Tuesday, December 30, 2025
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Haryana MMA Fighter Sangram Singh to Fight Turkish Champion in England | 40 साल के हरियाणवी संग्राम सिंह लड़ेंगे बिग फाइट: रोज 6 घंटे वर्कआउट, डाइट में दूध-घी-चूरमा; 20 को इंग्लैंड में तुर्की फाइटर से मुकाबला – Sonipat News


हरियाणा के संग्राम सिंह एक बार फिर अपने दमखम को इंग्लैंड की फाइट में दमखम दिखाते नजर आएंगे। अपनी पत्नी पायल रोहतगी के साथ- फाइल फोटो।

हरियाणा के 40 वर्षीय मिक्सड मार्शल आर्ट (MMA) फाइटर संग्राम सिंह बड़ी फाइट लड़ने जा रहे हैं। यह फाइट 20 दिसंबर को इंग्लैंड में होगी। केज में सामने होगा तुर्की का 25 साल का फाइटर गुलाबी अकबुलूत। एमएमए चैंपियन अकबुलूत स्ट्राइकिंग क्षमता और आक्रामक अंदा

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संग्राम भारतीय और रशियन कोच की निगरानी में रोज 6 घंटे प्रैक्टिस कर रहे हैं। पेरिस, थाईलैंड और बाली में ट्रेनिंग शेड्यूल के बाद मुंबई लौटे हैं। खास बात ये है कि हरियाणवी फाइटर शुद्ध शाकाहार पर निर्भर हैं। दूध-घी-चूरमा उनकी डाइट का अहम हिस्सा है। संग्राम सिंह दो बार एमएमए खिताब जीत चुके हैं। इंग्लैंड के पहली बार केज में उतरेंगे।

प्रिमियर कॉम्बैट फाइटिंग चैंपियनशिप (PCFC) में होने वाला यह मुकाबला उनके करियर की तीसरा प्रोफेशनल फाइट है। संग्राम मूलरूप से रोहतक के मदीना गांव से नाता रखते हैं। एमएमए में बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, रेसलिंग, जूडो, कराटे और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु सब शामिल रहता है। यानी एक ही फाइट में मारना, पकड़ना, गिराना और सबमिशन सब कुछ शामिल होता है।

हरियाणा के संग्राम सिंह का उनके प्रतिद्वंदी के साथ मुकाबले से जुड़ा पोस्टर।

हरियाणा के संग्राम सिंह का उनके प्रतिद्वंदी के साथ मुकाबले से जुड़ा पोस्टर।

पहले पढ़िए, संग्राम सिंह के खेल के रोचक किस्से…

  • 90 सेकेंड में पाक फाइटर नासिर को हराया: 21 जुलाई को जीवन के 40 साल पूरे कर चुके संग्राम सिंह ने पाकिस्तान के अली रजा नासिर को हरा चुके हैं। नासिर ने जॉर्जिया में अपने डेब्यू मैच में मात्र 90 सेकेंड में जीत दर्ज की थी, लेकिन संग्राम के सामने उनका आक्रामक अंदाज टिक नहीं पाया। इसके बाद एम्स्टर्डम में हुई लेवल्स फाइट लीग (LFL) में संग्राम ने ट्यूनीशिया के युवा और तेज-तर्रार चैलेंजर हाकिम ट्राबेलसी को हराकर यूरोपीय सर्किट में पकड़ मजबूत की।
  • फाइट विनर को 50 लाख इनाम व रैंक सुधरेगा: इंग्लैंड में होने वाली इस फाइट को विनर को प्राइज में 50 लाख रुपए मिलेंगे। साथ ही रैंक में सुधार होगा। फाइट के टिकट की कीमत 50 हजार रुपए तक है। उसके बाद टाइटल खेलने के लिए मौका मिलता है। टाइटल के दौरान करोड़ों रुपए मिलते हैं। संग्राम सिंह ने पिछली फाइट 2 नवंबर को नीदरलैंड में लड़ी और जीती।
  • तुर्की का अकबुलूत-आक्रामक खेल शैली का प्रतिद्वंद्वी: अकबुलूत यूरोप में अपनी मजबूत स्ट्राइकिंग, तेज शुरुआत और विरोधी पर लगातार दबाव बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। गति और ताकत का अनोखा मिश्रणउन्हें एक बेहद खतरनाक प्रतिद्वंद्वी बनाता है। खेल से जुड़े एक्सपर्ट कहते हैं कि संग्राम को इस मुकाबले में बेहद सधे हुए अंदाज में उतरना होगा, क्योंकि मामूली गलती भी इस तरह के फाइटर के सामने भारी पड़ सकती है। ये अनुभव बनाम आक्रामकता की टक्कर होगी।
  • संग्राम सिंह ने कहा-यह मेरी हर सांस की परीक्षा: दैनिक भास्कर एप से बातचीत में संग्राम सिंह ने कहा-इस मुकाबले के लिए बेहद उत्साहित हूं। पहली बार इंग्लैंड के केज में उतर रहा हूं, और पहली बार किसी शीर्ष तुर्की पावरहाउस अकबुलूत का सामना करूंगा। यह सपनों का मुकाबला है जो मेरी हर सांस की परीक्षा लेगा। संग्राम के कोच भूपेश कुमार ने कहा- संग्राम ने पिछले महीनों में कार्डियो, ग्रैपलिंग और डिफेंसिव तकनीकों पर ज्यादा ध्यान दिया है।

तीन साल के थे तब डॉक्टर्स ने कहा- बचने के चांस कम संग्राम बताते हैं-3 साल का था, जब मुझे रुमेटॉइड गठिया हो गया था। लंबे समय तक कोई इस बीमारी को समझ नहीं पाया। कोई कहता था कि पेट में कीड़े पड़ गए हैं, तो कोई अलग ही बीमारी बता देता। डॉक्टर्स के साथ वैद्य से भी इलाज करवाया गया।

इलाज के लिए 2 से 3 किलोमीटर तक मां गोद में लिए पैदल ही चलती थीं। किसी गाड़ी या टैक्सी के लिए पैसे नहीं होते थे। शरीर में दर्द बढ़ता गया। शरीर पतला हो गया। खुद से खाना भी नहीं खा पाता था। मां गोद में उठाकर नित्य कर्म के लिए ले जाती थीं।

किसी तरह पैसे इकट्ठा करके घरवालों ने मुझे दिल्ली के हॉस्पिटल में दिखाया। वहां के डॉक्टर ने कहा कि यह बीमारी मौत के साथ जाती है। इसके बचने के बहुत कम चांसेज हैं। इतना सब कुछ सुनने के बाद भी मेरे घरवालों ने हार नहीं मानी। उन्हीं की मेहनत और परमात्मा के आशीर्वाद से मैं ठीक हो गया और खुद के पैरों पर खड़ा हुआ।’

अब जानिए, संग्राम सिंह की इस बड़ी फाइट को लेकर क्या तैयारी…

  • रशियन कोच हायर किया: संग्राम सिंह ने भारतीय कोच भूपेश के साथ ही एक रशियन कोच हायर किया है। एक भारतीय फिजियोथैरेपिस्ट फाइट के लिए हायर किया है। 21 लाख रुपए भुगतान का कांट्रेक्ट है।
  • रोज एक हजार सिट-अप्स: रोजाना 6 घंटे में वर्कआउट, ट्रेनिंग, फिजियोथैरेपी और फाइट से जुड़ी प्रैक्टिस कर रहे हैं में जुटे हुए हैं। 1000 सिट-अप, सूर्य नमस्कार और कई तरह के योग करते हैं। सप्ताह में तीन दिन बैडमिंटन और फुटबॉल खेलते हैं। रेसलिंग करते हैं।
  • दिन में 2 बार खाना: एक्सरसाइज के दौरान अलग-अलग फल खाते हैं, बादाम लेते हैं। लंच में दाल, सब्जी और सलाद रहता है। रोज लगभग 200 ग्राम घी लेते हैं। दिन में दो बार ही भोजन लेते हैं। डिनर में वे मीठा दलिया व दूध पीते हैं। रोजाना 1 लीटर दूध ले रहे हैं। सप्ताह में एक दिन चूरमा और हलवा जरूर खाते हैं।
  • रोज हनुमान चालीसा का पाठ: सोने से पहले रोज हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और मंदिर जाते हैं। कहते हैं-जीवन में माता-पिता और गुरु का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। मां से प्यार मिलता है, पिता से सुरक्षा और गुरु से समर्पण भाव मिलता है।

स्कूल में बच्चे बीमारी का मजाक बनाते थे संग्राम बताते हैं- एक वक्त ऐसा था कि लोग मेरी इस कमजोरी का मजाक बनाते थे। स्कूल में भी लोग हंसते थे। उस समय व्हीलचेयर जैसी चीजें आम नहीं थीं। लकड़ी का सहारा लेकर किसी तरह चलता था। चलते वक्त ऐसा महसूस होता था कि मानो पैरों में कांटे चुभ रहे हों।

गांव में कुश्ती देख पहलवान बनने का फैसला किया एक दिन मैंने गांव में कुश्ती देख ली। किसी ने मुझे बैसाखी के जरिए अखाड़े तक पहुंचाया। अखाड़े में पहलवानों के खाने के लिए दूध-दही और घी की व्यवस्था थी। साथ में पैसे और बहुत सारा सम्मान भी मिलता था। मैं मन ही मन बहुत प्रभावित हुआ। सोचने लगा कि काश, मैं भी कुश्ती खेल पाता। मेरे बड़े भाई साहब अखाड़े में जाते थे।

वहां खड़े एक मेंटर से मैंने कहा कि मुझे भी कुश्ती सीखनी है। उन्होंने मेरा मजाक बना दिया, बेइज्जती की। कहा कि अगर तुम कभी कुश्ती खेल सकोगे तो देश का कोई भी बच्चा कुश्ती में भाग ले सकेगा। मां को यकीन था कि इतनी खतरनाक बीमारी के बावजूद वे रेसलिंग कर सकते हैं। संग्राम की बॉडी की तंदरुस्ती के लिए मां दिन में कई बार मसाज करती थीं।

ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में पहला मेडल जीता संग्राम बताते हैं- दिन बीतते गए। हर दिन के साथ मेरी बीमारी सही होती गई। मैंने दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद के लिए प्रयास किया, जिसमें सफल भी हुआ। इसके बाद ऑल इंडिया पुलिस गेम्स के अंडर होने वाले कुश्ती प्रतियोगिता में पहला मेडल जीता।



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