Sunday, December 28, 2025
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सिम बाइंडिंग से लेकर CNAP तक, 2026 में मोबाइल यूजर्स के लिए नए नियम, नहीं आएंगे फर्जी कॉल्स


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Image Source : UNSPLASH
मोबाइल यूजर्स के लिए नए नियम

2025 खत्म होने में महज कुछ दिन रह गया है। इस साल मोबाइल यूजर्स के लिए सरकार ने कई नियम पेश किए थे, जिनमें मिनिमम रिचार्ज, कॉलिंग ओनली प्लान आदि शामिल थे। अगले साल यानी 2026 में मोबाइल यूजर्स के लिए नए नियम लागू होने वाले हैं। दूरसंचार विभाग ने फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने के लिए नए नियम लेकर आ रही है। ये नियम यूजर्स को फर्जी कॉल्स से छुटकारा दिलाएंगे। 2026 में टेलीकॉम यूजर्स के लिए सिम बाइंडिंग से लेकर CNAP जैसे नियम लागू हो जाएंगे।

क्या है सिम बाइंडिंग नियम?

सिम बाइंडिंग नियम को दूरसंचार विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नोटिफाई किया है। साल की शुरुआत में यह नियम लागू हो जाएगा। सिम बाइंडिंग ठीक उसी तरह काम करता है, जैसे बैंकिंग ऐप्स में लॉग-इन करने के लिए सिम कार्ड का फोन में होना जरूरी होता है। ऐसे ही वॉट्सऐप, टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया ऐप्स के लिए यूज होने वाला नंबर भी मोबाइल फोन में होना जरूरी है। ऐसे में इन ऐप्स के जरिए होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी। किसी भी नंबर का वॉट्सऐप किसी ऐसे फोन में नहीं यूज किया जा सकेगा, जिसका सिम कार्ड उस डिवाइस में नहीं होगा।

कई सोशल मीडिया कंपनियों ने इसका विरोध किया है। इस नियम के लागू होने पर इंटरनेशनल नंबर से वॉट्सऐप या टेलीग्राम जैसे ऐप यूज करने वाले यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका वॉट्सऐप अकाउंट भारत में यूज नहीं किया जा सकेगा। वॉट्सऐप या अन्य इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप के लिए भारत में बेस्ड सिम कार्ड की जरूरत होगी, ताकि उसे यूजर अपने मोबाइल फोन में लगा सकेंगे। यह नियम यूजर्स को फायदा पहुंचाएगा और इंटरनेशनल नंबर से आने वाले फर्जी कॉल्स को रोका जा सकेगा।

CNAP

CNAP यानी कॉलर नेम प्रजेंटेशन सर्विस को अगले साल पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। फिलहाल जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने कई राज्यों और टेलीकॉम सर्किल में इसका ट्रायल शुरू कर दिया है। आगले साल की पहली छमाही में पूरे देश में इसे लागू किया जा सकेगा। इसमें कॉलर का वो नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा, जिस नाम से सिम खरीदा गया है यानी KYC डॉक्यूमेंट वाला नाम यूजर को कॉल करने पर स्क्रीन में दिखाई देगा। इस तरह से सिम कार्ड किसने नाम पर जारी किया गया है इसकी जानकारी मिल सकेगी और फ्रॉड को रोका जा सकेगा।

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