. मेनोपॉज से पहले और बाद के बदलाव भी किडनी पर असर डालते हैं. इसके अलावा महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारियां, बार-बार यूरिन इंफेक्शन और एनीमिया की संभावना ज्यादा रहती है, जो समय के साथ किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं. सालों तक हाई ब्लड प्रेशर या बॉर्डरलाइन डायबिटीज का इलाज न होना भी जोखिम को बढ़ा देता है. सबसे बड़ी बात यह है कि महिलाएं अक्सर अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. परिवार, बच्चे, काम, सब कुछ पहले आता है,  जांच टलती रहती है और हल्के लक्षणों को अनदेखा कर दिया जाता है.

एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

दिलशाद गार्डन स्थित नेफ्रोलॉजी क्लिनिक के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरू पी. अग्रवाल, के मुताबिक, 40 के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव ब्लड प्रेशर, शुगर कंट्रोल और नसों की काम करने के तरीके को प्रभावित करते हैं, जिसका सीधा असर किडनी की सेहत पर पड़ता है. उनका कहना है कि भारत में करीब 16 फीसदी आबादी, यानी लगभग 20 करोड़ लोग, क्रॉनिक किडनी डिजीज से प्रभावित हैं, जिसका बड़ा कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर है.

 इसे भी पढ़ें- सोने से कितनी देर पहले खा लेना चाहिए खाना, आयुर्वेद और डॉक्टर्स क्या कहते हैं?

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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