
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने गुजरात के वलसाड में स्थित वलसाड महिला नागरिक सहकारी बैंक की कमजोर होती वित्तीय स्थिति को देखते हुए उस पर कड़े नियामकीय प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन निर्देशों के तहत अब बैंक के ग्राहक अपने खातों से किसी भी प्रकार की राशि की निकासी नहीं कर सकेंगे। RBI द्वारा जारी ये पाबंदियां ‘डायरेक्शंस’ के रूप में लागू की गई हैं, जो गुरुवार को कारोबार समाप्त होने के बाद से अगले छह महीनों तक प्रभावी रहेंगी।
बैंक पर लगी प्रमुख पाबंदियां
केंद्रीय बैंक के निर्देशों के मुताबिक, वलसाड महिला नागरिक सहकारी बैंक अब RBI की पूर्व अनुमति के बिना कोई नया ऋण नहीं दे सकेगा और न ही मौजूदा ऋणों का नवीनीकरण कर पाएगा। किसी भी प्रकार का निवेश नहीं कर सकेगा। कोई नई देनदारी नहीं ले सकेगा। अपनी किसी भी संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण नहीं कर सकेगा।
इसके साथ ही RBI ने बैंक की वर्तमान नकदी स्थिति (लिक्विडिटी) को ध्यान में रखते हुए उसे बचत, चालू या किसी अन्य खाते से ग्राहकों को धन निकासी की अनुमति न देने का निर्देश दिया है। हालांकि, बैंक को जमा राशि के बदले ऋण का समायोजन (सेट-ऑफ) करने की छूट दी गई है।
RBI ने क्यों उठाया यह कदम?
आरबीआई के मुताबिक, हालिया घटनाक्रमों के चलते बैंक को लेकर गंभीर सुपरवाइजरी चिंताएं सामने आई थीं और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया। केंद्रीय बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने पहले बैंक के बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के साथ मिलकर कामकाज में सुधार की कोशिश की थी, लेकिन पर्याप्त और ठोस सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जाने के कारण सख्त कार्रवाई करनी पड़ी।
जमाकर्ताओं को क्या राहत मिलेगी?
केंद्रीय बैंक ने यह भरोसा दिलाया है कि योग्य जमाकर्ताओं को DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत प्रति जमाकर्ता अधिकतम ₹5 लाख तक की जमा राशि का बीमा लाभ मिलेगा। केंद्रीय बैंक ने साफ किया है कि इन निर्देशों का मतलब बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाना नहीं है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक RBI द्वारा तय शर्तों और प्रतिबंधों के तहत सीमित बैंकिंग सेवाएं जारी रखेगा। आरबीआई ने कहा कि वह बैंक की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है और जमाकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर आवश्यक कदम या निर्देशों में संशोधन करता रहेगा।


