हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के आईजीएमसी में डॉक्टर-मरीज मारपीट मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर आपस में बंट गए हैं. एक पक्ष जहां 29 दिसंबर से हड़ताल को खत्म करने की बात कह रहा है, तो दूसरे पक्ष ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. हड़ताली डॉक्टरों कह रहे हैं कि जब तक डॉ राघव की बहाली का लिखित में आश्वासन नहीं मिल जाता है तब हड़ताल जारी रहेगी.
जबकि RDA के अध्यक्ष सोहेल शर्मा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल को खत्म करने का निर्णय लिया है. हालांकि, कुछ डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर की है, लेकिन मुख्यमंत्री से बातचीत कर डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कल से हड़ताल खत्म होगी मरीजों को हर दिन की तरह सेवाएं मिलेगी.
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा हड़ताल का असर
वैसे IGMC में हड़ताल रविवार को तीसरे दिन भी जारी रही, प्रदेश भर के तीन हजार से ज्यादा डॉक्टर स्ट्रॉइक पर थे, जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई. इधर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपील कर कहा कि डॉक्टर अपना अहम छोड़कर ड्यूटी जॉइन करें. उसके बाद बातचीत की जायेगी.
मरीज से मारपीट मामले में बर्खास्त डॉक्टर की बहाली की मांग
रेजिडेंट डॉक्टर आईजीएमसी (IGMC) शिमला में मरीज से हुई मारपीट की घटना के बाद बर्खास्त किए गए डॉक्टर राघव निरुला की बहाली की मांग पर अड़े हुए हैं. इस हड़ताल के कारण प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हड़ताल के चलते कई ऑपरेशन टल गए.
विभागीय कार्रवाई के विरोध में हड़ताल पर डॉक्टर
गौरतलब है कि डॉक्टर राघव के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार से ही अवकाश पर चले गए थे. हालांकि, आज रेजिडेंट डॉक्टर दो धड़ों में बंटे नजर आए. लेकिन आरडीए ने कहा है कि 29 दिसंबर से डॉक्टर ड्यूटी करेंगें. अब देखना है कि सोमवार को क्या सभी डॉक्टर ड्यूटी पर लौटते है या गुटबाजी नजर आएगी.


