Foreign investors selling: विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से धड़ाधड़ पैसा निकाल रहे हैं. ये इस स्पीड से भारतीय शेयर बेच रहे हैं जैसा पहले कभी नहीं देखा गया. 2025 में अब तक FIIs ने हर कारोबारी घंटे में लगभग 152 करोड़ रुपये की इक्विटी बेचे हैं. हालांकि, SIP में निरंतर निवेश के चलते घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इस झटके को किसी तरह से झेल लिया है.
तुमने बेचा और हमने खरीदा
विदेशी निवेशकों ने इस साल सेकेंडरी मार्केट के जरिए 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक के भारतीय शेयर बेचे. ट्रेडिंग कैलेंडर के मुताबिक, यह हर कारोबारी दिन लगभग 900 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाने या बाजार खुलने पर हर घंटे लगभग 152 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जाने के बराबर है. हालांकि, राहत की बात यह है कि इस लगातार बिकवाली के दबाव के बावजूद बेंचमार्क इंडेक्स फ्लेक्सिबल बने हुए हैं. दिसंबर में भी यही क्रम बना रहा.
इस महीने अब तक के सभी कारोबारी दिनों में विदेशी निवेशकों ने अपने हिस्से के भारतीय शेयर बेचे. इन्होंने एक्सचेंजों के जरिए करीब करीब 15,959 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. इस स्थिति को संभालने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाते हुए इसी अवधि के दौरान लगभग 39,965 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इससे पता चलता है कि फिलहाल बाजार की कमान विदेशी नहीं, बल्कि घरेलू निवेशक थामे हुए हैं. एक्सपर्ट्स का भी यही मानना है कि अगर घरेलू निवेशकों ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया होता, तो बाजार पर दबाव और ज्यादा बढ़ जाता.
SIP का बड़ा योगदान
स्थिति को संभालने में SIP के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. बीते लगातार तीन महीनों से SIP म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश हो रहा है. इस दौरान SIP इनफ्लो 29,445 करोड़ रुपये रहा. SIP म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश से पता चला कि निवेशकों का भरोसा अब भी भारतीय शेयर बाजार में बना हुआ है. SIP में लॉन्ग टर्म में निवेश से बाजार को स्टेबिलिटी मिल रही है. इस तरह से जहां FIIs एक तरफ से शेयर बेच रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ से DIIs शेयरों में दांव लगाकर बैलेंस बनाकर चल रहे हैं.
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